बिहार:फसल प्रोसेसिंग एवं ब्रांडिंग के लिए सरकार दे रही है 90 प्रतिशत का अनुदान

बिहार उद्यानिकी उत्पाद विकास योजना

किसान अपनी फसल को बहुत मेहनत तथा अधिक लागत लगाकर खेती करता है लेकिन जब उसे बेचने के लिए बाजर तथा मंडी में जाता है तो उसे लागत नहीं मिलती है | हालत यहाँ तक खराब हो जाता है की किसान की फसल को खरीदने वाला कोई व्यापारी नहीं मिलता है | खासकर जायद फसल (सब्जी की फसल) को अधिक उत्पादन पर खरीदार नहीं मिलता है | हर वर्ष किसी न किसी राज्य में किसान टमाटर, आलू, प्याज इत्यादी फसल को रोड पर फेक देते हैं | इसका मुख्य कारण यह है की खिरीदार नहीं मिलता है | पिछले दिनों मध्य प्रदेश के नीमच मंडी में किसान ने प्याज को छोड़कर घर चला दिया है |

इसी समस्या से किसान को निकालने के लिए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार किसानों के साथ मिलकर बाजार विकसित करने में लगी हुई है | इसी क्रम में बिहार सरकार ने किसानों को अपने माल को बेचने के लिए बाजार बनाने जा रही है | इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण के साथ – साथ मशीन भी देने जा रही हैं सरकार ने इसके साथ ही बाजार उपलब्ध करनाने में मदद कर रही है | राज्य सरकार इसके लिए किसानों को 90 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है |इस योजना की पूरी जानकरी किसान समाधान लेकर आया है |

यह योजना कहाँ – कहाँ लागु की गई है ?

बिहार राज्य उद्यानिकी उत्पाद विकास योजना के तहत सभी जिलों में लागु किया गया है  लेकिन सभी जिलों को अलग – अलग फसलों के लिए चयन किया गया है | प्रथम चरण में इस योजना का संचालन राज्य के 9 जिले रोहतास, अररिया, समस्तीपुर, पूर्वी चम्पारण, भोजपुर, शेखपुरा, बक्सर, नालन्दा एवं वैशाली में लागु किया गया है | इस योजना के तहत रोहतास में टमाटर, अररिया, समस्तीपुर में हरी मिर्च, पूर्वी चम्पारण में लहसुन, भोजपुर में हरा मटर, शेखपुरा, बक्सर में प्याज, नालंदा में आलू और वैशाली में मधु उत्पादन को प्रोत्साहित किया जायेगा |

इस योजना के संचालन के द्वितीय चरण में भागलपुर, दरभंगा, पटना, सहरसा में आम, पशिक्षिम चम्पारण में हल्दी, किशनगंज में अनानास, समस्तीपुर, मुज्जफरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर में लीची, कटिहार खगड़िया में केला एवं कैमुर अमरुद की खेती को बढ़ावा दिया जायेगा | इसके अतिरिक्त गया, औरंगाबाद एवं अन्य जिलों में पपीता, आँवला, पान जैविक सब्जी, गेंदा , गुलदाउदी एवं धनिया फसल का प्रोजेक्ट फाईनेंशियल अब्सट्रेक्ट एवं मशिनरिज डिटेल तैयार कर योजना का कार्यान्वयन कराया जायेगा |

यह योजना किस तरह से लागु किया गया है ?

यह योजना बिहार राज्य में लागु किया गया है | इस योजना को तिन भागों में बाटकर 5 वर्षों में पूरा किया जायेगा | प्रथम वर्ष में समूह के गठन के उपरांत सभी ढाँचागत सुविधा एवं मशीन आदि की स्थापना हेतु राशि उपलब्ध करायी जायेगी | दिवतीय एवं तृतीय वर्ष में उत्तम कृषि क्रियाओं (जी.ए.पी.) पैकेजिंग मैटेरियल एवं जी.एच.पी. हेतु ही राशि उपलब्ध करायी जायेगी | समूह के प्रस्ताव के आलोक में चतुर्थ एवं पंचम वर्ष में यथावश्यक मरम्मति एवं आकस्मिकता हेतु राशि उपलब्ध करायी जायेगी |

