बागवानी

बागवानी

 क्या करें ?

  • कम भूमि से अधिक आय प्राप्त करने के लिए बागवानी फसलों को उगाएँ।
  • अच्छी फसल के लिए उच्चत गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री का इस्तेमाल करें।
  • अधिक समय तक फलों और सब्जियों को ताजा रखने के लिए सहित – भंडारण सुविधाएँ/सहित गृहों का इस्तेमाल करें।
  • फसल कटाई, स्वच्छता उपायों, श्रेणीकरण, प्रसंस्करण और पैकेजिंग के सही तरीकें को अपनाकर अधिक आय अर्जित करें।
  • पोली – हाउसों और लो टनल में गैर मौसमी सब्जियों और फलों का उत्पादन करें।

 

क्या पायें?

सहायता की किस्मसहायता / अधिकतम सीमा का मानदंडस्कीम /घटक
राज सहायताप्रति इकाई क्षेत्र अधिकतम राज सहायता
सब्जी बीज उत्पदान (अधिक 5 हे./लाभार्थी)
क. खुली परागण वाली फसलेंक) सार्वजनिक क्षेत्र के लिए 100% सामान्य क्षेत्र के लिए 35%, पूर्वोत्तर क्षेत्र, हिमालयी राज्यों, टीएसपी, क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समूह के लिए 50%। प्रत्येक फसल के लिए बीज का निवेश लक्ष्य सबंधित राज्यों द्वारा निर्धारित किया जाता है।क) खुली परागण वाली फसलों के लिए रू. 35,000/- प्रति हे.एमआईडीएच के तहत एनएचएम और एचएमएनई एच  की उप स्कीमें
ख. संकर बीजख) सार्वजनिक क्षेत्र के लिए 100%, सामान्य क्षेत्र में निजी क्षेत्र के लिए 35%, पूर्वोत्तर क्षेत्र, हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समूह के लिए 50%। निधियां निमूर्क्त करने से पहले प्रत्येक लाभार्थी के लिए प्रत्येक फसल के लिए बीज का निवेश लक्ष्य संबंधित राज्यों द्वारा निर्धारित किया जाता है।ख) रू. 1.50 लाख प्रति हे.तदैव
हाई – टैक पौधशाला (2-4 हे. प्रति इकाई)रू. 100 लाख प्रति इकाई तक सार्वजनिक क्षेत्र के लिए 100%, निजी क्षेत्र को ऋण संबंद्ध पश्चवर्ती राजसहायता लागत की 40% की दर से दी जाएगी। बशर्त कि प्रोरेट आधार पर परियोजना आधारित कार्यकलाप के रूप में अधिकतम 4 हे. क्षेत्र के लिए अधिकतम सीमा 40 लाख रू./प्रति इकाई हो। प्रत्येक पौधशाला में प्रति वर्ष 1 हे. भूमि पर अधिदेशित बारहमासी फलों/वृक्ष प्रजातियों/संबंधित वृक्षों/रोपण फसलों के कम से कम 50000 पौधे उगाए जाएंगे जिनकी गुणवत्ता को विधिवत प्रमाणित किया जाएगा।रू. 25.00 लाख प्रति हे.तदैव

 

 

 

 

 

 

 

 

लघु पौधशाला (1 हे. प्रति इकाई)सार्वजनिक क्षेत्र के लिए 100% और निजी क्षेत्र के मामले में लागत की ऋण संबंद्ध पश्चवर्ती राजसहायता बर्शत की परियोजना आधारित कार्यकलाप के रूप में रू. 7.50 लाख प्रति इकाई हो। प्रत्येक पौधशाला में प्रति वर्ष अधिदेशित बारहमासी वानस्पतिक रूप से प्रसारित फलों/पादपों/वृक्ष प्रजातियों/सुगंधित वृक्षों संबंधित वृक्षों/रोपण फसलों के कम से कम 25000 पौधे उगाए जांएगे जिनकी गुण वत्ता को विधिवत प्रमाणित किया जाएगा।रू. 15.00 लाख प्रति हे.तदैव
नए उद्यानों की स्थापना (प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हे. क्षेत्र के लिए विस्तार)
फल
क) गहन फसलों की लागत
(i)     अंगूर, कीवी, पैशन, फल आदि जैसे फलों की फसलें (ड्रिप टपक सिंचाई के साथड्रिप सिंचाई, ट्रेलिज और आईएनएम/आईपीएम के लिए रोपण समग्री और सामग्री लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 1.60 लाख (लागत का 40%) (60:20:20 की तीन किस्तों में बर्शत कि दुसरे वर्ष में 75% और तीसरे वर्ष में 90% की दर निर्धारित की जाए) पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50% की दर सर सहायता4.00 लाख रू. प्रति हे.एम्आईडीएच के तहत एनएचएम् और एचएम्एनई एच की उप-स्कीप
(ii)   फल (टपक सिंचाई के बिना)60:20:20 की तीन किस्तों में रोपण संगती और आईएनएम्/आईपीएम के खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.50 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) बशर्त कि दूसरे वर्ष में 75% और तीसरे वर्ष में 90% की दर निर्धारित की जाए)

पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी, क्षेत्रों, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50% की दर से सहायता।

