खुशखबरी! पशुपालन हेतु दुधारू पशु खरीदने के लिए एसबीआई बैंक देगा 10 लाख रुपए तक का लोन

पशुपालन के लिए बैंक लोन

पशुपालन न केवल किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का एक मुख्य ज़रिया भी है। पशुपालन के महत्व को देखते हुए युवाओं को पशु पालन के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। जिनके तहत लाभार्थी व्यक्तियों को न केवल पशु पालने के लिए सब्सिडी दी जाती है बल्कि सस्ता लोन भी उपलब्ध कराया जाता है। इस कड़ी में अधिक से अधिक व्यक्ति पशु खरीदने के लिए आसानी से लोन ले सके इसके लिए मध्य प्रदेश के एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ने एक नई पहल की है।

जिसके तहत पशुपालन के लिए इच्छुक व्यक्ति स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया बैंक से दुधारू पशु खरीदने के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं। इसके लिए मध्य प्रदेश कोआँपरेटिव डेयरी फेडरेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। इसमें दुग्ध संघों की वार्षिक सभाओं में बैंक के अधिकारी उपस्थित पशु पालकों को पशु खरीदने के लिए ऋण दिलाने में सहायता करेंगे। 

दुधारू पशु खरीदने के लिए दिया जायेगा लोन

मध्य प्रदेश कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच हुए इस एमओयू के तहत इच्छुक व्यक्ति दुधारू पशु खरीदने के लिए लोन ले सकते हैं। एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबंध संचालक श्री तरुण राठी ने बताया कि दुग्ध संघों के कार्यक्षेत्र की समितियों के पात्र सदस्यों को त्रि-पक्षीय अनुबंध के तहत 2,4,6 और 8 दुधारू पशु खरीदने के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में चयनित 3 से 4 बैंक शाखाओं द्वारा ऋण की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

पशुपालन के लिए कितना लोन मिलेगा

एमओयू के तहत एसबीआई बैंक पशुपालन के लिए किसानों को योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराएगी। पशुपालक अपने प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं। हितग्राही को मार्जिन मनी के रूप में 10 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी। दस लाख रूपये तक का मुद्रा लोन बिना कोलेट्रल एवं 1 लाख 60 हजार रुपये तक का नान मुद्रा लोन बिना कोलेट्रल त्रि-पक्षीय अनुबंध के तहत हितग्राहियों को उपलब्ध कराया जायेगा।

पशुपालन लोन लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज

बैंक ऋण के लिए ज़िले में स्थित स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की 3 या 4 शाखाओं को अधिकृत किया जायेगा, इच्छुक व्यक्ति इन शाखाओं से यह ऋण ले सकेंगे। इसके लिए पात्र हितग्राही को निर्धारित प्रोफार्मा में आवेदन के साथ फोटो, आधार/पेनकार्ड, वोटर आईडी, दुग्ध समिति की सक्रीय सदस्यता का प्रमाण–पत्र और त्रि-पक्षीय अनुबंध (संबंधित बैंक शाखा, समिति एवं समिति सदस्य के मध्य) आदि दस्तावेज संलग्न करने होंगे।

इस तरह जमा करना होगा ऋण की राशि

पशु खरीदने के लिए लिया गया ऋण हितग्राहियों को 36 किश्तों में करना होगा। इसके अतिरिक्त हितग्राही को दुग्ध समिति में दूध प्रदाय करना अनिवार्य होगा। प्रति माह दूध की कुल राशि का 30 प्रतिशत भाग समिति द्वारा ऋण की अदायगी के लिये बैंक को भुगतान किया जायेगा।

किसान फसलों की अधिक पैदावार के लिए इस तरह करें सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग

सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग

कृषि के क्षेत्र में पौधों के विकास तथा अच्छी पैदावार के लिए पोषक तत्वों की अहमियत अत्याधिक है, खेत में लगातार फसलें लेने के कारण मिट्टी में पहले से मौजूद पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिसके चलते किसानों को इन पोषक तत्वों की पूर्ति बाहर से करनी पड़ती है। जो किसान रासायनिक एवं जैविक खाद उर्वरक के छिड़काव के माध्यम से कर सकते हैं। जिससे पैदावार के साथ ही पौधों की बढ़वार भी अधिक होती है।

कृषि में अलग-अलग फसलों को समय-समय पर अलग-अलग पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जिसके लिए बाजार में बहुत तरह के खाद एवं उर्वरक उपलब्ध हैं जिनका उपयोग किसान करते हैं। लेकिन बाजार में कई बार विभिन्न प्रकार के उर्वरकों की कमी हो जाती है जिससे किसान खेतों में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग समय पर नहीं कर पाते है। ऐसे में किसान मिट्टी की जाँच से या फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा की जानकारी के अनुसार कर सकते है।

