13 अप्रैल से 16 अप्रैल के दौरान इन स्थानों पर हो सकती है बारिश

वर्षा पूर्वानुमान 13 से 16 अप्रैल

देश में तेज गर्मी के बीच एक बार फिर कई स्थानों पर मौसम में परिवर्तन देखने को मिल रहा है | जहाँ लोग अभी गर्मी से परेशान है वहीँ भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले तीन- चार दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों और ओडिशा में अगले 4-5 दिनों के दौरान और झारखंड में बिजली चमकने तथा तेज हवाओं के साथ छिटपुट वर्षा का अनुमान जताया है | मौसम में यह परिवर्तन दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश तथा समीवर्ती क्षेत्रों में निचले स्तरों पर एक तूफानी परिसंचरण के कारण है इसके अतरिक्त उत्तरी भारत में 4 -17 अप्रैल के दौरान एक ताजा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ से पश्चिमी हिमालय क्षेत्र तथा 15 -17 अप्रैल के दौरान समीपवर्ती मैदानी क्षेत्रों के प्रभावित होने का अनुमान है।

13 अप्रैल के दिन इन स्थानों पर हो सकती है बारिश

मौसम विभाग के अनुसार 13 अप्रैल के दिन पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, असम और मेघालय, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना और केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर बिजली और तेज़ हवाओं के साथ गरज के साथ तूफान आने और छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, कोंकण और गोवा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल और लक्षद्वीप में अलग-अलग स्थानों पर बिजली कड़कने के साथ तूफान आने और तेज़ हवाएं चलने का अनुमान है ।

14 अप्रैल के दिन इन स्थानों पर हो सकती है बारिश

मौसम विभाग के अनुसार 14 अप्रैल के दिन जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बिजली, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ तूफान आने की और विदर्भ, गंगेय पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना और केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर हल्की और तेज़ हवा के साथ और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अरुणाचल में अलग-अलग स्थानों पर बिजली चमकने के साथ उत्तर प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल और लक्षद्वीप में बिजली कड़कने के साथ तूफान का संभावना है ।

  • पश्चिम राजस्थान में अलग-थलग स्थानों पर गरज के साथ आंधी-तूफान की संभावना है ।
  • तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, केरल और माहे और तमिलनाडु के दक्षिण और घाट क्षेत्रों में पृथक स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना।

15 अप्रैल के दिन इन स्थानों पर हो सकती है बारिश

  • मौसम विभाग के अनुसार 15 अप्रैल के दिन जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, विदर्भ, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, ओडिशा के अलग-अलग स्थानों पर गरज और तेज़ हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हो सकती है । असम और मेघालय, तेलंगाना और केरल और माहे और हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुचेरी और कराईकल और लक्षद्वीप में अलग-अलग स्थानों पर बिजली के साथ बारिश होने की संभवना है ।
  • पश्चिम राजस्थान में अलग-थलग स्थानों पर गरज के साथ आंधी-तूफान की संभावना है।
  • जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, तटीय और दक्षिणी कर्नाटक के भीतरी भागों में, केरल और माहे तथा तमिलनाडु के दक्षिणी घाटों में कहीं कहीं भारी बारिश का अनुमान है।

16 अप्रैल के दिन इन स्थानों पर हो सकती है बारिश

  • मौसम विभाग के अनुसार 16 अप्रैल के दिन जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, विदर्भ , झारखंड , पश्चिम बंगाल और सिक्किम ,ओडिशा ,असम और मेघालय ,तेलंगाना और केरल तथा माहे में बिजली की कड़क के साथ आंधी तूफान और तेज़ हवाएं चलेंगी और हिमाचल प्रदेश ,पंजाब ,बिहार , अरूणाचल प्रदेश ,नगालैंड ,मणिपुर ,मिजोरम और त्रिपुरा , तटीय आंध्र प्रदेश और यनम ,रायलसीमा ,कर्नाटक ,तमिलनाडु ,पुडुचेरी और करईकल तथा लक्षद्वीप में बिजली की कड़क के साथ के साथ आंधी तूफान की संभावना है ।
  • पश्चिमी राजस्थान में कहीं कहीं धूल भरी आंधी और तूफान की संभावना है।
  • जम्मू कश्मीर ,लद्दाख, गिलगित बालटिस्तान और मुजफ्फराबाद, तटवर्ती और आंतरिक कर्नाटक ,केरल और माहे तथा तमिलनाडु के दक्षिण और घाट इलाकों में कहीं कहीं भारी बारिश की संभावना है।

18 मंडियों में गेहूं खरीद पर रोक, दुसरे राज्यों के किसान भी अभी यहाँ नहीं बेच पायंगे अपनी फसल

18 मंडियों में गेहूं खरीदी पर 24 घंटे की रोक  

रबी फसलों में गेहूं की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, चंडीगढ़, दिल्ली और गुजरात राज्यों में शुरू हुई है जिसमें 11 अप्रैल तक 5774.20 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य पर 29.24 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई है। इस खरीद से 3,30,046 किसानों को लाभ मिला है | जिसमें हरियाणा में अभी तक 29 लाख टन गेहूं मंडी में लाया गया है लेकिन गेहूं की ट्रांसपोर्टिंग नहीं होने के करण मंडी में जाम की स्थिति बनी हुई है | जिसके कारण और किसानों के द्वारा लाया जा रहा गेहूं को रखने के लिए स्थान कम पड़ रहा है |

इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने गेहूं की खरीदी पर राज्य के 7 जिले की 18 कृषि उपज मंडी में गेहूं की खरीदी पर 18 घंटे की रोक लगा दी है | इन 18 मंडियों में आने वाले किसानों को 24 घंटे तक गेहूं की खरीदी नहीं की जाएगी | इसके साथ ही राज्य में दुसरे राज्य से गेहूं बेचने वाले किसानों पर भी रोक लगा दी है |

रोक क्यों लगाई गई है ?