रू. 1.25 लाख प्रति हे.तदैव
ख) स्ट्रोबेरी
I.            ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग सहित समेकित पैकेजड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और आईएनएम्/आईपीएम के लिए रोपण सामग्री और सामग्री लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 1.12 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) एक किस्म में।रू. 2.80 लाख प्रति हे.तदैव
II.            समेकन के बगैरआईएनएम्/आईपीएम् के लिए रोपण सामग्री और आईएनएम लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.50 लाख प्रति हे.(लागत का 40%) एक किस्त में।

उपर्युक्त (1) एवं (2) के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी, क्षेत्रों अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50% की दर से सहायता।

रू. 1.25 लाख प्रति हे.तदैव
ग. केला (संकर)
i.            ड्रिप  सिंचाई के साथ समेकित पैकेजरोपण सामग्री, ड्रिप सिंचाई और आईएनएम/ आईपीएम के लिए सामग्री लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.80 लाख प्रति हे (लागत का 40%) दो किस्तों में (75:25)।रू. 2.00 लाख प्रति हे.तदैव
ii.            ड्रिप सिंचाई समेकन बगैररोपण सामग्री और आईएनएम/आईपीएम सामग्री की लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.35 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) दो किस्तों में  (75:25)।

उपर्युक्त (1) एवं (2) के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50% की दर से सहायता दो किस्तों में दी जाएगी।

 

रू. 87.500 लाख प्रति हे.तदैव
घ. अनानास (संकर)
i ड्रिप सिंचाई के साथ समेकित पैकेजरोपण सामग्री, ड्रिप सिंचाई और आईएनएम/आईपीएम के लिए सामग्री लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 1.20 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) दो किस्तों में।रू. 3.00 लाख प्रति हे.तदैव
ii.  ड्रिप सिंचाई समेकन के बगैररोपण सामग्री, और आईएनएम्/आईपीएम की लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू, 0.35 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) दो किस्तों में (75:25)। उपर्युक्त (i)  (ii)के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50%की दर से सहायता दी जाएगी।रू. 87,500 लाख प्रति हे.तदैव
ङ) केला (उत्तक – संवर्धन)
i. ड्रिप सिंचाई के साथ समेकित पैकेजड्रिप प्रणाली, आईएनएम/आईपीएम आदि के इए रोपण सामग्री और समग्री लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 1.20 लाख प्रति हे. (लागत का 40% दो किस्तों में) (75:25)रू. 3.00 लाख प्रति हे.तदैव
ii. ड्रिप सिंचाई समेकन के बगैररोपण सामग्री और आईएनएम/आईपीएम  की लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.05 लाख प्रति हे. (लागत का 40%)  दो किस्तों में (72:25)। उपर्युक्त (ii) एवं (ii) के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएससी क्षेत्रों, अंडमान और निकोबर द्वीपसमूह को लागत के 50% की दर से सहायता दी जाएगी (75:25)।रू. 1.25 लाख प्रति हे.तदैव
च) अनानास (उत्तक – संवर्धन)
ii)  ड्रिप सिंचाई के साथ समेकित पैकेजड्रिप प्रणाली रोपण और आईएनएम/आईपीएम आदि के लिए सामग्री लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 2.20 लाख प्रति हे. (लागत का  40%) दो किस्तों में) (75:25)।रू. 5.50 लाख प्रति हे.तदैव
ii)  ड्रिप सिंचाई समेकन के बगैररोपण सामग्री और आईएनएम/आईपीएम् की लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.05 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) दो किस्तों में (75:25)।

उपर्युक्त  ii(iii)  एवं (ii) के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी, क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत को 50% की दर से सहायता दी जाएगी (75:25)

रू. 1.25 लाख प्रति हे.तदैव
छ) पपीता   
i) ड्रिप सिंचाई के साथ समेकित पैकेजआईएनएम/ आईपीएम के लिए रोपण सामग्री, ड्रिप सिंचाई और सामग्री लागत पर सामग्री लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.08 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) दो किस्तों में) (75:25)2.00 लाख रू. प्रति हे.तदैव
ii) ड्रिप सिंचाई समेकन का बगैररोपण सामग्री और आईएनएम्/ आईपीएम की लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू 0.30 लाख प्रति हे. (लागत का 50%) दो किस्तों में (75:25)।

उपर्युक्त (i)  एवं (ii)  के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50% की दर से दो किस्तों में सहायता (75:25) ।

60,000 रू.. प्रति है.तदैव
ज) अत्यधिक घनत्व वाले उद्यान (मेढ़ पर उद्यान)
i) ड्रिप से सिंचाई के साथ समेकित पैकेजड्रिप सिंचाई, आईएनएम और कैनोपी प्रबंधन के लिए 60:20:20 की तीन किस्तों में रोपण सामग्री और सामग्री लागत खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.80 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) बशर्त कि दुसरे वर्ष में 75% और तीसरे वर्ष में 90%की दर निर्धरित)।2.00 लाख रू. प्रति हे.तदैव
ii)  ड्रिप सिंचाई के बगैररोपण सामग्री और आईएनएम/आईपीएम की लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.50 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) तीन किस्तों में। उपर्युक्त (i) एवं  (ii)  के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50% की दर से किस्तों में सहायता (75:25)1.25 लाख रू. प्रति हे.तदैव
i)  सघन रोपण हेतु सामग्री (आम, अमरुद, लीची, अनार, सेव नींबू आदि)
i)  ड्रिप सिंचाई के साथ समेकित पैकेजरोपण सामग्री, ड्रिप प्रणाली लागत, आईएनएम/आईपीएम, कैनोपी प्रबंधन आदि के लिए 60:20:20 की तीन किस्तों में खर्च को पोर करने हेतु अधिकतम रू. 0.60 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) बशर्त कि दुसरे वर्ष में 75% और तीसरे वर्ष में 90% की दर निर्धारित)।रू. 1.50 लाख रू. प्रति हे.तदैव
ii)  समेकन ड्रिप के बगैररोपण सामग्री और आईएनएम/आईपीएम की लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम प्रति हेई. 0.40 लाख रू. (लागत का 40%) तीन किस्तों में 60:20:20)।

