फसल प्रदर्शन हेतु अनुदान
देय लाभ
- फसल उत्पादन की उन्नत शष्य क्रियाओं एवं नवीनतम प्रौद्योगिकी किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रदर्शन का कृषक के खेत पर आयोजन।
- विभिन्न फसलों के फसल प्रदर्शन आयोजन हेतु निम्नानुसार अनुदान देय हैः-
क्र सं | प्रदर्शन कार्यक्रम | प्रदर्शन पर देय अनुदान |
फसल का नाम | आदानों के वास्तविकव व्यय का | |
1 | मूंगफली, मूंग, मोठ, अरहर, उडद ग्वार, गेहॅूं, चना, मसूर | अधिकतम 7500 रूपये प्रति है |
2 | सोयाबीन | अधिकतम 4500 रूपये प्रति है |
3 | सूरजमुखी | अधिकतम 4000 रूपये प्रति है |
4 | तिल, अरण्डी, कुसुम, सरसों एंव तारामीरा | अधिकतम 3000 रूपये प्रति है0 |
5 | कपास | अधिकतम 7000 रूपये प्रति है |
6 | ज्वार, बाजरा, मक्का एवं जौ | अधिकतम 5000 रूपये प्रति है |
7 | फसल पदृती आधारित प्रदर्शन | अधिकतम 12500 रूपये प्रति है |
पात्रता
- ऐसे कृषक जो विभागीय शष्य क्रियाओं की अनुपालना कर सकें तथा आवश्यकता होने पर मापदण्ड के अनुसार देय सहायता राशि के अतिरिक्त राशि वहन कर सकें।
- चयनित प्रदर्शन क्षेत्र में शुष्क खेती प्रदर्शन के अलावा सिंचाई की सुचिधा होनी आवश्यक है।
- एक कृषक परिवार के एक ही सदस्य को प्रदर्शन आवंटन किया जाएगा।
- प्रदर्शन का आवंटन जिले की जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति तथा बीपीएल परिवारों के कृषकों को प्राथमिकता। 30 प्रतिशत आवंटन महिला कृषकों को किया जाता है।
- प्रदर्शन आयोजन सघन क्षेत्र में होगा। सघन क्षेत्र एक गांव में उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में प्रदर्शन क्षेत्र के लिये समीपवर्ती गांव का भी चयन किया जा सकता है।
- प्रदर्शन में उपयोग लेने से पूर्व बीजों को विभागीय सिफारिश के अनुरूप फंफूदनाशी रसायन, कीटनाशक रसायन, राईजोबियम, कल्चर/पी.एस.बी/एजेटोबैक्टर आदि से उपचारित किया जाना आवश्यक होगा।
- प्रत्येक फसल प्रदर्शन क्लस्टर का मृदा परिक्षण करवाकर मृदा परिक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही आवश्यक मुख्य पोषक तत्वो के साथ-साथ सुक्ष्म पोषक तत्वों का आवश्यक रूप से उपयोग करते हुए फसल प्रदर्शनों का आयोजन।
- प्रदर्शन आयोजन स्थल पर प्रदर्शन प्लॉट के साथ-साथ एक सहज नियंत्रण प्लॉट भी होना आवश्यक है।
- राष्ट्रीय तिलहन एंव ऑयल पॉम मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं राज्य योजना अन्तर्गत एक किसान के खेत पर अधिकतम 1 हैक्टेयर का एक प्रदर्शन लगाया जा सकता है। जोत का आकार कम होने की स्थिति में प्रति किसान 1 हैक्टेयर से कम क्षेत्र् सम्मिलित करने पर Pro-rata Basis पर अनुदान देय होगा।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में प्रत्येक किसान का कम से कम 0.4 हैक्टेयर क्षेत्रफल होना आवश्यक है।
- ऐसे कृषक जिन्हें गत तीन वर्ष में फसल प्रदर्शन कार्यक्रम में लाभान्वित नहीं किया गया हो।
आवेदन प्रक्रिया
- फसल प्रदर्शनों के आयोजन हेतु कृषि पर्यवेक्षक द्वारा सम्बन्धित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं अन्य निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक में विचार विमर्श कर पात्र कृषकों का चयन किया जायेगा।
- कृषि पर्यवेक्षक द्वारा पात्र कृषकों का चयन कर लक्ष्य से तीन गुना अधिक सूची तैयार की जाएगी।
- फसल प्रदर्शन हेतु कलस्टर का चयन लॉटरी के माध्यम से आवेदन किया जायेगा।
समय अवधि
- बुवाई से कम से कम 15 दिन पूर्व।
आदान उपलब्धता
- केवीएसएस/जीएसएस के माध्यम से।
कहां सम्पर्क करें
- ग्राम पंचायत स्तर पर :- कृषि पर्यवेक्षक कार्यालय
- पंचायत समिति स्तर पर :- सहायक कृषि अधिकारी कार्यालय
- उप जिला स्तर पर :- सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कार्यालय
- जिला स्तर पर :- उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद कार्यालय