आजकल अक्सर बाजार में DAP की कमी बाजार में देखने को मिल रही है। इस अवस्था में DAP की जगह एसएसपी + यूरिया के प्रयोग कर उसकी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। इसके साथ ही किसानों के लिए यह काफी किफायती भी पड़ता है।

सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) में मौजूद पोषक तत्व

खेत की मिट्टी में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनकी कमी होने के चलते ही किसानों को बाहर से रासायनिक एवं जैविक खाद एवं उर्वरक देने की आवश्यकता होती है ऐसे में इनमें से कुछ पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP का उपयोग किया जाता है। यह पोषक तत्व इस प्रकार है:-

  • फॉस्फोरस – 16%
  • सल्फर – 11%
  • कैल्शियम – 19%
  • जिंक – 1%

एसएसपी एक फॉस्फोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें कि 16 प्रतिशत फॉस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फ़र की मात्रा पायी जाती है। इसमें उपलब्ध सल्फ़र के कारण यह उर्वरक तिलहनी एवं दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की अपेक्षा अधिक लाभदायक है।

किसान अधिक लाभ के लिए कर सकते हैं DAP की जगह SSP + यूरिया

सिंगल सुपर फॉस्फेट SSP उर्वरक डीएपी की अपेक्षा सस्ता है एवं बाजार में आसानी से उपलब्ध है। प्रति बैग डीएपी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 9 किलोग्राम नाइट्रोजन पाया जाता है। फसलों में फॉस्फोरस, नत्रजन एवं सल्फर न्यूट्रेंटस उपलब्ध करवाने के लिए डीएपी + सल्फर के विकल्प के रूप में यदि एसएसपी + यूरिया का उपयोग किया जाए, तो डीएपी + सल्फर से कम मूल्य पर अधिक नाईट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है । इसके लिए 1 बैग डीएपी + 16 किलोग्राम सल्फर के विकल्प के रूप 3 बैग एसएसपी + 1 बैग यूरिया का प्रयोग किया जाता है, तो इससे भी कम मूल्य पर अधिक नाईट्रोजन, फॉस्फोरस एवं सल्फर प्राप्त किया जा सकता है।

DAP और SSP का उपयोग 

किसान DAP + सल्फर एवं SSP + यूरिया दोनों में से कोई भी उर्वरक उपयोग कर सकते हैं । लेकिन SSP + यूरिया किसानों के लिए डीएपी + सल्फर से ज्यादा सस्ता है। दोनों के मूल्य में अंतर के लिए किसान नीचे दी गई तालिका में देखें:-

DAP और सल्फर का उपयोग कैसे करें?

1 बैग DAP + 16 किलो सल्फर में पोषक तत्व की मात्रा एवं लागत
पोषक तत्व 
मात्रा 
कुल खर्च

फाँस्फोरस 

23 किलोग्राम 

1350 रु.

नाईट्रोजन 

9 किलोग्राम 

सल्फर 

16 किलोग्राम 

1600 रु.

योग 

2950 रुपए

सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग कैसे करें?

3 बैग SSP + 1 बैग यूरिया में पोषक तत्व की मात्रा एवं लागत
पोषक तत्व 
मात्रा 
कुल खर्च

फाँस्फोरस 

24 किलोग्राम 

(450×3) 1350 रु.

नाईट्रोजन 

16 किलोग्राम 

सल्फर 

20 किलोग्राम 

267 रु.

योग 

1617 रुपए 

घर की छत पर सोलर पैनल लगाकर करें बिजली का उत्पादन, मिलेगी इतनी सब्सिडी

सोलर पैनल पर अनुदान लेकर करें बिजली उत्पादन

सरकार द्वारा स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके तहत सभी घरेलू बिजली उपभोक्ता अपने घर की छत पर सोलर पैनल संयंत्र स्थापित कर अपनी बिजली का उत्पादन स्वयं कर सकते हैं तथा उत्पादित अतिरिक्त बिजली का विक्रय बिजली कंपनी को कर सकते हैं। इससे घर की बिजली तो फ्री होगी ही साथ ही बिजली बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त की जा सकती है।

इस कड़ी में सरकार द्वारा देश भर में रूफटॉप सोलर योजना फेस-2 चलाई जा रही है जिसके तहत लाभार्थी व्यक्ति को 10 किलोवॉट तक के सोलर पैनल संयंत्र स्थापित करने पर सब्सिडी दी जाती है। यह योजना का क्रियान्वयन पूरे देश में भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। योजना का लाभ अलग-अलग राज्यों की विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा दिया जा रहा है। इसी तरह मध्य प्रदेश में भी योजना का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है। 