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न होने के बाद बताया गया है की राज्य में इस समय 24 लाख मीट्रिक टन कुल गेहूं की आमद के फलस्वरूप 2.8 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उठान हुआ है | उठान कम होने के कारण मंडी में जाम की स्थिति बनी हुई है | मुख्यमंत्री के तरफ से जिला कमिटी को उठान सुनिश्चित करने को कहा गया है |

इन 18 मंडियों में लगाई गई रोक

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है कि 18 मंडियों में 24 घंटों के लिए रोक लगाई जाये | यह 18 मंडी इस प्रकार है :-

  • यमुनानगर में रादौर
  • कुरुक्षेत्र में थानेसर, पिहोवा, ईस्माईलाबाद, लाडवा और बबैन
  • करनाल में निसिंग, तरावडी, असन्ध, इन्द्री और नीलोखेडी
  • अम्बाला में अम्बाला शहर और साहा
  • कैथल में कैथल, कलायत और चौक
  • सोनीपत में गोहाना
  • पानीपत में समालखा

किसान क्या करें ?

किसान ऊपर दी गई मंडियों में जाने पर गेट पास नहीं दिया जायेगा | जिससे उन्हें गेट पर ही 24 घंटों के लिए इंतजार करना होगा | सरकार के तरफ से किसानों को कहा गया है की जबतक एस.एम.एस. नहीं आता है तब तक मंडी नहीं पहुँचे | किसान चाहे तो मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल से फसल बेचने के लिए डेट बदल सकते हैं |

राज्य में 15.69 लाख टन गेहूं की खरीदी किया गया

हरियाणा में 11 अप्रैल तक कुल 11.10 लाख टन गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई | एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक प्रदेश की 396 मंडी / खरीदी केन्द्रों पर कुल 29.47 लाख टन गेहूं की आमद हो चुकी है, जिसमें से कुल 15.69 लाख टन गेहूं की खरीदी भी हो चुकी है | 11 अप्रैल तक राज्य के 1,05,433 किसानों के 1,90,641 जे – फार्म बनाए जा चुके हैं | 11 अप्रैल तक 149.28 करोड़ रूपये की अदायगी सीधे किसानों के खातों में की जा चुकी है |

दुसरे राज्य के किसानों को हरियाणा में प्रवेश पर रोक

दुसरे राज्यों के किसानों को राज्य की मंडियों में प्रवेश पर रोक लगा दी है | राज्य की मंडियों में बढ़ते आवक तथा गेहूँ के उठान नहीं होने के कारण रोक लगाई गई है | यह रोक अगले आदेश तक लागू रहेगी | दुसरे राज्यों से आने वाले किसानों को रोकने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक को राज्य सीमा पर नाका लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं |

20 अप्रैल से शुरू होगी बिहार में समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना एवं मसूर की खरीदी

गेहूं, चना एवं मसूर की सरकारी खरीद

रबी फसल की खरीदी उत्तर भरत के लगभग सभी राज्यों में शुरू हो चूकी है परन्तु कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहाँ रबी फसलों की खरीदी अभी शुरू नहीं हुई है | इसका कारण यह है की गेहूं की कटाई चल रही है | इसमें से बिहार राज्य भी आता है जहाँ गेहूं की कटाई इस माह से हुई है| इसको देखते हुए राज्य सरकार ने मसूर, चना तथा गेहूं खरीदी की तिथि को 15 अप्रैल से बढाकर 20 अप्रैल कर दी है | राज्य सरकार केंद्र के द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना, मसूर तथा गेहूं की खरीदी करेगी | इसके लिए राज्य में पैक्स ने 6400 खरीदी केंद्र बनाया है | किसान समाधान बिहार में रबी फसल की खरीदी की पूरी जानकारी लेकर आया है |

खरीदी कब से शुरू होगी

बिहार में गेहूं की कटाई अभी चल रही है | इस कारण अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार में गेहूं की खरीदी देर से शुरू की जाती है | पहले मसूर, चना तथा गेहूं की सरकारी खरीदी 15 अप्रैल से किया जाना था लेकिन इसे बढ़कर 20 अप्रैल से कर दिया गया है | यह खरीदी 15 जुलाई 2021 तक किया जायेगा |

एक किसान अधिकतम बेच सकेगा 150 क्विंटल गेहूं

राज्य में गेहूं बेचने के लिए प्रति किसान अधिकतम सीमा तय कर दी गई है इसके मुताबिक जिस किसान के पास खुद की भूमि है वह अधिकतम 150 क्विंटल गेहूं बेच सकते हैं जबकि जिन किसान के पास खुद की भूमि नहीं है वह बटाई या लीज पर भूमि लेकर खेती कर रहे है उनके लिए अधिकतम 50 क्विंटल की सीमा निर्धारित की गई है |

1 लाख मीट्रिक टन गेहूं तथा 3.25 लाख मीट्रिक टन मसूर ख़रीदा जायेगा

खरीद करने वाली एजेंसियों के द्वारा राज्य में मसूर तथा गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा है | राज्य में मसूर को सरकारी एजेंसियों के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 3.25 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य रखा है तथा चना की सरकारी खरीदी 2 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य है | गेहूं के लिए 1 लाख मीट्रिक टन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किये जाने का अनुमान रखा गया है, लेकिन गेहूं किसानों का आवक जारी रहता है तो खरीदी लक्ष्य को बढ़ाया जायेगा |

पैक्स द्वारा 6400 केन्द्रों पर की जाएगी खरीदी

बिहार में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मसूर, चना तथा गेहूं की सरकारी खरीदी के लिए पैक्स ने 6400 खरीदी केंद्र बनाएं हैं | इन सभी केन्द्रों पर 20 अप्रैल से खरीदी शुरू कर दिया जायेगा |

चना, मसूर तथा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है ?