इस योजना के तहत संबंधित जिलों के लिए चिन्हित फसलों के पूर्व से आच्छादित एवं उपलब्ध क्षेत्रों को क्लस्टर के रूप में चिन्हित किया जाएगा | एक क्लस्टर में 50 हेक्टयर रकबा को सम्मिलित किया जायेगा | चिन्हित क्लस्टर में सम्मिलित सभी कृषकों का एक समहू तैयार कर समूह का पंजीकरण कराया जायेगा एवं समूह के प्रत्येक सदस्यों को कार्यक्रम के तहत अपनाये जाने वाले विभिन्न क्रिया – कलाप के लिए प्रशिक्षत कराया जायेगा | चिन्हित क्लस्टर को उत्तम कृषि क्रियाओं से लाभान्वित / आच्छादित कर उधानिक फसलों की गुणवत्ता में वृद्धि करायी जायेगी | प्रत्येक क्लस्टर को एक पैक हॉउस यूनिट से लाभान्वित कर सुदृढ किया जायेगा , जहां उधानिक उत्पाद के कलेक्सन, वांशिग, ग्रेडिंग आदि सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी|

इस बात का ध्यान रखना होगा की बिहार राज्य में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलने के कारण आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है | इस योजना से बिहार के किसानों का आर्थिक लाभ प्राप्त होगा और साथ ही साथ नवयुवक किसान को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा |

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अब इन किसानों का होगा 1 लाख रुपये तक का कर्ज माफ

किसान कर्ज माफी की लिस्ट में एक राज्य का नाम और जुड़ा

जैसे – जैसे चुनाव नजदीक आ रही है वैसे ही किसानों के अच्छे दिन आ रहा है | कभी किसानों की कृषि कर्ज को लेकर बैंक वाले जमीन तक नीलाम कर देते थे , किसान की घर की कुर्की होती थी | सरकार मौन हो जाती थी | देश में किसान संगठन रैली पर रैली करता था | कहीं कोई सुनता नहीं , कोई बोलता नहीं सब शांत हो जाते थे | देश में किसान की आबादी बहुसंख्यक होने के बाबजूद भी राष्ट्रीय मुद्दा तथा सरकार की प्राथमिकता से गायब रहता था |

अब जब देश में लोक सभा का चुनाव जैसे ही नजदीक आने लगे किसानों के अच्छे दिन आ गये | एक के बाद एक राज्य सरकार किसानों के लोन माफ़ कर रहा है | इस वर्ष मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ , राजस्थान के बाद अगला राज्य तेलंगाना राज्य का नाम आया है | तेलंगाना राज्य ने अपने राज्य के किसानों के लिए कृषि कर्ज माफ़ करने की घोषणा किया है |

कितना ऋण होगा माफ

दरअसल तेलंगाना राज्य का बजट सत्र चल रहा है | इस बजट सत्र में तेलंगाना के बजट सत्र में मुख्य मंत्री  मंत्री ने बजट में यह घोषणा किया है की राज्य के किसानों को 1 लाख का लोन माफ़ किया जायेगा | इसके लिए राज्य सरकार ने 6,000 करोड़ रुपया भी जरी कर दिया है | यह लोन माफ़ी वर्ष 2018 के तेलंगाना राज्य विधान सभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल था | इसलिए मुख्य मंत्री ने यह कहा की सरकार किसानों के प्रति अपना वादा पूरा किया है |

यह भी दिया गया किसानों को

इसके पहले तेलंगना ऐसा पहला राज्य है जिसने अपने राज्य के किसानों को सीधे बैंक खातों में पैसा देना शुरू किया है | इसके तहत प्रदेश के सभी किसानों को रायतु बंधू योजना के तहत 8,000 रुपया /एकड़ की दर से दो किश्तों में दिया है | जिसे इस बजट में बढ़कर 10,000 रुपया कर दिया गया है | इसी योजना को ध्यान में रखते हुये केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 – 20 के बजट में किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6,000 रुपया / परिवार देना की घोषणा किया है | चुनावी वर्ष होने के कारण ही सही लेकिन इस वर्ष किसानों के अच्छे दिन जरुर आयें हैं | इन सभी योजना से किसानों को कुछ आर्थिक मदद मिलेगी  |

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आज 25 लाख किसानों के इन बैंकों में कर्ज माफी के 2 लाख रुपये तक किये जाएंगे जमा

किसानों के बैंक खातों में पहुंचेगी कर्जमाफी की राशि

लम्बे इंतजार के बाद आज कृषि कर्ज माफ़ी का पैसा दिया जा रहा है | लोन माफ़ी को जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजना नाम दिया गया है | जिसके अंतर्गत सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक, तथा राष्ट्रीय बैंकों को शामिल किया गया है | इन सभी बैंकों के खाता धारक किसानों के 2 लाख रुपया तक का लोन आज से माफ़ कर दिया जायेगा | इस लोन माफ़ी से प्रदेश के ज्यादातर किसान डिफाल्टर की श्रेणी से बाहर आ जायेंगे | इसको लेकर किसानों के बीच आश्चर्य और उम्मीद बनी हुई है | इस कर्ज माफ़ी को किसान समाधान शुरू से ही आप लोगों तक जानकारी पहुंचा रहा है | आज लोन माफ़ी का पैसा किसको और कितना मिलेगा की जानकारी लेकर आये हैं |

जय किसान योजना किस प्रदेश के लिए है ?