उपर्युक्त (i) एवं (ii)  के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समूह को 60:20:20 की तीन किस्तों में लागत के 50% कि दर से सहायता दी जाएगी। बशर्त कि दुसरे वर्ष में 75% और तीसरे वर्ष में 90% की दर निर्धारित की जाए)

रू.  1.00 लाख  प्रति हे.तदैव
ख. प्रभावी फसलों के अलावा फलों की अन्य फसल
क) सामान्य दूरी का उपयोग करके लागत प्रभावी फसलों के अलावा फलों की अन्य फसलें
i)  ड्रिप सिंचाई के साथ समेकित पैकेजरोपण सामग्री, ड्रिप प्रणाली लागत, आईएनएम/आईपीएम कैनोपी प्रबंधन आदि के लिए 60:20:20 की तीन किस्तों में खर्च को पूरा करने पूरा हेतु अधिकतम 0.40 लाख रू. प्रति हे. (लागत का 40%) बशर्त कि दुसरे वर्ष कमे 75% और तीसरे वर्ष में 90% की दर निर्धारित की जाए) और गैर बारहमासी फसलों के लिए अदायगी 75:25 की दो किस्तों में की जाए।रू. 1.00 लाख प्रति हे. 
ii) समेकन ड्रिप के बगैररोपण सामग्री और आईएनएम/आईपीएम की लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम प्रति हे. 0.30 लाख रू. (लागत का 50%) सभी राज्यों को तीन किस्तों में।

उपर्युक्त (i) एवं (ii)  के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50% की दर से तीन किस्तों में  सहायता दी जाएगी।

रू. 60.00 प्रति हे. 
मसाला (अधिकतम हेक्टेयर प्रति लाभार्थी के लिए)
i)  बीज वाले मसाले और जड़ वाले मसालेरोपण सामग्री और आईएनएम/आईपीएम की लागत पर संबंधित खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम प्रति हे. 12,000 रू. (लागत का 40%)रू. 30,000/- प्रति हे.एमआईडीएच के तहत एनएचएम और एचएम्एनई एच की उप-स्कीमें
ii) बारहमासी मसाले (काली मिर्च, दाल चीनी, लौंग और जायफल)रोपण सामग्री और आईएनएम/आईपीएम सामग्री लागत पर खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम 20000 हजार रू, प्रति हे. (लागत का 40%)।

उपर्युक्त (i)  एवं (ii) के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50% की दर से सहायता

रू. 50.000 प्रति हे.तदैव

फूल (प्रति लाभार्थी 2 हेक्टेयर के लिए)

i)  कट पुष्पसामान्यत क्षेत्रों में छोटे और सीमांत किसानों के लिए लागत का 40% अन्यन श्रेणी के किसनों के लागत का 25% तथा पूर्वोत्तर, हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप को लागत का 50%।i) रू. 1.00 लाख  प्रति हे. 
ii) कंद पुष्पii) रू. 1.5 लाख रू.  प्रति हे. 
iii)  लूज पुष्पiii) रू. 40.000 प्रति हे. 

सुगंधित पादप (प्रति लाभार्थी 4 हे. क्षेत्र के लिए)

i) लागत प्रभावी सुगंधित पादप (पचौली, जिरेनियम, रोजमेरी आदि)रोपण सामग्री और आईएनएम/आईpiपीएम सामग्री के लागत पर खर्च को पूरा करने  हेतु अधिकं 40,000 हजार रू. प्रति हे. के तक सीमित (लागत का 40%)।i) 1,00,000 रू. प्रति हे. 
ii) अन्य – सुगंधित पादपii) रोपण सामग्री और आईएनएम/आईpiपीएम सामग्री लागत पर खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 16,000 प्रति हे. के तक सीमित (लागत का 40%)। उपर्युक्त i)  एवं ii)   के लिए पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों, टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप समूह को लागत के 50% की दर से सहायता दी जाएगी।ii) रू. 40,000 प्रति हे. 
रोपण फसलें (प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हे. क्षेत्र के लिए)
i)  काजू और कोको   
अ) ड्रिप सिंचाई के साथ समेकित पैकेज60:20:20 के तीन किस्तों में ड्रिप  प्रणाली आईएनएम/आईpiपीएम, रोपण सामग्री और सामग्री लागत पर खर्च को पूरा करने हेतु अधिकतम रू. 0.40 लाख प्रति हे. (लागत का 40%) बशर्त कि दुसरे वर्ष में 50% और तीसरे वर्ष में 90% की दर निर्धारित की जाए) ।रू. 1.00 लाख प्रति हे.तदैव
ख) ड्रिप समेकन के बिनारोपण सामग्री पर व्यय को पूरा करने के लिए रू. 0.20 लाख प्रति हे. और दो वर्ष में 75 प्रतिशत और तीन वर्ष में 90 प्रतिशत की जीवन दर के अध्यधीन 60:20:20 की तीन किस्तों में आईएनएम/आईpiपीएम हेतु सामग्री पर लागत।