केंद्र सरकार खरीफ, रबी तथा नगदी फसलों को मिलकर 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करती है | यह मूल्य देश के सभी राज्यों में सामान्य रूप से लागू होते है | इस वित्त वर्ष के लिए चना, मसूर तथा गेहूं का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है |

  • गेहूं – 1975 रूपये प्रति क्विंटल
  • चना – 5100 रूपये प्रति क्विंटल
  • मसूर – 5100 रूपये प्रति क्विंटल

48 घंटों के अन्दर किया जायेगा किसानों को भुगतान

जिस किसान से गेहूं, चना तथा मसूर की खरीदी किया जायेगा उन सभी किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से 48 घंटे तक में भुगतान कर दिया जायेगा | खरीदी में किसी भी प्रकार के बिचौलिया तथा व्यापारी शामिल नहीं किया जायेगा | किसान अपने पंचायत के एजेंसियों में ही बेच सकते हैं |

केन्द्रों पर कोरोना प्रोटोकाल लागू रहेगा

कोरोना को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी खरीदी केन्द्रों पर कोरोना से बचने के लिए एहतियात बरत रही है | खरीदी केन्द्रों पर जाने वाले किसानों के लिए मास्क जरुरी कर दिया गया है | इसके साथ ही सेनेटाईजर, साबुन, पेयजल की व्यवस्था की गई है | किसानों को शारीरिक दुरी बनाकर रखना होगा |

किसान यह दस्तावेज ले जाएँ साथ

बिहार पैक्स में गेहूं बेचने के लिए राज्य सरकार ने कुछ दस्तावेज निर्धारित किये हैं | जिसे साथ लेकर जाना जरुरी है | इन दस्तावेजों के अनुसार ही पैक्स में आनलाइन फ़ार्म भरा जायेगा |

  • फोटो पहचान पत्र (आधार कार्ड / वोटर पहचान पत्र)
  • बैंक पास बुक की छाया प्रति
  • भूमि संबंधित दस्तावेज

इफको ने DAP, यूरिया एवं अन्य खाद के बढे हुए दामों की ख़बरों को लेकर क्या कहा

इफको IFFCO खाद के दाम

महंगाई की मार झेल रहे किसानों के लिए एक और बुरी खबर अभी हाल ही के दिनों में निकलकर सामने आई है | इसके अनुसार इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO)  ने डीएपी, यूरिया एवं अन्य खाद उर्वरकों के दामों में वृद्धि कर दी है | DAP यानी कि डाई अमोनियम फॉस्फेट में कीमत में 58.33 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है |  DAP खाद की अभी जो बोरी 1,200 रुपये में मिलती थी, उसकी कीमत अब 1,900 रुपये किये जाने की ख़बरें आई हैं | इन बढ़ी हुई कीमतों को लेकर इफको की तरफ से सफाई आई है |

इफको ने कहा है कि नई दरों के साथ जो मैटेरियल आ रहा है वो फिलहाल किसानों को नहीं बेचा जाएगा | इफको का कहना है कि अभी जो भी पुराना स्टॉक है उसे खत्म होने तक किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद दिया जायेगा | यानी फिलहाल खाद के नए दाम किसानों से नहीं वसूले जाएंगे और उनसे DAP पुरानी कीमत 1200 रूपये प्रति बैग ही बिकेगा | किसान समाधान इसको लेकर आपके लिए विस्तार से जानकारी लेकर आया है |

IFFCO द्वारा उत्पादित खादों में हो सकती हैं इतनी वृद्धि

निजी कंपनियां द्वारा मार्च 2021 में ही उत्पादित DAP के दाम में वृद्धि कर दी गई थी | उस समय IFFCO के तरफ से बताया गया था की IFFCO द्वारा उत्पादित DAP में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की जाएगी लेकिन इस माह DAP के मूल्य में 58 प्रतिशत की वृद्धि का सर्कुलर जारी कर दिया गया है जो आने वाली नई पैकिंग पर दिख सकता है | अगर ऐसा हुआ तो जो DAP पिछले वर्ष 1200 रूपये प्रति बैग (50 किलोग्राम) मिलता था वह अब 1900 रूपये प्रति बैग (50 किलोग्राम) मिलेगा |

बढ़े हुए मूल्य इस प्रकार है :-

इफको ने कहा अभी पुराने दामों पर ही बेचा जायेगा खाद

IFFCO के तरफ से बताया गया है कि स्टॉक में पड़े 11.26 लाख मिट्रिक टन रासायनिक खाद को पुराने रेट पर ही बेचेगी | मूल्य में किसी भी प्रकार की वृद्धि अभी नहीं की गई है तथा जो बैग पर लिखा रहेगा किसान को उतनाही भुगतना करना होगा | इफको ने कहा है कि नई दरों के साथ जो मैटेरियल आ रहा है वो फिलहाल किसानों को नहीं बेचा जाएगा | इफको का कहना है कि पुराना स्टॉक खत्म होने तक कीमतें कम हो सकती है |

इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू. एस. अवस्थी ने ट्वीट कर कहा है कि विनिर्माण संगठन होने के नाते हमें अपने संयंत्रों द्वारा प्रसंस्कृत नई सामग्री को प्रेषित करने के लिए बैगों पर मूल्य अंकित करना पड़ता है । पत्र में उल्लिखित मूल्य केवल बैगों पर दिखाने के लिए उद्धृत अस्थायी मूल्य है,जो अनिवार्य है |