ऐसे तो लोन माफ़ी तीन राज्य राजस्थान मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में किया जा रहा है  लेकिन आज जो कर्ज माफ़ी का पैसा दिया जा रहा है वह मध्य प्रदेश के किसानों के लिए  है | जय किसान के नाम से कृषि कर्ज माफ़ी शुरू किया गया | जिसकी शुरुआत आज मध्यप्रदेश के रतलाम जिले से किया जा रहा है |

इस योजना के तहत कितने बैंक शामिल है ?

जय किसान माफ़ी योजना के तहत सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक के साथ 9 राष्ट्रीय बैंक को शमिल किया गया है | यह 9 राष्ट्रीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया , बैंक आफ इंडिया, यूनियन बैंक आफ इंडिया, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, ओरिएन्टल बैंक आफ कामर्स, इलाहाबाद बैंक, बैंक आफ महाराष्ट्र, सेन्ट्रल एमपी ग्रामीण बैंक नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक के खाता धारक किसानों की कर्ज माफ़ किया जा रहा है |

कितने किसानों का कर्ज माफ़ किया जा रहा है ?

जय किसान माफ़ी योजना के तहत 25 फरवरी से एक मार्च तक 383 तहसीलों में सम्मलेन कर के 25 लाख 49 हजार 451 किसानों का लोन माफ़ कियक जायेगा | इस योजना के तहत अधिकतम 2 लाख रुपया का कर्ज माफ़ होगा |

कुल कितना कर्ज माफ़ हो रहा है ?

आज मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने रतलाम जिले से राशी अंतरण कर के इस योजना की शुरुआत करेंगे | जो 1 मार्च तक चलेगा | इसके तहत कुल 10 हजार 123 करोड़ रुपए का कर्ज माफ़ किया जायेगा |

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देश में 3 करोड़ सोलर पम्प स्थापित करने वाली कुसुम योजना का क्या हुआ

किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) स्कीम

केंद्र सरकार ने किसानों के लिए वर्ष 2018 – 19 के बजट में सिंचाई के लिए सोलर पम्प  स्थापित करने के लिए कुसुम योजना की घोषणा की थी  | इस योजना के तहत किसानों को अपने भूमि में सोलर यूनिट की स्थापना करना था जिससे किसान अपनी ऊर्जा जरुरत को पूरा कर इसके बाद बची हुये बिजली को सरकार को बेच कर अतिरिक्त आय का प्रावधान है  | यह योजना राज्य सरकार की सहायता से चलानी थी | इस योजना के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 2 मेगावाट की क्षमता वाले प्रत्येक ग्रीड से जुड़े सौर संयंत्रों की स्थापना करना था |

लेकिन मजे की बात यह है की एक वर्ष से ज्यादा बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार ने योजना के तहत पैसा आवंटन नहीं किया है और नहीं किसी तरह के देश तथा प्रदेश स्तर पर प्रक्रिया की शुरुआत की गई है | पहले यह देखते है की वर्ष 2018 – 19 के बजट भाषण में इस योजना के लिए क्या कहा गया है | 

बजट में सरकार ने कुसुम योजना के विषय में क्या कहा था जानने के लिए क्लिक करें

योजना के मुख्य उद्देश्य 

अनेक किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए सौर जल पंप संस्थापित कर रहे हैं | सौर विधुत उत्पादन किसान द्वारा अपने खेतों का प्रयोग करके सौर ऊर्जा का उत्पादन करते हैं | भारत सरकार इस संबंध में आवश्यक उपाय करेगी तथा राज्य सरकारों को एक एसा तंत्र विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी जिससे उनके अधिशेष सौर विधुत को वितरण कंपनियों या लाइसेंस धारकों द्वारा उचित लाभकारी मूल्यों पर खरीद लिया जाए |

एक वर्ष के बाद केंद्र सरकार ने अपने बजट की वेबसाईट पर 26/06/2018 यह लिख रखा है की कुसुम योजना का मूल्यांकन चल रहा है , जिसे जल्द पूरा किया जायेगा | पहले यह देखते हैं की केंद्र सरकार ने अपने बजट के वेबसाईट पर क्या लिख रखा है |

