ग्रामीण बैकयार्ड कुक्कुट विकास
भारत सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले समस्त वर्गों के हितग्राहियों के लिए 100 प्रतिशत अनुदान पर यह योजना वर्ष 2010-11 से मध्यप्रदेश में प्रारम्भ की गई थी। वर्ष 2014-15 से योजना को राष्ट्रीय पशुधन मिशन मंे समाहित कर 75 प्रतिशत केन्द्रांश तथा 5 प्रतिशत राज्यांश तथा 20 प्रतिशत हितग्राही अंश पर प्रदेश में संचालित की जा रही है। योजनान्तर्गत प्रत्येक हितग्राही को बिना लिंग भेद के 4 सप्ताह के लो इनपुट टेक्नाॅलोजी वाले 45 पक्षी दो चरणों में प्रदाय किए जाते हैं।
साथ ही पक्षियों के लिए दढ़़बा बनाने हेतु रु. 1500 दिए जाने का प्रावधान है। प्रत्येक मदर यूनिट सेे 300 हितग्राहियों को चूजे प्रदाय किए जाते हैंे। मदर यूनिट के हितग्राही रु. 60,000 अनुदान के पात्र होंगे जो सीधे उनके खाते में जमा किया जाता है। । मदर यूनिट के हितग्राही को 4 सप्ताह के चूजों का रु. 45 प्रति चूजा का भुगतान किया जाता है। वर्ष 2016-17 से योजना को 60 प्रतिशत केन्द्रांश तथा 20 प्रतिशत राज्यांश तथा 20 प्रतिशत हितग्राही अंश पर प्रदेश में संचालित की जा रही है।