कब से हो सकती है मूल्य में वृद्धि

अभी कब तक इफको के पास पुराना स्टॉक मौजूद है तब तक इफको के उर्वरकों की कीमत में वृद्धि नहीं की जाएगी परन्तु किसानों को नई पैकिंग आने पर बढे हुए दाम देखने को मिल सकते हैं | इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू. एस. अवस्थी ने ट्वीट कर कहा है कि ‘इफको संगठन यह सुनिश्चित करता है कि बाजार में पुराने मूल्य पर पर्याप्त सामग्री उपलब्ध हों | इफको विपणन टीम को यह निर्देश दिया गया है कि किसानों को केवल पुराने मूल्ययुक्त पैकशुदा सामान ही बेचे जाएं | विनिर्माण संगठन होने के नाते हमें अपने संयंत्रों द्वारा प्रसंस्कृत नई सामग्री को प्रेषित करने के लिए बैगों पर मूल्य अंकित करना पड़ता है । पत्र में उल्लिखित मूल्य केवल बैगों पर दिखाने के लिए उद्धृत अस्थायी मूल्य है,जो अनिवार्य है।‌

2014 से अब तक इफको के DAP का मूल्य

केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी इफको ने मई 2013 से अब तक 8 बार मूल्य में वृद्धि या कमी की है | इसमें वर्ष 2016, 2019 तथा 2020 में बढे हुए मूल्य में कमी किया है | पूरा विवरण इस प्रकार है |  

क्र.
मूल्य वृद्धि वर्ष
रुपया प्रति बैग (50 किलोग्राम)

1.

मई 2013

1125

2.

अगस्त 2014

1130

3.

अप्रैल 2015

1141

4.

जुलाई 2016

1135

5.

जुलाई 2017

1040

6.

सितम्बर 2018

1290

7.

अक्तूबर 2019

1250

8.

सितम्बर 2020

1200

 

राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत अभी तक खर्च किये गए 1841.75 करोड़ रूपये

राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के क्रियान्वयन की स्थिति

देश में स्वदेशीय गोवंश के विकास और संरक्षण के लिए एवं पशुपालकों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से भारत सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना की शुरुआत की थी | योजना के तहत गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार, संरक्षण तथा दूध के उत्पादन की गुणवत्ता को बढ़ाना आदि लक्ष्य निर्धारित किये गए थे | योजना का क्रियान्वयन देश के सभी राज्यों में किया जा रहा है |  इस योजना में दो घटक शामिल हैं, नामत: राष्ट्रीय बोवाइन प्रजनन कार्यक्रम (एनपीबीबी) और राष्ट्रीय बोवाइन उत्पादकता मिशन (एनएमबीपी)। योजना की शुरुआत 2014 में की गई थी जब से लेकर अभी तक योजना की कार्य की प्रगति लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के विषय में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह ने विस्तार से जानकारी दी जिसे किसान समाधान आपके लिए लेकर आया है |

राष्ट्रीय गोकुल मिशन का उद्देश्य क्या है ?

केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना देश में देशी गौ वंश को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है | इसका उद्देश्य इस प्रकार है :-

  1. स्वदेशी नस्लों का विकास और संरक्षण
  2. स्वदेशी नस्लों के लिए सुधार कार्यक्रम ताकि आनुवांशिक संरचना में सुधार हो और स्टाक में वृद्धि हो,
  3. रोग मुक्त उच्च आनुवांशिक गुण वाली मादा आबादी को बढ़ाकर और रोग के प्रसार को नियंत्रित करके बोवाइन आबादी के दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि करना,
  4. गिर, साहिवाल, राठी, देओनी, थारपरकर, लाल सिंधी जैसी उत्कृष्ट स्वदेशी नस्लों का उपयोग करके नान – डिस्क्रिप्ट गोपशुओं का उन्नयन करना,
  5. प्राकृतिक सेवा के लिए रोग मुक्त उच्च आनुवांशिक गुणवता वाले बैलों का वितरण,
  6. उच्च आनुवांशिक गुणता वाले जर्म प्लाज्म का उपयोग करके एआई या प्राकृतिक सेवा के जरिए सभी प्रजनन योग्य मादाओं को संगठित प्रजनन के तहत लाना,
  7. किसानों के घर पर गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भधान (एआई) सेवाओं की व्यवस्था करना,
  8. प्रजनकों और किसानों को जोड़ने के लिए बोवाइन जर्मप्लाज्म के लिए ई – मार्केट पोर्टल बनाना,
  9. सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) मुद्दों को पूरा करके पशुधन उत्पादों के व्यापर में वृद्धि करना,
  10. जीनोमिक्स का प्रयोग करके कम उम्र के उच्च आनुवांशिक योग्यता वाले प्रजनन बैलों का चयन करना,

योजना के तहत अभी तक दी गई वित्तीय सहायता

इस योजना के तहत 2500 करोड़ रूपये के साथ शुरुआत की गई थी | इस योजना पर दिसम्बर 2020 तक 1841.75 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जा चुकी है | संसद में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया की राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना को देश के सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जा रहा है | योजना के तहत वर्ष 2014–15 से दिसम्बर 2020 तक 1841.75 करोड़ रूपये खर्च किये गये हैं |

राज्यवार योजना तहत दी गई राशि

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसान अब खुद तय करें डेट एवं मंडी

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए तारीख

रबी फसलों में गेहूं की समर्थन मूल्य की खरीदी उत्तर भारतीय राज्यों में 1 अप्रैल से शुरू की जा चुकी है परन्तु अभी भी सभी किसानों के गेहूं की उपज मौसम में नमी रहने के चलते तैयार नहीं हुए है जिसके चलते कुछ राज्यों में फसल की कटाई अभी चल रही है | इस कारण खरीदी धीमी चल रही है | ऐसे में हरियाणा सरकार ने ऐसे किसानों से गेहूं पहले खरीदने का फैसला लिया है जिनकी फसल तैयार है परन्तु उनका या तो पंजीयन नहीं है या उन्हें बाद का टोकन मिला है | ऐसे किसान अब अपनी इच्छा के अनुसार गेहूं बेचने की तारीख तय कर बेच सकते हैं |