बजट वेबसाइट पर योजना के विषय में उपलब्ध जानकरी 

ई.एफ.सी. ने 26/06/2018 को किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम)स्कीम का मूल्यांकन किया और उसके कार्यान्वयन की सिफारिश की | इस स्कीम के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किये जा रहे हैं |

यह स्कीम विकेंद्रीकृत जमीन पर उठे ग्रीड में जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने , कृषि के लिए स्टैंड अलोन वाटर पंप संस्थपित करने, मौजूदा ग्रीड में जुड़े कृषि पंपों और ट्यूब वेलों / लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं को सौर ऊर्जा युक्त बनाने के लिए तैयार की गई है ताकि किसानों को वित्तीय और जल सुरक्षा प्रदान की जा सके |

राज्य सरकारों / डीस्कामों को एक एसा तंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन किया जाएगा जिसके माध्यम से अधिशेष सौर ऊर्जा को राज्यों द्वारा लाभकारी प्रशुल्क देकर वितरण कंपनियों द्वारा खरीदी जा सकेगी |

सवाल यह उठता है की 2,000 रुपया देने के लिए सरकार इतनी तत्पर है की मार्च तक सभी किसानों को पैसा बैंक अकाउंट में दिया जायेगा | तो फर एक वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कुसुम योजना को शुरू क्यों नहीं किया है |

इसी तरह सरकार की अनेकों ऐसी योजना है जो एक वर्ष से ज्यादा हो जाने के बाद भी शुरू नहीं हो सकी  है | एक तरफ सरकार पुरानी योजना जिनकी घोषणा बहुत पहले सरकार कर चुकी है परन्तु उसकी कोई प्रगति नहीं हुई है वहीँ दूसरी तरफ नई – नई योजनाओं की घोशनाएँ करती जा रही है | कुसुम योजना को सरकार ने महा अभियान के रूप में पेश किया था |

अभी हाल ही में लोकसभा में 12/02/2019 को एक सवाल के जबाब देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री पुरषोत्तम रुपाला ने कहा की कुसुम योजना को अनुमोदित करने की प्रक्रिया जारी है |

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चना,मसूर और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद

चना,मसूर और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद

केंद्र सरकार प्रति वर्ष देश के सभी किसानों के लिए 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी करता है | फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य फसलों की बुआई से पहले जारी किया जाता है | न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी करने का मकसद यह रहता है की किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन से अधिक मूल्य मिल सकें |

न्यूनतम समर्थन मूल्य का मतलब यह भी रहता है की किसी किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य मिल रहा है तो उसे सरकार खरीदेगी| इस वर्ष केंद्र सरकार ने सरसों का 4200 रुपया, चना का 4620 रुपया तथा मसूर का 4450 रुपया घोषित किया है | प्रत्येक वर्ष अलग – अलग राज्यों के द्वारा किसानों से रबी फसल की खरीदी करती है | राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के किसान कैसे और कब बेच सकेगें |

इसी क्रम में राज्य सरकार ने अपने – अपने राज्य के किसानों को रबी फसल को खरीदी शुरू कर रही है | इसके लिए किसान को पंजीयन कराना जरुरी रहता है | जो 15 जनवरी से शुरू कर दिया गया था और अब भी जारी है | जिस किसान ने अपने – अपने राज्यों में रबी फसल को बेचने के लिए पंजीयन करा चुके हैं तो उसकी खरीदी 25 मार्च से बेच सकते हैं |

मध्यप्रदेश

प्रदेश में रबी वर्ष 2018 की रबी उपज चना, मसूर और सरसों का समर्थन मूल्य पर उपार्जन 25 मार्च से 90 दिन तक किया जायेगा | केंद्र शासन ने तीनों जिंसों की कुल 15 लाख 62 हजार 500 मीट्रिक टन खरीदी का अनुमोदन प्रदान किया है | इसमें अधिकतम 11 लाख 48 हजार 750 मीट्रिक टन चना, एक लाख 69 हजार 750 मीट्रिक टन मसूर तथा अधिकतम 2 लाख 44 हजार मीट्रिक टन सरसों शामिल है | इस बार खास बात है की सरकार किसानों को फसल खरीदने के बाद 3 दिन में भुगतान कर देगी |