सोलर पैनल संयंत्र की स्थापना पर कितना अनुदान Subsidy दिया जायेगा

केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही रूफटॉप सोलर योजना फेस-2 के अंतर्गत 1 से लेकर 3 किलोवॉट तक के पैनल पर 40 प्रतिशत तथा 3 से 10 किलोवॉट तक के संयंत्र की स्थापना पर 20 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। एक किलोवाट के रूफटॉप सोलर संयंत्र की निर्धारित राशि 38 हजार रूपये तथा जीएसटी जोड़ने पर 43 हजार 244 रूपये है। अनुदान की 40 प्रतिशत राशि 17 हजार 297 रूपये घटाने पर उपभोक्ता को मात्र 25 हजार 946 रूपये का ही भुगतान करना होगा।

मध्य प्रदेश के पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने अपने पोर्टल पर केलकुलेटर भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे उपभोक्ता आवश्यकतानुसार प्रति किलोवॉट राशि की गणना कर सोलर संयंत्र स्थापित करवा सकते हैं। उपभोक्ता सूचीबद्ध वेंडर्स से रूफटॉप सोलर प्लांट लगवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें निर्धारित दर के अनुसार कुल कीमत में से अनुदान राशि घटा कर शेष राशि का ही भुगतान वेंडर्स को करना होगा, जिसकी प्रक्रिया पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है।

सोलर पैनल पर सब्सिडी की गणना करने के लिए क्लिक करें

बिजली बेचकर करें आमदनी

सोलर पैनल संयंत्र के साथ नेट मीटर एवं जनरेशन मीटर भी स्थापित किया जाएगा, जिसका व्यय संबंधित उपभोक्ता द्वारा वहन किया जायेगा। उपभोक्ता सोलर पेनल से उत्पादित एवं कंपनी को बेची गई अतिरिक्त बिजली से लाभ कमा सकेंगे, जिसकी गणना नेट मीटर के माध्यम से की जाएगी।

सब्सिडी पर सोलर पैनल की स्थापना के लिए यहाँ करें ऑनलाइन आवेदन

रूफटॉप सोलर योजना की पूरी जानकारी कंपनी के पोर्टल mpez.co.in पर उपलब्ध है। सोलर संयंत्र लगवाने के लिए इच्छुक घरेलू बिजली उपभोक्ता ‘‘स्मार्ट बिजली ऐप’’ से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जिसमें उपभोक्ता को अपना आधार कार्ड एवं फोटो अपलोड करना होगा।

योजना में अनुदान का लाभ पाने के लिए घरेलू उपभोक्ताओं को केवल विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अधिकृत वेंडर से ही रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित कराना होगा ताकि सोलर पैनल एवं अन्य उपकरणों की स्थापना मंत्रालय के मानक एवं निर्देशों के अनुसार हो सके। साथ ही संबंधित वेंडर्स द्वारा रूफटॉप सोलर प्लांट का 5 साल तक रखरखाव भी किया जायेगा।

अब इन किसानों को भी मिलेगा बिना किसी ब्याज के 3 लाख रुपए तक का ऋण

बिना किसी ब्याज के 3 लाख रुपए तक का ऋण

कृषि क्षेत्र में किसानों को प्रोत्साहित करने तथा कृषि को लाभकारी बनाने के लिए सरकार द्वारा लगातार कई प्रयास किए जा रहे हैं, इसमें किसानों को कृषि में निवेश के लिए सस्ती पूँजी उपलब्ध कराना भी शामिल है। इसके लिए सरकार किसानों को कृषि कार्यों के लिए बैंक से लोन लेने पर अतिरिक्त ब्याज अनुदान देती है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को दिए जाने वाले इस ब्याज अनुदान योजना का विस्तार कर दिया गया है। अब राज्य में उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों के अतिरिक्त मत्स्य पालन करने वाले किसान भी ब्याज मुक्त ऋण योजना का लाभ ले सकते हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में किसानों को तो, बिना किसी ब्याज के फसली ऋण पहले से ही उपलब्ध कराती आ रही है, जिसके बाद मछली पालन को भी कृषि का दर्जा दिए जाने के बाद उन्हें भी इस योजना का लाभ दिया जाने लगा है। अब सरकार ने योजना का विस्तार करके उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों को भी शामिल कर लिया है।