जिस किसान को गेहूं पहले बेचना है वह ई-खरीदी पोर्टल पर जाकर अपना गेहूं बेचने की तारीख खुद प्राप्त कर सकते हैं | इसके अलावा कोई भी किसान अभी तक पंजीयन नहीं कर पायें हैं उनके लिए भी वेबसाईट मेरी फसल मेरा ब्यौरा खोल दी गई है वह किसान भी समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं |

अभी तक लगभग 5 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर बेचा गेहूं

सरकार की ई–खरीदी वेबसाईट के अनुसार राज्य में अभी तक 4,958 किसानों ने 35,103.62 टन गेहूं को बेचा है | इसमें से 4,971 किसानों को 29,446.76 टन गेहूं की 58.157341 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है | शेष किसानों को भुगतान किया जा रहा है |

किसान खुद तय करें उपज बेचने की तारीख

जिस किसान की फसल कट गई है तथा बेचने के लिए टोकन नहीं मिल रहा है तो घबराने की कोई बात नहीं है किसान खुद तारीख तय कर सकते हैं | इसके लिए किसान को हरियाणा सरकार की पोर्टल ekharid.haryana.gov.in पर जाकर set schedule पर क्लिक करना होगा | नए बाक्स में नीचे दिए गये किसान अनुसूची नंबर पर क्लिक करें और विवरण भर इच्छानुसार दिन व मंडी तय करें |

नया गेट पास यहाँ से प्राप्त करें

अगर किसान के पास गेट पास नहीं है और नया गेट पास बनाना चाहते हैं या फिर गेट पास भूल गए हैं तो परेशानी की कोई बात नहीं है | नया गेट पास बन जायेगा | इसके लिए किसान को ekharid.haryana.gov.in पर जाकर farmar record search पर जाकर क्लिक करें, जिसके बाद फार्मर स्टेटस रिकॉर्ड खुलेगा | जिसके बाद farmar gatepass ID पर जाकर क्लिक करें और विवरण भरकर गेट पास प्राप्त करें |

मंडी लाने से लेकर भुगतान का विवरण प्राप्त करें

हरियाणा के किसानों को फसल पंजीकरण, गेट पास मंदी तथा समय के साथ – साथ भुगतान जानने के लिए ई – खरीद पोर्टल पर जाएं | यहाँ सहूलियत के लिए फार्म सर्च नाम से नया विकल्प दिया है | यहाँ से सभी प्रकार की जानकारी मिल जायेगा |

72 घंटों में किया जायेगा भुगतान

इस बार 6 बैंकों से किसानों को फसल उपार्जन का भुगतान किया जा रहा है | सरकार ने किसानों को 72 घंटे में भुगतान करने का वादा किया है अन्यथा 9 प्रतिशत की ब्याज दिया जायेगा | खरीद प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन बैंकों के जरिये किसान को फसल की राशि दे दी जाएगी |

किसी भी समस्या के समाधान के लिए यहाँ कॉल करें

किसान को किसी भी समस्या की समाधान के लिए सरकार ने एक टोल फ्री नंबर 18001802060 जारी किया है | किसान यहाँ फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | इसके अलावा संबंधित मार्किट कमेटी के सचिव, डीएफएसएसी, डीसी को संपर्क कर सकते हैं |

16 अप्रैल से यहाँ दी जाएगी मशरूम उत्पादन पर ट्रेनिंग, अभी करें आवेदन

मशरूम उत्पादन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

किसानों की आय को दोगनी करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा नकदी एवं उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे कम लागत में किसान अधिक आय अर्जित कर सकें | किसानों को इसके लिए विभिन्न फसलों पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है | पिछले कुछ वर्षों से मशरूम की खेती को अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है क्योंकि यह सेहतमंद एवं प्रोटीनयुक्त होने के चलते बाजार में लगातार इसकी मांग भी बड़ी है | साथ ही मशरूम की खेती किसान कम जगह एवं कम समय में करके अधिक मुनाफा भी कमा सकते हैं | सबसे बड़ी बात यह है की इसका बाजार स्थानीय स्तर भी उपलब्ध है |

मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को मशरूम उत्पदान पर सब्सिडी भी देती है | किसान कम लागत में वैज्ञानिक तरीके से मशरूम उत्पादन कर सकें इसके लिए सरकार कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण देती है | प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी बिहार के समस्तीपुर में डॉ.राजेन्द्र प्रसाद विश्वविध्यालय के तरफ से मशरूम पर ट्रेनिंग दी जा रही है | विश्वविद्यालय में मशरूम उत्पदान के अलग-अलग विषयों पर वर्षभर ट्रेनिंग दी जाती है | किसान समाधान इस ट्रेनिंग की पूरी जानकारी लेकर आया है |

मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण (Training) कब दी जाएगी ?

पूसा विश्वविध्यालय के द्वारा “मशरूम स्पान प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी” पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है | यह यह प्रशिक्षण 16 से 30 अप्रैल 2021 के बीच दिया जायेगा | जिस किसान को मशरूम का ट्रेनिंग प्राप्त करना है वह 15 दिन की व्यवस्था करके जाएं, वहाँ रहने की सुविधा है |

आवेदन के लिए कितने सीटें है ?