राजस्थान

राज्य में अलग – अलग जिलों में रबी फसल अलग – अलग समय आने के कारण राज्य सरकार ने खरीदी का समय भी अलग – अलग घोषित किया है | कोटा संभाग में फसल जल्दी आने के कारण सरसों की खरीदी 15 मार्च तथा चने की खरीदी 25 मार्च खरीदी करेगी | कोटा को छोड़ बाकि सभी संभ्गों में सरसों तथा चना की खरीदी 1 अप्रैल से किया जायेगा |

 सरकार इस वर्ष 9 लाख मीट्रिक टन सरसों , 5.50 मीट्रिक टन चना की खरीदी का लक्ष्य रखा है | इस बार खास बात यह है की सरसों तथा चना की खरीदी 90 दिनों तक किया जायेगा | कुछ दिनों में राजस्थान सरकार किसानों की सरसों तथा चना खरीदी के लिए पंजीयन की प्रक्रिया शुरू किया जायेगा |

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कल से आपके बैंक खाते में आने लगेगा कर्ज माफी का पैसा

फसल ऋण माफी योजना की राशि का भुगतान

पूर्व से तय समय के अनुसार कृषि लोन का पैसा किसानों के खातों में दिया जा रहा है | इसके लिए राज्य सरकार ने किसानों का पूरा डाटा तैयार कर लिया है | कल 22/02/2019 से कृषि लोन का पैसा सीधे किसानों को खाते में दिया जायेगा | यह पैसा 22 फरवरी से 1 मार्च तक सहकारी , ग्रामीण , राष्ट्रीय बैंकों के खातों में ट्रांसफर कर दिया जायेगा |

कितने किसानों को लाभ मिलेगा ?

मध्य प्रदेश सरकार जय किसान फसल ऋण माफ़ी योजना के अनुसार सभी पात्र किसानो का दावा राशी स्वीकृत किया है | इसके लिए मध्य प्रदेश के सहकारी, ग्रामीण, राष्ट्रीय बैंकों द्वारा 20 फ़रवरी को प्रात: 8 बजे तक 20.28 लाख फसल ऋण खातों की प्राविधिक दावा स्वीकृति की गई है | 1 लाख 89 हजार दावे अंतिम रूप से भुगतान हेतु स्वीकृत कर दिये गये हैं | इनमे से मंगलवार रात्रि 8 बजे से आज सुबह 8 बजे की अवधि में 87 हजार दावे भुगतान हेतु अंतिम रूप से स्वीकृत किये गये हैं |

किसानों को लोन माफ़ी का प्रमाण पत्र दिया जायेगा

राज्य शासन के निर्णयानुसार 25 फरवरी से एक मार्च तक प्रदेश की 383 ग्रामीण तहसीलों में तहसील स्तर पर किसान सम्मेलन किये जाएंगे | सम्मेलन में चालू ऋण खाता धारक किसानों को कालातीत फसल ऋण माफ़ी के प्रकरणों में ऋण माफी पत्र प्रदान किये जाएंगे | जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति के अनुमोदन के बाद संबंधित बैंक में योजना के प्रवधान के अनुसार राशि जमा कराई जायेगी |

तहसील स्तर पर आयोजित किसान सम्मलेन में किसानों को सम्मान ताम्रपत्र एवं फसल ऋण माफ़ी प्रमाण – पत्र वितरित किये जाएंगे | जो किसान कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाएंगे, उन्हें पात्रतानुसार किसान सम्मान ताम्रपत्र तथा फसल ऋण माफ़ी पत्र उनके निवास पर मैदानी अमले द्वारा अनिवार्यत: पहुँचाने के निर्देश दिये गए हैं |

कितनी राशि दी जा रही हैं 

जैसा की मालूम है की मध्य प्रदेश में 17 दिसम्बर को राज्य के सभी किसानों को 2 लाख रुपया का लोन माफ़ किया गया है | यह लोन माफ़ी की घोषणा सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक, राष्ट्रीय बैंक के खाता धारक किसानों का था | इस लोन माफ़ी योजना के तहत प्रदेश के लगभग 1 लाख 89 हजार खाता धारकों के द्वारा दावा किया गया है | लोन माफ़ी से परदेश सरकार पर 55 हजार करोड़ रुपया का अतरिक्त भर पद रहा है |

ऋण माफ़ी का लाभ लेने के लिए किसानों को 15 जनवरी से 31 जनवरी तक लोन माफ़ी का फार्म भरना था | जिस किसान ने लोन माफि का फार्म भरा था उसे इस योजना का लाभ दिया जा रहा है | यह देश की पहली लोन माफ़ी है जिसमें डिफाल्टर तथा नॉन डिफाल्टर दोनों किसानों को शामिल किया गया है |