अब यह किसान ले सकते हैं बिना किसी ब्याज के ऋण

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में मछली पालन को भी कृषि का दर्जा दे दिया गया है जिसके बाद मछली पालन विभाग द्वारा 2 अगस्त 2021 को जारी आदेश के अनुसार मत्स्य पालकों, मत्स्य समूहों व संगठनों को अल्पकालीन कृषि ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जायेगा। जिसके लिए सरकार द्वारा अधिसूचना का प्रकाशन भी 14 सितम्बर को राजपत्र में कर दिया गया है। इसके अलावा उद्यानिकी फसलों के लिए किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण की भांति एक अप्रैल 2022 से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा एवं उस ऋण पर ब्याज अनुदान देय होगा।

किसान ले सकेंगे 3 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण

राज्य में उद्यानिकी कृषकों एवं मत्स्य पालकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय के परिपालन में सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी ऋण पर ब्याज अनुदान नियम 2021 में संशोधन के लिए जारी अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र में किया गया है। जिसके बाद मत्स्य पालकों, मत्स्य समूहों एवं मत्स्य समितियों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान दिया जाएगा। जिससे मत्स्य पालकों, मत्स्य समूहों एवं मत्स्य समितियों को अल्पकालीन ऋण 3 लाख तक का ऋण बिना किसी ब्याज के ले सकते हैं। 

जारी अधिसूचना के अनुसार उद्यानिकी किसानों को प्रभावित ब्याज दर में से प्रभावशील ब्याज दर घटानें के साथ शेष राशि की प्रतिपूर्ति भी अनुदान के रूप में राज्य शासन द्वारा सहकारी बैंकों एवं समितियों को की जाएगी। जिससे उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले किसानों को 3 लाख रुपए तक का अल्पकालीन ऋण ब्याज मुक्त मिलेगा। 

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा बेचने के लिए किसान अभी करें अपना पंजीयन

समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार बाजरा बेचने के लिए किसान पंजीयन

जल्द ही खरीफ सीजन की अलग-अलग फसलों की कटाई शुरू होने वाली है ऐसे में किसानों को इन फसलों का उचित भाव मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा इन फसलों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती है। किसानों को समर्थन मूल्य पर यह उपज बेचने के लिए पंजीयन कराना आवश्यक होता है, पंजीयन के बाद ही किसान मंडियों में यह उपज बेच सकते हैं। इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने धान एवं अन्य खरीफ फसलों का पंजीयन शुरू कर दिया है। 

खरीफ सत्र 2022-23 में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा खरीदने के लिए पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य के किसान मूल्य समर्थन योजना का लाभ लेने के लिए 15 अक्टूबर 2022 तक पंजीयन करा सकते हैं। 

इन फसलों के लिए किसान करा सकेंगे पंजीयन

किसानों को फसलों का उचित मूल्य मूल्य मिल सके इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत धान एवं मोटा अनाज (ज्वार, बाजरा) के समर्थन मूल्य पर विक्रय हेतु पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। किसान एमपी ऑनलाइन कियोस्क पर जाकर या अन्य माध्यमों से अपना पंजीयन करा सकते हैं।

खरीफ फसलों की खरीद भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर की जाएगी। जिसके तहत धान (कॉमन) के लिए 2040 रुपये प्रति क्विंटल, धान (ग्रेड-ए) के लिए 2060 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा के लिए 2350 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार (हाईब्रिड)– 2970 रूपये प्रति क्विंटल, ज्वार (मालदंडी) – 2990 रूपये प्रति क्विंटल, अरहर व उड़द के लिए 6600 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित किया गया है।

किसान पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

खरीफ फसल 2022–23 के विक्रय के लिए पंजीयन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, किसानों को पंजीयन कराने के लिए निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज साथ ले जाना होगा:-

  • आवेदक की समग्र आईडी,
  • निवास प्रमाण पत्र,
  • आधार कार्ड,
  • बैंक अकाउंट पासबुक, 
  • ऋण पुस्तिका,
  • मोबाईल नंबर (आधार से जुदा हुआ होना चाहिए),
  • पासपोर्ट साइज फोटो।

किसान यहाँ करें समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए पंजीयन

मध्य प्रदेश के किसान खरीफ फसलों के पंजीयन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों प्रकार से कर सकते हैं। किसानों की सुविधा के लिए कई प्रकार की ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया रखी गई है, जिससे किसान आसानी से घर बैठे अपना पंजीकरण कर सकते हैं। किसान अब अपना पंजीयन डाटा एंट्री के अलावा एमपी किसान एप, प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं से पंजीयन करा सकेंगे। सिकमिदार एवं वनाधिकार पट्टाधारी अपना पंजीयन समिति / एफपीओ / महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित केन्द्रों में ही करा सकेंगे। इसके अलावा किसान ऑनलाइन http://mpeuparjan.nic.in/mpeuparjan/Home.aspx लिंक पर जाकर भी अपना पंजीयन कर सकते हैं। किसान निम्न केंद्र पर भी जाकर अपना पंजीयन कर सकते हैं:-