उपर्युक्त में (क) और (ख) के लिए पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के मामलों में टीएसपी क्षेत्रों, अंडमान एवं निकोबार और लक्षद्वीप समूह हेतु तीन किस्तों में लागत की 50 प्रतिशत की दर पर सहायता उपलब्ध।

रू. 50,000/- प्रति हे.तदैव

मशरूम

 
i) उत्पादन इकाईऋण से जुड़ी राजसहायता के रूप में आधारभूत अवसंरचना पर व्यय को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र हेतु लागत का 40 प्रतिशत और सावर्जनिक क्षेत्र हेतु कंपोस्टिंग लागत का 100 प्रतिशत।रू. 20 लाख/यूनिट 
ii)  स्पायन मेकिंग इकाईऋण से जुड़ी राजसहायता के रूप में आधारभूत अवसंरचना पर व्यय को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र हेतु लागत का 40 प्रतिशत और सावर्जनिक क्षेत्र हेतु कंपोस्टिंग लागत का 100 प्रतिशत।रू. 15 लाख/ इकाई

 

 

 

 

 

 
iii)  कंपोस्ट मेकिंग इकाईऋण जुड़ी राजसहायता के रूप में आधारभूत अवसंरचना पर व्यय को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र हेतु लागत का का 40 प्रतिशत और सावर्जनिक क्षेत्र हेतु कंपोस्टिंग लागत का 100 प्रतिशत।रू. 20 लाख/ इकाई 
जराजीर्ण बागों का पुनरूद्धार/प्रतिस्थापन, कनौपी प्रबंधन (दो हे./लाभार्थीरू. 20,000/- हेक्टेयर अधिकतम के अध्यधीन कूल लागत का 50 प्रतिशत।रू. 40,000/- प्रति हेक्टेयरतदैव
जल संसाधन सृजन
i)  सामुदायिक टैंक/ऑन फार्म तालाब/प्लास्टिक/आरसीसी लाईनिंग के उपयोग के साथ फार्म जलाशयकमान क्षेत्र के 10 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए लागत का 100 प्रतिशत जिसमें तालाब का आकार 100 मीटर X 100 मीटर X  03 मीटर होगा अथवा समुदाय/किसान समूह द्वारा मालिकाना हक़ वाले न्यूनतम 500 माइक्रोन प्लास्टिक फिल्म अथवा आरसीसी लाईनिंग का उपयोग करके कमान क्षेत्र को देखते हुए अनुपातिक आधार पर अन्य कोई छोटा आकार। नॉनलिंक्ड तालाबों/टैंकों (केवल काली कपास मृदा में) लागत 30 प्रतिशत से कम हो होगी। सहायता प्लास्टिक/आरसीसी लाइनिंग की लागत तक प्रतिबंधित होगी। तथापि गैर मनरेगा लाभार्थियों के लिए लाईनिंग के साथ – साथ तालाब/टैंक के निर्माण सहित कूल लागत पर सहायता योजना के तहत प्राप्त की जा सकती हैं।मैदानी क्षेत्रों में 20.00 लाख और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 25 लाख रूपए प्रति इकाई। 
ii) जल संचयन पद्धति-रू. 125 प्रति क्यूबिक मीटर की दर पर 20 मीटर X  20 मीटर X  3 मीटर तालाब/ ट्यूबवेल में जल भंडारण के लिए300 माइक्रोन प्लास्टिक/आरसीसी लाईनिंग सहित लागत का 50 प्रतिशत। नॉनलिंक्ड तालाबों/टैंकों (केवल काली कपास मृदा में) के लिए लागत 30 प्रतिशत से कम होगी। छोटे आकार के तालाबों/ डगवेल्स के लिए लागत कमान क्षेत्र को देखते हुए अनुपातिक आधार पर ग्रह्याय होगी। इसका रख –रखाव लाभार्थी द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।मैदानी क्षेत्रों में 20.00 लाख और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 25 लाख रूपए प्रति इकाई। 

