मध्यप्रदेश राज्य औषधीय पौध मिशन
यह मिशन भारत शासन के राष्ट्रीय आयुष मिशन के अन्तर्गत औषधीय पादपों का विकास एवं कृषि के लिये जारी मूल निर्देशों का पालन करते हुये संचालित किया जा रहा है |
योजना के घटक
औषधीय पौधों के फसलोतर प्रबंधन, प्रसंस्करण, विपणन, पौधशालाओं के विकास और क्षेत्र विस्तार हेतु अनुदान सहायता के मापदण्ड निम्नानुसार है :-
क्र. | कार्यक्रम | अनुमानित लागत | देय सहायता |
01. | पौधशाला पौध रोपण सामग्री का उत्पादन (क) सार्वजनिक क्षेत्र (शासकीय) 1. आदर्श पौधशाला (4 हेक्टेयर) 2. लघु पौधशाला (1 हेक्टेयर)
(ख)निजी क्षेत्र (प्रारंभ में प्रायोगिक आधार पर) 1. आदर्श पौधशाला (4 हेक्टेयर)
2. लघु पौधशाला (1 हेक्टेयर) |
25 लाख रूपये 6.25 लाख रूपये
25 लाख रूपये
6.25 लाख रूपये |
अधिकतम 25 लाख रू. अधिकतम 25 लाख रू.
लागत का 50 प्रतिशत परंतु 12.50 लाख रु. तक सीमित लागत का 50 प्रतिशत परंतु 3.125 लाख रु. तक सीमित |
02. | क्षेत्र विस्तार कृषि 1. वे प्रजातियां जो विलुप्ति के कगार पर है और जिनकी आयुष उधोग में अत्यधिक मांग है | 2. वे प्रजातियां जो विलुप्ति के कगार पर है और जिनके आपूर्ति स्रोत घट रहे हैं | 3. अन्य प्रजातियां जिनकी मांग आयुष उधोग और निर्यात हेतु है | |
इकाई लागत का 75 प्रतिशत
इकाई लागत का 50 प्रतिशत
इकाई लागत का 50 प्रतिशत |
अश्वगंधा, तुलसी, कालमेघ कोलियस एवं सफ़ेद मूसली |
03. | फसलोपरांत प्रबंधन 01.सुखने के शेड
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10 लाख रूपये
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सरकारी / अर्ध सरकारी / सार्वजनिक क्षेत्र हेतु 100 प्रतिशत सहायता और स्व – सहायता दलों / सहकारिताओं / निजी क्षेत्र हेतु 50 प्रतिशत
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02.भंडार गोदाम | 10 लाख रूपये | सरकारी / अर्ध सरकारी / सार्वजनिक क्षेत्र हेतु 100 प्रतिशत सहायता और स्व – सहायता दलों / सहकारिताओं / निजी क्षेत्र हेतु 50 प्रतिशत |
औषधीय फसलों के क्षेत्र विस्तार योजना अन्तर्गत प्रदेश में चयनित 10 जिले यथा उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, देवास, शाजापुर, आगर – मालवा, छिंदवाडा, हरदा एवं राजगढ़ जिलों में क्रियान्वित है | फसलों पर इकाई लागत का 30 प्रतिशत अनुदान देय है :-
नाम फसल | उत्पादन लागत (राशि रूपये) प्रति हेक्टेयर | अनुदान |
अश्वगंधा | 36602 | 10980 |
तुलसी | 43922 | 13177 |
कालमेघ | 36602 | 10980 |
कोलियस (पथरचूर) | 62955 | 18886 |
सफेद मूसली | 457530 | 137259 |
योजनाओ का लाभ प्राप्त करने के शर्तें
सभी कृषक पात्र
योजनाओ का लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया / विधि
जिला कार्यालय उद्यानिकी विभाग में संपर्क करे|
अधिक जानकारी के लिए अपने क्षेत्र के वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी/ ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी अथवा जिले के सहायक संचालक उद्यान से संपर्क करें |