  • पूर्व वर्ष की भांति सहकारी समिति/SHG/FPO/FPC द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र पर जाकर 
  • तहसील कार्यालय मे सुविधा केंद्र पर जाकर
  • जनपद कार्यालय मे स्थापित सुविधा केंद्र पर जाकर  
  • ग्राम पंचायत मे स्थापित सुविधा केंद्र पर जाकर 
  • स्वयं के मोबइल या कंप्यूटर से पंजीयन हेतु निर्धारित लिंक पर जाकर

2040 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर 1 अक्टूबर से शुरू होगी धान की खरीद

समर्थन मूल्य पर धान की खरीद

धान की कटाई के साथ ही राज्य सरकारों के द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर इसकी खरीद के लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है, इसके लिए सरकार द्वारा तारीखों का ऐलान भी कर दिया गया है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार किसानों से धान की ख़रीदी की शुरुआत 1 अक्टूबर से शुरू करने जा रही है, जो 15 नवंबर, 2022 तक जारी रहेगी। इस बार सरकार ने 55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा है। साथ ही इस वर्ष सरकार ने मंडियों में लगने वाली मार्केट फीस में भी परिवर्तन किया है।

इसके अलावा इस वर्ष हरियाणा सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि समर्थन मूल्य पर खरीद हेतु जिन क्षेत्रों में धान की अच्छी पैदावार होती है, उन क्षेत्रों में औसत पैदावार 30 क्विंटल प्रति एकड़ व अन्य क्षेत्रों में 28 क्विंटल प्रति एकड़ मानी जाएगी।

किसान को देना होगा इतनी मार्केट फीस

इस वर्ष हरियाणा सरकार ने फैसला लिया है कि जो धान न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर नहीं खरीदा जाता, जैसे बासमती व डुप्लीकेट बासमती, उस पर 4 प्रतिशत मार्केट फीस की जगह अब सीधा 100 रुपये प्रति क्विंटल फीस लगेगी, जिसमें से 50 रुपये मंडी बोर्ड को जाएंगे और 50 रुपये हरियाणा ग्रामीण विकास फंड में उपकर के रूप में जमा होंगे।

इन फसलों की भी की जायेगी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद 

इस वर्ष खरीफ सीजन सत्र 2022-23 के दौरान धान, बाजरा, मक्का, मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली, तिल, अरहर और उड़द आदि फसलों की खरीद की जाएगी। मूंग की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी और यह 15 नवंबर 2022 तक जारी रहेगी। वहीं मूंगफली की खरीद 1 नवंबर से 31 दिसंबर 2022 तक की जाएगी। इसके अलावा, अरहर, उड़द और तिल की खरीद 1 दिसंबर से शुरू होगी और 31 दिसंबर 2022 तक जारी रहेगी।

इस भाव पर की जायेगी धान एवं अन्य खरीफ फसलों की खरीद

खरीफ फसलों की खरीद भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP पर की जाएगी। धान (कॉमन) के लिए 2040 रुपये प्रति क्विंटल, धान (ग्रेड-ए) के लिए 2060 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा के लिए 2350 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का के लिए 1962 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग के लिए 7755 रुपये प्रति क्विंटल, सूरजमुखी के लिए 6400 रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली के लिए 5850 रुपये प्रति क्विंटल, तिल के लिए 7830 रुपये प्रति क्विंटल, अरहर व उड़द के लिए 6600 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित किया गया है।

200 से अधिक मंडियों में होगी धान की खरीद

इस वर्ष हरियाणा सरकार द्वारा खरीफ फसलों की निर्बाध खरीद सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में मण्डियों की व्यवस्था की गई है। धान की खरीद के लिए 201 मंडियाँ, बाजरा की खरीद के लिए 86 मंडियाँ, मक्का की खरीद के लिए 19 मंडियाँ, मूंग की खरीद के लिए 38 मंडियां, सूरजमूखी की खरीद के लिए 9 मंडियां, मूंगफली की खरीद के लिए 7 मंडियां, तिल की खरीद के लिए 27 मंडियां, अरहर की खरीद के लिए 22 मंडियां तथा उड़द की खरीद के लिए 10 मंडियां निर्धारित की गई हैं।

हेल्प डेस्क से होगा किसानों की समस्या का समाधान

मंडियों में किसानों की मदद के लिए हेल्प डेस्क की सुविधा भी स्थापित की गई है। इस हेल्प डेस्क पर मार्केटिंग बोर्ड, कृषि व संबंधित विभाग के अधिकारी तैनात होंगे। हेल्प डेस्क पर किसानों की शिकायतों का भी निवारण किया जाएगा।