इस ट्रेनिंग के लिए 15 आवेदनों को ही मंजूर किया जाना है | इसके लिए पहले आवेदन करने वाले आवेदक को पहले मौका दिया जायेगा | प्रत्येक माह अलग–अलग विषय पर ट्रेनिंग दी जाती है | इसके लिए पहले से ही विषय तय कर दिए जाते हैं | फरवरी माह में होने वाले ट्रेनिंग के लिए 15 आवेदकों को मशरूम में इंटरप्रोनरशिप विषय पर प्रशिक्षण दिया गया था |

मशरूम स्पान प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी पर प्रशिक्षण हेतु पंजीयन

मशरूम स्पान प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी पर प्रशिक्ष्ण प्राप्त करने के लिए पंजीयन शुरू हो चुके है | यह पंजीयन 11 अप्रैल 2021 तक किया जाना है इच्छुक व्यक्ति इस बीच अपना आवेदन कर सकते हैं | पंजीयन पूर्ण होने पर नए आवेदन रोक दिए जाएंगे |

ट्रेनिंग हेतु शुक्ल (FEE)

इस एक माह की ट्रेनिंग के लिए 5,000 रुपये का शुल्क रखा गया है | यह सभी आवेदक के लिए है जो ट्रेनिंग से पहले देना होगा | इसके अलवा प्रशिक्षण के लिए रहने तथा खाने के लिए अलग से शुल्क देना होगा या फिर आप खुद से व्यवस्था कर सकते हैं |

ऑनलाइन पंजीयन कैसे करें ?

कोई भी प्रतिभागी आवेदन करना चाहते हैं तो वह ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं | इसके लिए आवेदक को एक फार्म भरकर तथा 5000 रूपये ऑनलाइन जमा करके फार्म को ऑनलाइन भेज दें | इसके अलावा किसान [email protected] मेल आईडीई पर भी जानकारी ले सकते हैं | किसान अधिक जानकारी के लिए 9430464088 पर भी कॉल कर सकते हैं |

प्रशिक्षण हेतु शुल्क यहाँ जमा करवाएं

आवेदक इस पते पर डी.डी. बनवाकर राशि जमा कर सकते हैं किसान जो डी.डी .जमा किया जाते उसकी एक छायाप्रति अपने पास रखें |

  • खाता धारक का नाम – mushroom revolving fund
  • खाता संख्या – 4512002100001682
  • आई.एफ.एस.कोड. – PUNB0451200
  • बैंक का नाम – PUNJAB NATIONAL BANK, RAU PUSA BRANCH

मशरूम ट्रेनिंग हेतु आवेदन फार्म डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें

किसान यहाँ से भी ले सकते हैं प्रशिक्षण

इसके अतिरिक्त इच्छुक किसान भाई-बहन अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र अथवा अपने राज्य के कृषि विश्वविद्यालय से भी मशरूम की ट्रेनिंग ले सकते हैं |

उपज बिक्री का समय पर भुगतान न होने पर किसानों को दिया जायेगा 9 प्रतिशत का ब्याज

फसल खरीदी के भुगतान पर ब्याज

देश के कई राज्यों में 1 अप्रैल से रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो चुकी है | किसान अपनी फसल मंडी में ले जाकर बेच भी रहे हैं | इस वर्ष सभी पंजीकृत किसानों को मेसेज के द्वारा या टोकन के माध्यम से मंडी में फसल तुलाई के लिए बुलाया जा रहा है ऐसे में किसानों को समय पर भुगतान के लिए अलग-अलग राज्य सरकारों ने 48 से 72 घंटे की सीमा का निर्धारण किया है | वहीँ हरियाणा सरकार ने किसानों को समय पर भुगतान न होने पर 9 फीसदी ब्याज देने के फैसला लिया है |

500 केन्द्रों पर शुरू हुई समर्थन मूल्य पर खरीदी

हरियाणा राज्य में 500 खरीदी केन्द्रों पर रबी फसल की खरीदी 1 अप्रैल से शुरू कर दी गई है | उप मुख्यमंत्री ने अनुमान लगाया है कि राज्य में इस बार 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं आने की उम्मीद है | राज्य में गेहूं के अलावा 5 अन्य फसलों की सरकारी खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है | पहली बार सरकारी खरीद ऐजेंसियों ने 1 अप्रैल से गेहूं और सरसों की खरीद शुरू कर दी है। वहीँ इस वर्ष खुले बाजार में सरसों का भाव 5200 से 5400 रूपये प्रति क्विंटल मिल रहा है |

किसान खुद रजिस्टर कर बेच सकते हैं अपनी उपज

हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि जो भी पंजीकृत किसान हैं, उन्हें जिस दिन मंडी या खरीद केंद्र में फसल बिक्री के लिए बुलाया जाए तो उसकी फसल तुरंत खरीदी जाए। उन्होंने बताया कि सरकार ने यह विकल्प भी दे रखा है कि 50 प्रतिशत किसानों को सरकार बुलाएगी और 20 प्रतिशत किसान, जिनकी फसल पक चुकी है तथा वे चाहते हैं कि सरकार उनकी फसल पहले खरीदे, वे अपने आपको रजिस्टर करवा सकते हैं, उनको भी टोकन दिया जाएगा। इसके अलावा, 30 प्रतिशत किसान बुलाने का अधिकार आढ़तियों को भी दिया गया है।

72 घंटे में भुगतान न होने पर दिया जायेगा ब्याज

1 अप्रैल से शुरू की गई रबी फसल की खरीदी का भुगतान 72 घंटों के अंदर किया जायेगा | किसान जब अपनी फसल बेचने के लिए खरीद केंद्र या मंडी में लेकर आएगा तो उसे जे फार्म मिलेगा और 40 घंटे के अंदर किसान को उसकी फसल की कीमत की अदायगी हो जाएगी | यदि 72 घंटे में किसान को अदायगी नहीं हुई तो सरकार उस राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज किसानों को देगी |

10 लाख रुपये की सरकारी सहायता से कृषि क्षेत्र में उद्योग खोलने के लिए आवेदन करें

कृषि क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए अनुदान हेतु आवेदन

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने बहुत सी योजनओं की घोषणा की थी | इसमें अलग अलग योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने अलग-अलग फंड की स्थपाना भी की है | किसानों, युवाओं, सहकारी समितियों तथा छोटे उद्यमी के लिए वर्ष 2020–21 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाध प्रसंस्करण उद्यमी उन्नयन योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्ध प्रसंस्करण उधमियों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ कर दिए गए इच्छुक लाभार्थी ऑनलाइन आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं |