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मूंग,उड़द और मूंगफली की बकाया राशि का भुगतान किसानों के बैंक खातों में किया जा रहा है

मूंग,उड़द और मूंगफली बकाया राशि

किसानों की लगातार यह सवाल था की सरकार ने जो मुंग , उड़द तथा मूंगफली की खरीदी किया है उसका बकाया अभी तक नहीं दिया गया है | किसान यह सवाल लागत उठा रहे थें की चुनाव हो गया है अभी भी पैसा नहीं दिया जा रहा है , कब तक पैसा दिया जायेगा |

कितनी खरीदी की गई 

मध्य प्रदेश के सरकार ने खरीफ 2018 में प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत प्रदेश के 35 जिलों में मुंग, उड़द और मूंगफली का उपार्जन कर किसानों को राशि का भुगतान सहकारी समितियों के माध्यम से करवाया जा रहा है | प्रदेश में मुंग का 2129.52 मीट्रिक टन, उड़द का 351778.43 मीट्रिक टन और मूंगफली का 28485.14 मीट्रिक टन उपार्जन समितियों ने किया है | ई-उपार्जन पोर्टल के आधार पर भारत सरकार की समर्थन मूल्य योजना में 2028.77 मीट्रिक टन मुंग, 339185.52 मीट्रिक टन उड़द और 28324.37 मीट्रिक टन मूंगफली का उपार्जन किया गया है जो उपार्जित मात्रा का 97 प्रतिशत है |

राज्य सरकार ने किसानों के लिए मुंग के लिये 1415.17 लाख रूपये, उड़द के लिये 189943.91 लाख और मूंगफली के लिये 204791 लाख रूपये का भुगतान उपार्जन समितियों को किया गया है | यह पैसा जल्द ही किसानों के खातों में भुगतान किया जायेगा |

किसान क्या करें ?

कृषक बंधुओं से भी सहाकरी समितियों से सम्पर्क कर अपनी उपज का मूल्य प्राप्त करने का आग्रह किया गया है |

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पीएम किसान योजना के तहत 6,000 रूपये लेने के लिए यहाँ पंजीयन करें

पीएम किसान योजना के लिए पंजीयन कहाँ करवाएं

केंद्र सरकार के वर्ष 2019 – 20 बजट की महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना है | इस योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपया दिया जायेगा , जो देश के 2 हेक्टयर से कम भूमि वाले लगभग 12 करोड़ किसानों दिया जायेगा | इसके लिए सरकार ने 75,000 करोड़ रुपया जारीभी कर दिया है  | इस योजना को पिछले वर्ष के 1 दिसम्बर से लागु किया गया है | इस योजना का पहला किश्त 2,000 रुपया प्रति किसान परिवार को 31 मार्च तक दिया जायेगा | इसके लिए केंद्र सरकार ने 20,000 करोड़ रुपया जारी किया गया है |  जैसा की हम आपको बता चुके हैं की योजना की शुरुआत उत्तरप्रदेश से 24 फरवरी को की जानी है |

इस योजना के लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्य तथा केंद्र शासित राज्यों से किसानों का डेटा माँगा गया है | जिस राज्य के पास किसानों का डेटा है वह केंद्र सरकार को भेज रही है  लेकिन देश में किसी भी राज्य के पास अपने सभी किसानों का डेटा नहीं है | इसलिए अलग – अलग राज्यों ने किसानों से पंजीयन कराने की अपील की है | किसान समाधान अलग – अलग राज्यों के किसान को पीएम किसान में पंजीयन के लिए पूरी जानकारी लाया है |

राजस्थान के किसान यहाँ पंजीयन करवाएं

राज्य सरकार ने अपने राज्य के किसानों के लिए लघु सीमांत कृषक सेवा पोर्टल  बनाया है | इस पोर्टल पर पंजीयन के लिए किसान को नजदीक के ई – मित्र  केंद्र पर जाकर लघु सीमांत कृषक सेवा पोर्टल पर अपने आधार कार्ड से लागिन करना होगा | यह पोर्टल 16 फरवरी 2019 से शुरू कर दिया है | पंजीयन के लिए आधार कार्ड जरुरी होना हैं | लेकिन जिस किसान के पास आधार कार्ड नहीं है वह पहले आधार कार्ड बनबाना होगा | पंजीयन करवाने के लिए किसान आधारकार्ड एवं भामाशाह कार्ड यदि हो तो साथ ले जाएँ |