पशुपालक किसान जीत सकते हैं 5 लाख रुपए तक का ईनाम, 30 सितंबर तक करना होगा यहाँ आवेदन

गोपाल रत्न पुरस्कार हेतु आवेदन

पिछले कुछ सालों में देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ा है, ऐसे में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र को और बढ़ावा दिया जा सके, इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर साल डेयरी किसानों, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को गोपाल रत्न पुरस्कार दिया जाता है। पशुपालन, मत्स्य और डेयरी विभाग ने इस वर्ष भी देश में इन क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले किसानों को पुरस्कार देने की घोषणा की है, इसके लिए इच्छुक व्यक्ति 30 सितम्बर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

योजना के प्रमुख उद्देश्य स्वदेशी दुधारू गायों में वैज्ञानिक तरीके से उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना, राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों को 100 प्रतिशत ए.आई. कवरेज लेने के लिए प्रेरित करना तथा सहकारी और दुग्ध उत्पादक कंपनियों को विकसित होने और प्रतिस्पर्धी भावना पैदा करने के लिए प्रेरित करना है।

योजना के तहत यह व्यक्ति होंगे पात्र

राजस्थान के पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने जानकारी देते हुए बताया कि गोपाल रत्न पुरस्कार योजना के तहत गाय एवं भैंसों की डेयरी करने वाले वही किसान पात्र हैं, जो गाय की प्रमाणित स्वदेशी 50 नस्लों अथवा भैंस की 17 देशी प्रमाणित नस्लों में से किसी एक का पालन करता हों। इसी प्रकार सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन हेतु पशुधन विकास बोर्ड, दुग्ध फेडरेशन, गैर सरकारी संगठन अथवा निजी क्षेत्र का कोई भी कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन जिसने इस कार्य के लिए कम से कम 90 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया हो। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में सहकारी कम्पनी अधिनियम के तहत ग्राम स्तर पर स्थापित सहकारी समिति, एमपीसी या एफपीओं दुग्ध उत्पादक कम्पनी जो प्रतिदिन 100 लीटर दूध का उत्पादन करती है और उनके साथ कम से कम 50 किसान सदस्य हो पात्र होंगें। 

विजेता को दिया जायेगा 5 लाख रुपए तक का पुरस्कार

रष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए तीनों श्रेणी में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए क्रमशः 5 लाख, 3 लाख एवं 2 लाख रूपये की राशि पारितोषिक स्वरूप प्रदान की जायेगी। साथ ही विजेताओं का प्रमाण पत्र एवं एक स्मृति चिन्ह दिया जायेगा। पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार द्वारा विजेताओं को पुरस्कार राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर 26 नवम्बर, 2022 को समारोह आयोजित कर प्रदान किये जायेंगे।

किसान गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए यहाँ करें आवेदन

सभी इच्छुक किसान, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और सहकारी व दुग्ध उत्पादक कम्पनियां इस गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन पशुपालन, मत्स्य और डेयरी विभाग, भारत सरकार की वेबसाइट https://awards.gov.in पर 30 सितम्बर, 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए क्लिक करें

इन 20 मंडियों में की जायेगी अरहर, मूंग एवं उड़द की खरीदी, किसान 31 अक्टूबर तक करें अपना पंजीयन

अरहर, मूंग एवं उड़द की खरीदी समर्थन मूल्य पर खरीद

जल्द ही खरीफ फसलों की कटाई का काम शुरू हो जायेगा, ऐसे में किसान समय पर अपनी उपज उचित दामों पर बेच सकें इसके लिए किसानों को समर्थन मूल्य पर अपनी उपज का पंजीयन आवश्यक रूप से कराना होगा। इस वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के किसानों से धान, मक्का सहित अरहर, मूंग एवं उड़द फसलों की खरीदी करने जा रही है। इस इसके लिए सरकार ने खरीदी केंद्रों के साथ ही पंजीयन एवं खरीदी के लिए तारीखों का एलान कर दिया है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा खरीफ सीजन 2022-23 में प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अरहर, मूंग, उड़द की खरीदी राज्य में की जाएगी। इसके लिए वेयर हाउस के 20 गोदामों को उपार्जन केन्द्र के रूप में अधिसूचित किय गया है। उड़द और मूंग की खरीदी 17 अक्टूबर से 16 दिसम्बर 2022 तक तथा अरहर की खरीदी 13 मार्च 2023 से 12 मई 2023 तक की जाएगी। 