संरक्षित खेती

1. ग्रीन हाउस संरचना
(क) पंखा और पैड सिस्टमप्रति लाभार्थी 4000 वर्ग मीटर के अधिकतम क्षेत्र के लिए लागत का 50 प्रतिशत।रू. 1650/वर्ग मीटर (500 वर्ग मीटर क्षेत्र तक) 1456 रूपए प्रति मीटर (500 वर्ग मीटर से 1008 वर्ग मीटर तक) 1420 रूपये प्रति वर्ग मीटर (1008 वर्ग मीटर से 2080 वर्ग मीटर तक) 1400 रूपये प्रति वर्ग मीटर (2080 वर्ग मीटर से 4000 वर्ग मीटर तक) उपर्युक्त दर पहाड़ी क्षेत्रों के लिए यह दर 15 प्रतिशत अधिक होगीतदैव
ख) प्राकृतिक हवादार पद्धति
i) ट्यूबलर संरचनाप्रति लाभार्थी 4000 वर्ग मीटर के अधिकतम क्षेत्र के लिए लागत का 50 प्रतिशत।रू. 1650/वर्ग मीटर (500 वर्ग मीटर क्षेत्र तक) 1456 रूपए प्रति मीटर (500 वर्ग मीटर से 1008 वर्ग मीटर तक) 1420 रूपये प्रति वर्ग मीटर (1008 वर्ग मीटर से 2080 वर्ग मीटर तक) 1400 रूपये प्रति वर्ग मीटर (2080 वर्ग मीटर से 4000 वर्ग मीटर तक) उपर्युक्त दर पहाड़ी क्षेत्रों के लिए यह दर 15 प्रतिशत अधिक होगीतदैव
ii) लकड़ी संरचना20 इकाई प्रति लाभार्थी की अधिकतम सीमा तक लागत का 50 प्रतिशत (प्रत्येक इकाई 200 वर्ग मीटर से अधिक नहीं)पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 540 रूपए/ वर्ग मीटर और 621 रूपये/ प्रति वर्ग मीटर 
iii)  बांस निर्मित सरंचना20 इकाई प्रति लाभार्थी की अधिकतम सीमा तक लागत का 50 प्रतिशत (प्रत्येक इकाई 200 वर्ग मीटर से अधिक नहीं)पहाड़ी क्षेत्रों के लिए रू. 540/वर्ग मीटर और रू. 518/वर्ग मीटरतदैव
2. शेड नेट हाउस
क) ट्यूबलर संरचनालागत का 50 प्रतिशत प्रति लाभार्थी 4000 वर्ग मीटर की अधिकतम सीमा तकपहाड़ी क्षेत्रों के लिए रू. 710/वर्ग मीटर और रू. 816/वर्ग मीटरतदैव
ख) लकड़ी की संरचनालागत का 50 प्रतिशत (प्रत्येक इकाई 200 वर्ग   से अधिक नहीं) 20 इकाई प्रति लाभार्थी की अधिकतम सीमा तकपहाड़ी क्षेत्रों के लिए रू. 710/रू.मीटर और रू. 816/वर्ग मीटरतदैव
ग)बांस निर्मित संरचना20 इकाई प्रति लाभार्थी की अधिकतम सीमा तक लागत का 50 प्रतिशत (प्रत्येक इकाई 200 वर्ग मीटर से अधिक नहीं)पहाड़ी क्षेत्रों के लिए रू. 360/रू. मीटर और रू. 814/वर्ग मीटरतदैव
3. प्लास्टिक टनल1000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमित  लागत की 50% (प्रत्येक इकाई 200 वर्ग मीटर से अधिक नहीं)रू. 60/वर्ग मीटर और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए रू. 75/वर्ग मीटरतदैव
4. वॉक इन टनलप्रति लाभार्थी 5 इकाइयों तक लागत की 50% सहायता (प्रत्येक इकाई 800 वर्ग मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए)रू. 600/वर्ग मीटरतदैव
5. पंक्षी/ओला से बचाव  हेतुलागत की 50% सहायता 5000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमित  जालरू. 35/वर्ग मीटरतदैव
6. पोली हाउस में उगाई जाने वाली मूल्यवान सब्जियों की रोपण सामग्री और खेती की लागतलागत की 50% सहायता 4000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमितरू. 140/वर्ग मीटरतदैव
7. पोली हाउस और शेड नेट हाउस में आर्किड और एंथ्यूरियम की रोपण सामग्री और खेती की लागतलागत की 50% सहायता 4000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमितरू. 700/वर्ग मीटर 
 लागत की 50% सहायता 4000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमितरू. 610/वर्ग मीटर 
 लागत की 50% सहायता 4000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमितरू. 426/वर्ग मीटर 
 लागत की 50% सहायता 4000 वर्ग मीटर प्रति लाभार्थी तक सीमितरू. 32,000 प्रति हेक्टेयर और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए रू. 36,800 प्रति हेक्टेयर 