इसका उद्देश्य खाद्ध प्रसंस्करण उद्दोग से संबंधित असंगठित रूप में मौजूदा व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन करना है | इस योजना का लाभ किसान उत्पादन संस्थानों, स्वयं सहायता समूहों एवं उत्पादक सहकारी समितियों को उनके सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला में सहायता प्रदान करना है | किसान समाधान इस योजना की विस्तृत जानकारी लेकर आया है |

यह योजना देश के सभी राज्यों के लिए हैं

यह योजना वर्ष 2020–21 से 2024–25 तक 5 वर्षों के लिए संचालित की जाएगी, जिसमें 2 लाख सूक्ष्म प्रसंस्करण इकाईयों को 10,000 करोड़ रूपये की अनुदान सहायता प्रदान की जाएगी | यह योजना देश के सभी राज्यों तथा जिलों के लिए लागु की गई है | योजना के तहत देशभर विभिन्न राज्यों के माध्यम से जिलों का चयन किया गया है | जिसमें अलग-अलग क्लस्टर है | इच्छुक व्यक्ति ऑनलाइन अपने जिले के लिए चयनित उत्पाद की जानकारी देख सकते हैं |

योजना पर कितनी सब्सिडी दी जाती है ?

इस योजना के तहत व्यक्तिगत सूक्ष्म उधमों के उन्नयन के लिए लागत का 35 प्रतिशत की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है | यह सब्सिडी अधिकतम 10 लाख रूपये तक पूंजी निवेश की सहायता प्रदान करेगी | साथ ही कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से व्यक्तिगत सूक्ष्म उधमों की क्षमता निर्माण खाद्ध सुरक्षा मानकों और स्वच्छता पर तकनीकी ज्ञान प्रदान करने के साथ गुणवत्ता में सुधार किया जायेगा | इसके साथ ही विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने, बैंक ऋण लेने और उन्नयन के लिए हैंड होल्डिंग सहायता की जायेगी |

आवेदक के लिए पात्रता

  1. उधम के स्वामित अधिकार के साथ व्यक्तिगत / भागीदार फर्म,
  2. मौजूदा सूक्ष्म खाद्ध उद्धम जो कि सर्वे या रिसोर्स प्रश्न द्वारा जांचे गए हों |
  3. आवेदक 18 वर्ष से अधिक का हो और कम से कम 8 वीं कक्षा की शेक्षणिक योग्यता रखता हो |
  4. वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए एक परिवार से केवल एक व्यक्ति पात्र होगा | इस प्रयोजन के लिए परिवार में स्वयं पत्नी और बच्चे शामिल होंगे |

समूह श्रेणी :-

  1. योजना क्लस्टरों में एफपीओ/एसएचजी/उत्पादक सहकारिताओं को सहायता प्रदान करेगी एसएचजी/एफपीओ/उत्पादक सहकारिताओं को निम्नलिखित सहायता दी जाएगी |
  2. यथा – निर्धारित अधिकतम सीमा के साथ पूंजी निवेश हेतु क्रेडिट लिंकेज के साथ 35% की दर से अनुदान
  3. प्रशिक्षण सहायता
  4. बड़े क्लस्टर के स्तर पर ब्रांड विकसित करने हेतु ओडीओपी के अंतर्गत उत्पादों की विपन्न और ब्रांडिंग के लिए सहायता |

पात्रता मानदंड

  1. यह कम से कम तीन वर्षों तक ओडीओपी उपज के प्रसंस्करण में लगा हुआ होना चाहिए |
  2. एसएचजी / एफपीओ / उत्पादक सहकारिताओं के मामले में उनका न्यूनतम टर्नओवर से अधिक नहीं होना चाहिए |
  3. एसएचजी / एफपीओ / उत्पादक सहकारिताओं के पास परियोजना लागत और कार्यशील पूंजी के लिए मार्जिन मनी का 10 प्रतिशत पूरा करने के लिए पर्याप्त आंतरिक संसाधन होने चाहिए |

स्वयं सहायता समूहों को प्रारंभिक पूंजी

योजना में वर्किंग कैपिटल तथा छोटे औजारों की खरीद के लिए खाद्ध प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40,000 /- रूपये की दर से प्रारंभिक पूंजी के उपबंध दी जाएगी | अनुदान के रूप में प्रारंभिक पूंजी एसएचजी फेडरेशन के स्तर पर दी जाएगी जो आगे एसएचजी द्वारा ऋण के रूप में सदस्यों को दी जाएगी |

पात्रता मानदंड

प्रारंभिक पूंजी के लिए केवल वे एस.एच.जी. सदस्य जो वर्तमान खाद्ध प्रसंस्करण में कार्यरत है पात्र होंगे | एस.एच.जी सदस्य को इस राशि को वर्किंग कैपिटल तथा छोटे औजारों को खरीदने हेतु उपयोग करने की प्रतिबद्धता करनी होगी और इस न्स्नब्न्ध में एस.एच.जी. एवं एस.एच.जी फेडरेशन को वचन देना होगा |

अधिक जानकारी के लिए यहाँ संपर्क करें 

योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाले इच्छुक उद्योगों के लिए जिला स्टार पर आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे | यह योजना देशभर में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के द्वारा चलाई जा रहे है | योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति दी गई लिंक पर ऑनलाइनआवेदन कर सकता है |  आवेदन की विस्तृत जानकारी के लिए आवेदक https://pmfme.mofpi.gov.in/pmfme/#/Home-Page पर जा सकते हैं या हेल्पलाईन नम्बर 911302281089 पर संपर्क कर सकते हैं | जांच के बाद बैंकों को ऋण प्रस्तावों की सिफारिश की जाएगी | राज्य सरकार बैंकों को सिफारिश जाने वाले आवेदनों की सूची बनाने के लिए उपयुक्त स्तर तय कर सकते हैं |

अनुदान हेतु आवेदन यहाँ से करें ?