ई-मित्र राजस्थान पर पंजीयन करें

बिहार के किसान यहाँ पंजीयन करवाएं

पीएम किसान का लाभ लेने के लिए बिहार के किसान कृषि विभाग के वेबसाईट पर जाकर DBT में पंजीयन कर सकते हैं या फिर स्वयं भी  पंजीयन कर सकते हैं | इसकेलिए पास के किसी भी कंप्यूटर सुबिधा केंद्र या मोबाईल से भी कर सकते हैं | DBT में पंजीयन के लिए किसान के पास आधार कार्ड होना जरुरी है | अगर नहीं है तो पहले आधार कार्ड बनबा लें | जिस किसान ने पहले से DBT में पंजीयन करा लिया है उसे दुबारा पंजीयन कराने की जरुरत नहीं है |

किसान बिहार डी.बी.टी. पंजीयन के लिए क्लिक करें

उत्तर प्रदेश के किसान यहाँ पंजीयन करवाएं 

राज्य सरकार किसानों के पास उपलब्ध पहले से डाटा भेज रही है 25 लाख किसानों का डाटा भेजा जा चूका है अवं अन्य किसानों का डाटा 22 फरवरी तक भेज दिया जायेगा | उत्तरप्रदेश के अधिकारी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए पारदर्शी किसान योजना के तहत डाटा ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं  |उत्तरप्रदेश की अधिक जानकरी के लिए देखें | 

इस दिन इस राज्य के किसानों को दी जाएगी प्रधानमंत्री किसान निधि योजना की पहली किस्त

हरियाणा के किसान यहाँ पंजीयन करवाएं 

किसानों को बहुत सारी योजनओं का लाभ हरियाणा सरकार हरियाणा सरल पोर्टल के जरिये दिया जाने लगा है | वैसे तो सरकार ने अभी  पीएम किसान योजना के लिए कोई प्रक्रिया का निर्धारण नहीं किया है परन्तु किसान भाई हरियाणा के सरल पोर्टल पर पंजीयन करवा ले जिससे वे अन्य योजनाओं का लाभ भी ले सकें |

सरल हरियाणा पोर्टल पर पंजीयन के लिए क्लिक करें 

गुजरात के किसान कहाँ पंजीयन करवाएं 

यहाँ के किसानो को पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए पंजीयन कारवाना आवश्यक है | गुजरात में किसान ऑनलाइन पंजीयन करवाने एवं योजना की जानकरी के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें |

किसान पंजीयन एवं पीएम किसान योजना की अधिक जानकरी के लिए क्लिक करें 

मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों की सरकारों ने अभी पीएम किसान योजना के लिए पंजीयन करवाने के लिए अलग तरह से प्रावधान नहीं किया है | यदि इन राज्यों में पंजीयन के लिए अलग से प्रावधान किया जाता है तो हम इसकी जानकरी आप तक पहुंचाएंगे |

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इस कीटनाशक से आम के फूल को कीट तथा रोग बचाएं

आम के फूल (मंजर) में कीट तथा रोग

भारत में आम एक महत्वपूर्ण फल है | इस फल के उत्पादन तथा उपभोगता दोनों में पहले स्थान पर हैं | वर्ष में एक बार फल देने के कारण इसकी देख भाल करना जरुरी है , जिससे इसकी उत्पादकता में बढ़ोतरी किया जा सके | जनवरी तथा फरवरी माह आम के फूल लगने का है | किसी भी आम की खेती में फल इस बात पर निर्भर करता है की उसमें फूल (मंजर)  कितना लगा है | आम का मंजर मीठा तथा सुगंधित रहने के कारण कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिसकी रोक – थाम जरुरी है | इसके आलावा पौधों में रोगों का भी प्रकोप बना रहता है | जैसे फूल (बौर) का सुखना तथा झड़कर गिर जाना , पौधों में फल लगना , फल में कीड़े लगना इत्यादी | इन सभी कीटों तथा रोग की रोकथाम की पूरी जानकारी लेकर किसान समाधान आया है |

कीट एवं रोग का नियंत्रण :-

मैंगो हापर :- यह कीट फ़रवरी तथा मार्च में मंजर पर आक्रमण करता है | जिससे फूल – फल झड जाते हैं , एवं फफूंदी पैदा होती है |

नियंत्रण :- किनालाफास का एक एम.एल. दावा एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें |

मिलीबग :- यह कीट फ़रवरी माह में टहनियों एवं बौरों से रस चूसते हैं जिससे फूल – फल झड जाते हैं |