समेकित पोषक प्रबंधन (आईएनएम) और समेकित कीट प्रबंधन (आईएनएम) को बढ़ावा देना

i) आईएनएम/आईएनएम को बढ़ावारू. 4.00 लाख प्रति लाभार्थी तक सीमित अधिकतम रू. 1200 प्रति हेक्टेयर के अध्यधीन लागत की 30% सहायता।रू. 4000 प्रति हेक्टेयर 
ii) पौध रोग पूर्वानुमान इकाई (पीएसयू)लागत की 100% सहायता।रू. 6.00 लाख प्रति इकाई 
iii) जैव – नियंत्रण इकाईसार्वजनिक क्षेत्र को  100% सहायता और निजी क्षेत्र को 50% सहायता।रू. 90.00 लाख प्रति इकाई। 
iv) पादप स्वास्थ्य क्लिनिकसार्वजनिक क्षेत्र को  100% सहायता और निजी क्षेत्र को 50% सहायता।रू. 25.00 लाख प्रति इकाई। 
v)  पत्ते /उत्तक विश्लेषण प्रयोगशालाएंसार्वजनिक क्षेत्र को  100% सहायता और निजी क्षेत्र को 50% सहायता।रू. 25.00 लाख प्रति इकाई। 
जैविक खेती   
i) जैविक खेती को अपनाना3 वर्ष की अवधि के लिए  अधिकतम 4 हेक्टेयर प्रति लाभार्थी के लिए रू. 10000 प्रति हेक्टेयर तक सीमित लागत की 50% सहायता जिसमें प्रथम वर्ष के लिए 4 हजार सहायता रू. 20,000 प्रति हेक्टेयर
ii) जैविक प्रमाणीकरण50 हेक्टेयर के समूह के लिए रू. 5 लाख जिसमें रू. 50 लाख के कलस्टर के लिए रू. लाख, जिसमें प्रथम वर्ष में 1.50 लाख, दुसरे वर्ष में रू. 1.50 लाख तीसरे वर्ष में रू. 2.00 लाख।परियोजना आधारित 
iii) वर्मी कंपोस्ट इकाइयाँ/ जैविक आदान उत्पादनअनुपातिक आधार पर प्रशासित किए जाने के लिए 30’ X 8’ X 2.5’ आकार वाली स्थायी संरचना की इकाई के आकार के अनुरूप लागत की 50% सहायता। एचडीपीई वर्मी वेद के लिए अनुपातिक आधार पर 96 घन फीट (12’ X 4’ X 2’) और आईएस 15907.20 10 आकार वाली इकाई के अनुरूप लागत की 50% सहायता।स्थायी संरचना के लिए रू. 100,000 प्रति इकाई और एचडीपीई वर्मी – बेड के लिए रू. 16,000 प्रति इकाई। 
1. समेकित फसलोंपरांत प्रबंधन
i) पैक हाउसपूँजी लागत का 50%9 मीटर X  6 मीटर आकार वाली प्रत्येक  इकाई के लिए रू. 4 लाखएम्आईडीएच के अंतर्गत एनएचएम और एन एचबी की उप-स्कीम
ii) कंवयेर वेल्ट, छंटाई, ग्रेडिंग इकाइयों, धुलाई, शूष्कन और तौलने की सुविधा वाले सामेकित पैक हाउसएकल उद्यमियों के लिए सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत की 35% तथा पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों में 50% की दर में पर ऋण से जुड़ी पाश्वांत सहायता9 मीटर X  18 मीटर आकार वाली प्रत्येक इकाई के लिए रू. रू. 50 लाख।तदैव ii
iii) प्री – कूलिंग इकाईएकल उद्यमियों के लिए सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत की 35% तथा पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों में 50% की दर में पर ऋण से जुड़ी पाश्वांत सहायता6 एमटी की क्षमता वाली प्रत्येक इकाई के लिए रू. 25  लाख 
iv) शीत कक्ष (स्टेजिंग)प्रत्येक लाभार्थी के लिए सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत की 35% तथा पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों में 50% की दर से ऋण से जुड़ी पार्श्वांत सहायता6 एमटी की क्षमता वाली प्रत्येक इकाई के लिए रू. 15 लाख। 
(v)  चल पूर्व – शीतलन यूनिटसमान्य क्षेत्र में परियोजना लागत का 35% की दर पर और पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों से जुड़ी हुई पार्श्वांत राजसहायता प्रति लाभार्थीरू. 25.00 लाख। 
2. शीत भंडारण (निर्माण, विस्तार एवं आधुनिकीकरण)
i) शीत भंडारण यूनिट टाइप 1 एक ताप क्षेत्र के साथ बड़े चैम्बर (250 मी.टन के) टाइप के साथ मूल मेजानीन निर्माणसामान्य क्षेत्र में परियोजना लागत का 35% की दर पर और पहाड़ी एवं अनूसूचित क्षेत्रों के मामले में 50% की दर पर ऋण से जुड़ी हुई पार्श्वांत राजसहायता प्रति लाभार्थीरू. 8000/- प्रति मी. टन (अधिकतम 5,000 मी. टन क्षमता)

 

 

 

 