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्ध प्रसंस्करण उधम उन्नयन योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद प्रसंस्करण उद्यमी योजना का आवेदन ऑनलाइन किया जा रहा है | योजना के लिए देश के किसी भी राज्य के उद्यमी या किसान आवेदन कर सकते हैं | नये एवं पूर्व छोटे खाद्ध प्रसंस्करण लगाने वाले व्यक्तिगत कृषि उधमी अब https://pmfme.mofpi.gov.in/pmfme/#/Register-New-User पर आवेदन कर सकते हैं | ऑनलाइन आवेदन के 5 चरण यथा आवेदन पंजीकरण आवेदन भरना एवं जमा करना, जिला स्तर पर आवेदन का अनुमोदन बैंक लिंकेज और क्रेडिट लिकेंज है |

 

अनुपयोगी बंजर भूमि पर लगे सोलर प्लांट से किसान को होगी 50 लाख रुपये की सालाना आमदनी

कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट

देश में अक्षय उर्जा के क्षेत्र में किसानों की भागीदारी बढ़ाने एवं किसानों की आय को दुगना करने के उद्देश्य से देशभर में कुसुम योजना चलाई जा रही है | कुसुम योजना के तीन कॉम्पोनेन्ट हैं- कॉम्पोनेन्ट-ए के तहत किसान अपनी भूमि पर सोलर प्लांट लगवाकर सरकार को बिजली बेच सकते हैं वहीँ कॉम्पोनेन्ट बी में किसान सब्सिडी पर सोलर पम्प लगवाकर अपने खेत में सिंचाई के लिए उसका उपयोग कर सकते हैं एवं कॉम्पोनेन्ट-सी में सोलर पम्प लगवाकर अपने खेतों की सिंचाई के आलवा बिजली बेच भी सकते हैं |

कुसुम योजना के कॉम्पोनेन्ट-ए का लाभ अब किसानों को दिया जाने लगा है इसके लिए पिछले वित्तीय वर्ष में राजस्थान एवं मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा आवेदन भी आमंत्रित किये गए थे | इसमें राजस्थान में चयनित किसानों को योजना का लाभ भी दिया जाने लगा है |राजस्थान में पीएम कुसुम कम्पोनेन्ट–ए योजना के अंतर्गत देश के प्रथम सौर ऊर्जा संयंत्र से जयपुर जिले की कोटपुतली तहसील के भालोजी गाँव में गुरुवार को उर्जा उत्पादन आरम्भ हो गया है | सबसे बड़ी बात यह है की संयंत्र से उत्पादन होने वाली विधुत को राज्य के विधुत विभाग के द्वारा खरीदा जायेगा | जिससे संयंत्र के मालिक को प्रतिवर्ष 50 लाख रूपये की आमदनी होगी | 

कितनी भूमि पर लगाया गया है प्लांट

पीएम कुसुम योजना के कॉम्पोनेन्ट-ए के तहत 1 मेगावाट (1000 किलोवाट) क्षमता वाले सौर उर्जा संयंत्र की स्थापना की गई है | यह संयंत्र 3.50 एकड़ भूमि पर स्थापित किया गया है तथा 1 मेगावाट क्षमता की इस परियोजना की लागत लगभग 3.70 करोड़ रुपये की है | राजस्थान में स्थापित सौर उर्जा संयंत्र 1 मेगावाट उत्पादन के लिए 25 वर्षों तक चलाया जायेगा तथा सरकार उत्पादित विधुत को खरीदेगी |

3.14 रूपये प्रति यूनिट विधुत क्रय करेगी जयपुर विद्युत वितरण निगम

सौर उर्जा संयंत्र से उत्पादन होने वाली 1 मेगावाट क्षमता वाले संयंत्र से प्रतिवर्ष 17 लाख यूनिट का उत्पादन किया जायेगा | जिसे जयपुर विधुत वितरण निगम द्वारा 3.14 रूपये प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों तक किया जायेगा | जिससे कृषक को प्रति वर्ष 50 लाख रूपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है |

जल्द ही 2623 सौर उर्जा संयंत्र किये जाएंगे स्थापित

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंधन निदेशक डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान पी.एम. कुसुम योजना भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना है जिसके कम्पोनेन्ट-ए का राज्य में क्रियान्वयन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा किया जा रहा है | इस योजना के प्रथम चरण में कुल 722 मेगावाट क्षमता की परियोजना स्थापित करने हेतु 623 सौर उर्जा उत्पादकों का चयन किया गया है | इस योजना के तहत आगामी चरणों में कुल 2600 मेगावाट क्षमता स्थापित करने की योजना हैं |

प्रथम चरण में 623 सौर ऊर्जा उत्पादकों (एस.पी.जी.) में से 201 सौर ऊर्जा उत्पादकों द्वारा परियोजना सुरक्षा राशि जमा करा दी गई है | इनमें से 170 एस.पी.जी. ने विद्युत क्रय अनुबन्ध साइन कर लिए हैं |

5 वर्षों में 38,000 मेगावाट का किया जायेगा उत्पादन

राजस्थान के ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री की अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विकास एवं निवेश की महत्वकांक्षा योजनाएं है | राज्य सरकार द्वारा दिसम्बर 2019 में सौर ऊर्जा एवं पवन तथा हाईब्रिड ऊर्जा की नवीन नीतियाँ भी जारी की जा चुकी है | वर्ष 2025 तक कुल 38,000 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता की स्थापना का लक्ष्य है, जिसमें रूफटॉप विकेंद्रीकृत एवं मेगा सोलर एवं हाईब्रिड पार्कों की परियोजनाएं सम्मिलित है |