इन मंडियों में की जाएगी MSP पर अरहर, मूंग, उड़द की खरीदी

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बलौदाबाजार-भाटापारा अंतर्गत छत्तीसगढ़ स्टेट वेयर हाउस कार्पोरेशन के बिलाईगढ़ स्थित गोदाम को उपार्जन केन्द्र बनाया गया है। इस उपार्जन केन्द्र में बलौदाबाजार और रायपुर जिले के कृषक उड़द, मूंग और अरहर का विक्रय समर्थन मूल्य पर कर सकेंगे। इसी तरह गरियाबंद स्थित स्टेट वेयर हाउस गोदाम गरियाबंद और धमतरी के बसना गोदाम में स्थापित उपार्जन केन्द्र में महासमुन्द जिले के किसान, दुर्ग स्थित उपार्जन केन्द्र में दुर्ग और बलोद जिले के किसान, बेमेतरा जिले के थानखम्हरिया में बेमेतरा जिले के कबीरधाम के पण्डरिया स्थित गोदाम में, कबीरधाम जिले के, राजनांदगांव के केन्द्र में राजनांदगांव जिले के किसान उड़द, मूंग और अरहर बेच सकेंगे।

मुंगेली स्थित गोदाम में मुंगेली एवं बिलासपुर जिले के किसान, मरवाही स्थित गोदाम में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के किसान, जांजगीर जिले बोड़ासागर गोदाम में जांजगीर-चांपा जिले के किसान और बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के किसान राजपुर स्थित गोदाम में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के, सूरजपुर गोदाम में सूरजपुर जिले के, अंबिकापुर केन्द्र में सरगुजा जिले के, जशुपर जिले के बगीचा स्थित केन्द्र में जशपुर जिल के, मनेन्द्रगढ़ में कोरिया जिले के, कोण्डागांव में दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर और कोण्डागांव जिले के, कांकेर स्थित उपार्जन केन्द्र में, कांकेर जिले के, रायगढ़ जिले के लोहारासिंह-2 गोदाम में रायगढ़ जिले के तथा नारायणपुर स्थित स्टेट वेयर हाउस के गोदाम में बीजापुर और नारायणपुर जिले के किसान समर्थन मूल्य पर अरहर, मूंग, उड़द बेच सकेंगे।

किसान 31 अक्टूबर तक करा सकेंगे पंजीयन

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में अरहर, उड़द एवं मूंग फसलों की उपज की खरीदी की जाएगी। जिसके लिए अरहर, उड़द एवं मूंग उत्पादक कृषकों का पंजीयन 31 अक्टूबर 2022 तक किया जा रहा है। शासन द्वारा अरहर एवं उड़द 6600 रूपए प्रति क्विंटल तथा मूंग 7755 रूपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की जाएगी। उड़द एवं मूंग की खरीदी 17 अक्टूबर से 16 दिसम्बर 2022 तक तथा अरहर की खरीदी 13 मार्च 2023 से 12 मई 2023 तक की जाएगी।

पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

अरहर, उड़द एवं मूंग बोनी करने वाले किसान अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से सत्यापन उपरांत सेवा सहकारी समिति में आवेदन पत्र, ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति जमाकर एकीकृत किसान पोर्टल http://www.rgkny.cg.nic.in/ पोर्टल पर पंजीयन करवा सकते है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय करने के साथ ही किसानों को 9000 रूपये प्रति एकड़ तथा धान के बदले मूंग, उड़द, अरहर लगाने पर 10,000 रूपये प्रति एकड़ राजीव गाँधी किसान न्याय योजना का भी लाभ मिलेगा। योजना के तहत लाभ लेने के लिए किसानों को नियत अवधि में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल www.rgkny.cg.nic.in  पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।

किसान इस भाव पर खरीद सकते हैं गेहूं, चना, सरसों एवं अन्य रबी फसलों के उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज

गेहूं, चना सरसों एवं अन्य रबी फसलों के प्रमाणित बीज के दाम

किसी भी फसल की पैदावार उसके बीज की गुणवत्ता पर निर्भर करती है, केवल उन्नत बीजों के उपयोग मात्र से ही फसलों की उत्पादकता में लगभग 20-25 प्रतिशत तक वृद्धि की जा सकती है। जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होती है। ऐसे में किसानों को सरकार द्वारा सहकारी समितियों के माध्यम से उच्च गुणवत्तापूर्ण प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जाते हैं, सरकार किसानों की सुविधा के लिए इन बीजों की दरों का निर्धारण पहले से कर देती है, जिस पर किसान इन बीजों को खरीद सकते हैं। किसान यह बीज किसान क्रेडिट कार्ड के ऋण पर भी प्राप्त कर सकते हैं।