 
ii) शीत भंडारण यूनिट टाइप 2 अधिक ताप और उत्पाद उपयोग के लिए पीईजी निर्माण, 6 से अधिक चैम्बर (250 मी. टन) और मूल सामग्री हस्त  चालित उपकरणसामान्य क्षेत्र में परियोजना लागत का 35% की दर पर और पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में 50%की दर पर ऋण से जुड़ी हुई पार्श्वांत राजसहायता प्रति लाभार्थी10,000 /- प्रति ई. टन (अधिकतम 5,000 मी.टन क्षमता) 
iii) शीत भंडारण इकाई टाइप 2 नियंत्रण वातावरण  हेतु प्रौद्योगिकी से जूड़ा हुआसामान्य क्षेत्र में परियोजना लागत का 35% की दर पर और पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में 50%की दर पर ऋण से जुड़ी हुई पार्श्वांत राजसहायता प्रति लाभार्थीनियंत्रित वातावरण प्रौद्योगिकी के घटक पर जोड़ने के लिए रू. 10,000 प्रति मी. टन अतिरिक्त 
iv) शीत श्रृंखला का प्रौद्योगिकी सूची और आधुनिकीकरणसामान्य क्षेत्र में परियोजना लागत का 35% की दर पर और पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में 50% की दर पर ऋण से जुड़ी हुई पार्श्वांत राजसहायता प्रति लाभार्थीपीएलसी उपकरण पैकेजिंग, लाइन, डोक लेवलर, अग्रिम ग्रेड्स, वैकल्पिक प्रौद्योगिकी, स्टैकिंग प्रणाली, इन्सूलेसन का आधुनिकीकरण और रेफ्रिजिरेशन आदि के आधुनिकीकरण के लिए अधिकतम रू. ओ. 250.00 लाख 
v) रेफ्रिजिरेटेड परिवहनसामान्य क्षेत्र में परियोजना लागत का 35% की दर पर और पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में 50%की दर पर ऋण से जुड़ी हुई पार्श्वांत राजसहायता प्रति लाभार्थी9 एमटी हेतु रू. 26.00 लाख  एनएचएम एवं एचएमएनईएच और लेजर क्षमता के लिए प्रति व्यक्ति आधार पर। 
vi) प्राथमिक/चल/न्यूनतम प्रसंस्करण यूनिटसामान्यक क्षेत्र में परियोजना लागत का 40% की दर पर पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में 55% की दर पर ऋण से जुड़ी हुई पार्श्वांत राजसहायता प्रति लाभार्थीरू. 25.00 लाख प्रति यूनिट 
vii)  पकवन चैंबरसामान्य क्षेत्र में परियोजना लागत का 35% की दर और प्रति लाभार्थी 300 मी. टन की अधिकतम के लिए पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में 50% की दर पर ऋण से जुड़ी हुई पार्श्वांत राजसहायता प्रति लाभार्थीरू. 1.00 लाख प्रति मी. टन 
viii) इवापोरेटीव /न्यून ऊर्जा शीत चैंबर (8.मी.टन)कुल लागत का 50%रू. 5.00 लाख प्रति यूनिट 
ix) परिरक्षण यूनिट (भंडारण सरंचना (25 मी. टन)कुल लागत का 50%नये यूनिट के लिए रू. 2.00 लाख प्रति यूनिट और अद्यतन के लिए रू. 1.00 लाख प्रति यूनिट 
x) न्यून लागत प्याज भंडारण संरचना (25 मी. टन)कुल लागत का 50%रू. 1.75 लाख प्रति यूनिट 
xi)  पूसा जीरो ऊर्जा शीत  चैम्बर (100 कि. ग्रा.)कुल लागत का 50%रू. 4000 प्रति  यूनिट 
xii) समेकित सहित श्रृखंला आपूर्ति प्रणालीसामान्य क्षेत्र में परियोजना लागत का 35% की दर पर और पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रों के मामले में 50% की दर पर ऋण से जुड़ी हुई पार्श्वांत राजसहायता प्रति लाभार्थीपरियोजना आधारित परियोजना का रू. 600.00 लाख की अधिकतम लागत के साथ उपर्युक्त ग. 1 से ग,13 के अंतर्गत सूचीबद्ध न्यूनतम दो घटकों का समानता होनी चाहिए। 
4. समेकित कटाई पश्चात प्रबंधन
कटाई पश्चात भंडारण और बांस के लिए उपचार सुविधालागत का 40% ऋण में जुड़ी पार्श्वांत राजसहायतारू. 25.00 लाख 

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी)

1. क) वाणिज्यिक बागवानी का विकास
i)  खुले तक वातावरण मेंसामान्य क्षेत्र में रू. 30.00 लाख प्रति परियोजना की सीमा तक परियोजना लागत का 40% की दर पर और पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों के इए रू. 37.50 लाख की सीमा  तक परियोजना लागत का 50% की दर ऋण से जुड़ी पार्श्वांत राजसहायता2 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र कवर करने के लिए परियोजना के लिए रू. 75.0 लाख प्रति परियोजना (खजूर, जैतून और केसर के लिए रू. 125.00 लाख)एमआईडीएच के अधीन राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) की उपस्कीम
ii)  संरक्षित संरचनारू. 56.00 लाख प्रति परियोजना तक सीमित परियोजना लागत का 50% की दर पर ऋण से जुड़ी पार्श्वांत राजसहायता।2500 वर्ग मी. से अधिक क्षेत्र कवर करने के लिए रू. 112.00 लाख परियोजनाराष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) की उप स्कीम
iii)  समेकित कटाई पश्चात् परियोजना अर्थात पैक हाउस, पकवन चैंबर, रिफर वैन, खुदरा दूकान, पूर्व शीतित यूनिट, प्राथमिक प्रसंस्करण आदिसमग्र संपर्क सुनिश्चित करने के लिए सामान्य क्षेत्रों में रू. 50.75 लाख प्रति परियोजना की सीमा तक परियोजना की सीमा तक परियोजना लागत का 35% की दर पर तथा पूर्वोत्तर, पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों में रू. 72.50 लाख तक सीमित परियोजना लागत का 50% की दर पर ऋण में जुड़ी पार्श्वांत राजसहायतारू. 145.00 लाख परियोजना पूर्व शीतित, पैक हाउस, ग्रेडिंग, पैकिंग शीत कक्ष जो व्यक्तिगत घटकों के लिए रखे गए हैं।राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) की उप स्कीम