नियंत्रण :- क्लोरपायरीफास का 200 ग्राम धूल प्रति पौधा भुरकाव करें |

मालफारमेंषन :- इस रोग की पहचान यह है की पौधों की पत्तियां गुच्छे का रूप धारण करती है एवं फूल में नर फूलों की संख्या बाद पाती है |

नियंत्रण :- प्रभावित फूल को काटकर दो एम.एल. नेप्थलीन एसटीक का छिड़काव 15 दिन के अंतराल से 2 बार करें |

मैंगो माल्फार्मेंषन (बंधा रोग) :-

इस रोग में छोटे पौधों की पत्तियां छोटी होकर गुच्छे का रूप धारण कर लेती हैं एवं बड़े पौधों में पुष्पों के सभी अंग मोटे हो जाते हैं पुष्पक्रम की बढवार कम हो जाती है तथा उसमें नर फूलों की संख्या बढ़ जाती है, पुष्पक्रम के फूल बड़े आकार के हो जाते हैं एवं पुष्पक्रम गुच्छे का रूप धारण कर लेता है , उन पर फल नहीं बनते व कुछ समय बाद पुष्पक्रम मुद जाते हैं |

नियंत्रण :- समस्त प्रभावित पुष्पक्रम को 15 से.मी. पीछे से कटकर नष्ट कर एवं अक्तूबर माह में 2 एम.जी. नेप्थलीन एसिटिक एसिड हार्मोन का छिड़काव 15 दिन के अंतर से 2 से 3 बार करें एवं किनालफास का 0.05 प्रतिशत का छिड़काव करें |

अन्य फसलों में कीट-रोग नियंत्रण एवं समस्या समाधान के लिए क्लिक करें 

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी इन जगहों पर हो सकती है बारिश एवं ओलावृष्टि

आगामी दिनों के लिए मौसम पूर्वानुमान

जैसे-जैसे रबी फसल की कटाई का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे ही मौसम में परिवर्तन किसानों के लिए किसी तरह से खौफ से कम नहीं है अभी हाल ही में बारिश एवं ओले गिरने से बहुत से किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी है | एक बार फिर भारत के उत्तरी पश्चिमी मैदानी राज्यों में दौबारा बन गई है | बारिश और बर्फबारी का सिलसिला 20 फरवरी से पर्वतीय राज्यों में बढ़ सकता है, क्योंकि एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के पास बना हुआ है । राजस्थान पर एक चक्रवाती बना हुआ है। साथ ही एक ट्रफ भी उत्तर प्रदेश तक है।

भारतीय मौसम वैज्ञानिकों ने इन सभी सिस्टमों के कारण उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बौछारें गिर सकती हैं। राजधानी दिल्ली-एनसीआर, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश देखने को मिल सकती है। जानते हैं आगे अन्य राज्यों के किन जिलों में बारिश एवं ओले की सम्भावना बनी हुई है |

20-21 फरवरी का मौसम पूर्वानुमान 

राजस्थान

अलवर, भरतपुर, चित्तोढ़गढ़, झुंझुनू, करौली, सवाई मधुपुर, सीकर, चुरू, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, श्रीगंगानगर आदि जिलों आंधी तूफान के साथ में कहीं-कहीं बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना जताई गई है |  राजस्थान के इन सभी जिलों में के इन जिलों में ओलावृष्टि के साथ-साथ गरज और तेज़ हवाएँ चलने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता |

हरियाणा

चंडीगढ़, पंचकूला, अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल करनाल जिलों में मौसम वैज्ञानिकों ने बारिश के साथ ओले गिरने की चेतवानी जारी की है | हरियाणा के इन जिलों में ओलावृष्टि के साथ-साथ गरज और तेज़ हवाएँ चलने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता

उत्तरप्रदेश

पूर्वी उत्तर प्रदेश में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा | पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक या दो स्थानों पर वर्षा या गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है |

मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में 20 फरवरी को ग्वालियर एवं चम्बल संभागों में बारिश होने का अनुमान है वहीँ 21 फरवरी को बैतूल, हरदा, खंडवा,देवास,सतना, छिंदवाडा, सिवनी, सागर, जबलपुर,राजगढ़,उमरिया, मंदसौर व नीमच जिलों में बारिश की सम्भावना है | राज्य के अन्य पश्चिमी संभागों बारिश के साथ-साथ गरज और तेज़ हवाएँ चलने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता | यह गतिविधियाँ आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश के जिलों में बढेंगी |

बारिश या ओले से फसल नुकसान हो तो बीमा क्लेम करने के लिए यहाँ संपर्क करें

 

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