इस कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा रबी सीजन 2022-23 की रबी फसलों के प्रमाणित बीज की दरों का निर्धारण कर दिया गया है। इसमें गेहूं, चना, मसूर, सरसों, मटर, तिवड़ा, अलसी, कुसुम एवं मूँगफली समेत सभी रबी फसलें शामिल है। किसान रबी सीजन के लिए इन अनाज, दलहन, तिलहन फसलों के प्रमाणित बीज सहकारी समितियों से निर्धारित दरों पर खरीद सकते हैं। 

क्या है उच्च किस्म के प्रमाणित बीज के लिए दाम

छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा गेहूं के उच्च किस्म के प्रमाणित बीज सहित सभी फसलों के समस्त किस्मों के प्रमाणित बीजों की दरें निर्धारित की गई है, किसान इन दरों पर सहकारी समितियों से बीज खरीद सकते हैं। यह दाम इस प्रकार है:-

  • गेहूं (उच्च किस्म के बीज)- 3425 रूपए प्रति क्विंटल
  • गेहूं (बौनी किस्म के बीज) – 3400 रूपए प्रति क्विंटल
  • चना (सभी किस्म के बीज) – 7500 रूपए प्रति क्विंटल
  • मटर (सभी किस्म के बीज) – 8300 रूपए प्रति क्विंटल
  • मसूर (सभी किस्म के बीज) – 8000 रूपए प्रति क्विंटल
  • तिवड़ा (सभी किस्म के बीज) – 5000 रूपए प्रति क्विंटल
  • सरसों (सभी किस्म के बीज) – 7000 रूपए प्रति क्विंटल
  • अलसी (सभी किस्म के बीज) – 6000 रूपए प्रति क्विंटल
  • कुसुम (सभी किस्म के बीज) – 6500 रूपए प्रति क्विंटल 
  • मूंगफली (सभी किस्म के बीज) – 8200 रूपए प्रति क्विंटल

किसान इन शिविरों में जाकर बनवा सकते हैं अपना किसान क्रेडिट कार्ड

किसान क्रेडिट कार्ड KCC के लिए शिविर का आयोजन

खेती-किसानी, पशु पालन एवं मछली पालन में निवेश के लिए किसानों को पूँजी की आवश्यकता होती है, जिसे किसान लोन लेकर पूरा करते हैं। सरकार द्वारा किसानों को सहायता देने के लिए यह ऋण किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत कम ब्याज दरों पर दिया जाता है। ऐसे में अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ ले सके इसके लिए सरकार द्वारा विशेष अभियान के तहत किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के सभी ज़िलों में किसान क्रेडिट कार्ड शिविर का आयोजन कर रही है। किसान इन शिविरों में जाकर आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड KCC बनवा सकते हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टर्स को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं। शिविरों में किसानों से आवेदन के पश्चात केसीसी जारी किए जा रहे हैं। इसके साथ ही किसानों को लाभकारी योजनाओं के सम्बंध में जानकारी दी जा रही है।

किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए यह दस्तावेज ले जाएँ साथ

राज्य के इच्छुक किसान जिसके पास किसी भी स्तर की खेती योग्य जमीन हो वह इसके लिए आवेदन कर सकते है। आवेदक की उम्र 18 से 75 साल के बीच होनी चाहिए। 60 से अधिक आयु के किसानों को एक अन्य सहयोगी की आवश्यकता होगी। आवेदन करने के लिए किसान को शिविर में अपना आधार कार्ड, नक्शा, खसरा, बी वन, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक खाता की पास बुक लाकर मात्र एक आवेदन पत्र भरना होगा।

किसान क्रेडिट कार्ड के ज़रिए सहकारी साख समितियों के माध्यम से किसान बिना किसी राशि के अपने प्रत्येक खेती के खाद बीज और नगद राशि प्राप्त कर सकते हैं। एक फसल के बाद यह ऋण बिना किसी ब्याज के तुरंत पटाया जा सकता है। 

शिविर में ही किसानों को दिए जा रहे हैं किसान क्रेडिट कार्ड 

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार कोरिया जिले के कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में किसान क्रेडिट कार्ड शिविर की शुरुआत की गई है। जिले की समस्त आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में यह शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। शिविर में कृषि एवं इससे संबद्ध विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाकर आवेदन लिए जा रहें हैं। इसमें वन विभाग, पशुपालन, मत्स्य, उद्यानिकी तथा रेशम विभाग द्वारा स्टॉल लगाए गए हैं।

कोरिया जिले में सहकारी साख समितियों में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर के पहले दिन विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के धौराटिकरा तथा सोनहत के रजौली समिति में शिविर आयोजित किए गए। शिविर में कुल 266 किसानों ने आवेदन किए, जिनमें 126 किसानों को मौके पर ही केसीसी उपलब्ध करा दिया गया है।