नवीन मत्स्य समृद्धि योजना
योजना का नाम
नवीन मत्स्य समृद्धि योजना
सम्बद्ध
राज्य योजना
योजना का उद्देश्य
- प्रदेश की नदियों में मत्स्य सम्पदा समृद्धि हेतु नैसर्गिक रूप से पार्इ जाने वाली प्रजातियों के बीज का गहरे दहों में संचयन
• नदियों के किनारे रहने वाले वंशानुगत मातिस्यकी जन मछुआरों अनसुूचित जातिजनजाति के व्यकितयों को नदियों में मत्स्याखेट से रोजगार उपलब्ध कराकर जीवन यापन के संसाधन जुटाना ।
• नदियों में जैव विविधता का संरक्षण
• प्रदेश में मत्स्योत्पादन में वृद्धि
• कुपोषण के उन्मूलन में सस्ते प्रोटीन के रूप में मत्स्य आहार
योजना का स्वरूप एवं आच्छादन
- प्रदेश में प्रवाहित 17088 किलोमीटर नदियों में 890 गहरे दहों में 5000 फिंगरलिंग प्रति हैक्टयर की दर से मत्स्यबीज संचय किया जाना ।
- मत्स्यबीज संवर्धन हेतु ग्रामीण तालाबों का उपयोग ।
- गहरे दहों के किनारे के ग्रामीण तालाबों को मत्स्यबीज संवर्धन हेतु प्राथमिकता ।
- नदियों 100 एम.एम. एवं इससे बड़े आकार का मत्स्यबीज संचय किया जाना
- मत्स्यबीज संवर्धन मत्स्य सहकारी समितियोंस्व सहायता समूहों से
योजना क्रियान्वयन की प्रक्रिया
- नदियों में मत्स्य सम्पदा समृद्धि के लिए जनभागीदारी सुनिशिचत करना ।
- स्थानीय स्तर पर एक समिति गठित कर उनके समक्ष मत्स्य बीज संचयन का कार्य कराया जाना ।
- संचित मत्स्यबीज की सुरक्षा हेतु ग्रा सभा जैसे आयोजन में मत्स्य विभाग के कर्मचारी उपसिथत होकर ग्रामीण जनों को नदी में मत्स्य सम्पदा संरक्षण हेतु जानकारी देना एवं प्रेरित करना ।
- आवश्यकयतानुसार नदीय सुरक्षा समिति गठित कर जैव विविधता का कार्य सौंपा जाना ।
हितग्राही की अर्हताएं
• नदियों किनारे निवास करने वाले अनुसूचित जातिजनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के व्यकित
प्रशिक्षण अवधि
10 दिवस
अनुदान राशि
विभाग द्वारा रूपये 500 प्रति हजार मत्स्य अंगुलिका उत्पादन एवं परिवहन व्यय |
अन्य जानकारी
- प्रदेश में नदियों से मत्स्याखेट नि:शुल्क है ।
• नदियों में मध्यप्रदेश फिशरीज एक्ट, 1948 के नियमों का पालन अनिवार्य है ।