2. बागवानी उत्पादों के लिए शीत भण्डारण एवं भण्डारण का निर्माण/विस्तार/आधुनिकीकरण के लिए निवेश राजसहायता स्कीम।

i)  शीतकर  भंडारण ईकाई  प्रकार 1 – एल ताप क्षेत्र के साथ बड़े चैम्बर (250.मी. टन) प्रकार  के साथ मूल मेजानिन निर्माणपरियोजना की लागत का 35% की दर पर ऋण सी जुड़ी पार्श्वांत राजसहायता (पूर्वोत्तर पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों में 50%) 5000 मी. टन से अधिक क्षमता के लिए5000 मी. तन से अधिक 10000 मी. टन तक की क्षमता  के  साथ परियोजना शुरू करने के लिए एनएचवी निम्न ड्रोन पर 500 से 6500/- मी. टन के बीच की क्षमता के लिए रू. 7600/- प्रति मी.उप स्कीम राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अधीन एमआईडीएच
ii)   शीत भंडारण यूनिट प्रकार 2 अधिक ताप और उत्पादक उपयोग के लिए पीई जी निर्माण, 6 से अधिक चैम्बर (250 मी. टन) और मूल सामग्री हस्त चालित उपकरणपरियोजना की लागत का 35% की दर पर ऋण से जुड़ी पार्श्वांत राजसहायता (पूर्वोत्तर पहाड़ी ओर अनुसूचित क्षेत्रों में 50%) 5000 मी. टन से अधिक क्षमता के लिए5000 मी. टन से अधिक 10000 मी. टन तक की क्षमता के साथ परियोजना शुरू करने के लिए एनएचवी निम्नलिखित दरों  के अनुसार 5001 से 6500 मी. टन के बीच क्षमता के लिए रू. 9500 प्रति मी. टन 6501 से 8000 मी. टन के बीच की क्षमता के लिए रू. 9000 प्रति मी. 8001 से 10000 मी. टन के बीच क्षमता के लिए रू. 8500 प्रति मी. टनउप स्कीम राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अधिन एमआईडीएच
iii)  शीत भंडारण ईकाई प्रकार 2 नियंत्रण वातावरण हेतु प्रौद्योगिकी से जुडापरियोजना की लागत का 35$% की दर पर ऋण से जुड़ी पार्श्वांत राजसहायता (पूर्वोत्तर पहाड़ी ओर अनुसूचित क्षेत्रों में 50%) 5000 मी. टन से अधिक क्षमता के लिए5000 मी टन से अधिक 10000 मी. टन के बीच क्षमता के साथ परियोजना शुरू करने के लिए एनएचबी निम्नलिखित ड्रोन के अनुसार नियंत्रित वातावरण प्रौद्योगिकी की घटकों पर जोड़ने के लिए अतिरिक्त रू. 10,000 प्रति मिट्रिक टन.उपस्कीम राष्ट्रीय  बागवानी बोर्ड के अधीन एमआईडीएच
नारियल विकास बोर्ड
क. गुणवत्ता वाले रोपण सामग्री का उत्पादन और वितरण
i) सरकार/निजी क्षेत्र में संकर बौने पौधे पौधों का वितरणi)  लागत का 25% अधिकतम 25.000 पौधों/एकड़ के लिएरू. 36.00 प्रति पौधएमआईडीएच के अंतर्गत सीडीबी की उप योजनाएँ
ii)   नाभिकीय नारियल बीज उद्यान की स्थापनाii)  लागत का 25% अधिकतम 4 हेक्टेयर के लिएरू. 6.00 लाख प्रति हे.उपरोक्त
iii) नारियल की छोटी नर्सरी की स्थापनाiii) सार्वजनिक क्षेत्र के लिए 100% लागत और निजी क्षेत्र के लिए 25%रू. 2.00 लाख प्रति 0.4 है, इकाई के लिएउपरोक्त
ख) नारियल का क्षेत्र विस्तार
क) सामान्य क्षेत्र  उपरोक्त
i) लंबी किस्मेंi) रू. 26,000 प्रति हे. 
ii) संकरii) रू. 27,000 प्रति . 
iii) बौनेiii) रू. 30.000 प्रति हे. 
ख) पहाड़ी एवं अनुसूचित क्षेत्रदो सामान किस्तों में, प्रत्येक लाभार्थी के आधिकतम 4 हेक्टेयर के लिए लागत का 25% उपरोक्त
i) लंबी किस्मेंi) रू. 55,000 प्रति हे. 
ii) संकरii) रू. 55,000 प्रति . 
iii) बौनेiii) रू. 60.000 प्रति हे. 
ग) नारियल के लिए प्रौद्योगिकी मिशन
1. कीट – पतंगों और रोग प्रभावित बागानों के प्रबंधन के लिए  प्रौद्योगिकियों का विकास और अपनाना
क. प्रौद्योगिकी का विकास
 i) आईसीआर (सीपीसीआर आई) / राज्य कृषि विश्वविद्यालय/राज्य विभाग के लिए बागवानी/कृषि/सहकारी क्षेत्र के लिए रू.50.00 लाखi)  परियोजना की लागत का 100%उपरोक्त
 ii) एनजीओ और अन्य संगठनों के इए रू. 25 लाखii)  लागत का 50% 
ख) प्रौद्योगिकियों  का प्रदर्शन
 i) आईसीआर (सीपीसीआर आई) / राज्य कृषि विश्वविद्यालय/राज्य विभाग बागवानी/कृषि/ अन्य संबंधित सार्वजानिक क्षेत्र इकाइयों/पंजीकृत सहकारी समितियों की परियोजनाओं के लिए रू. 25 लाखi)  परियोजना लागत का 100% 
 ii)  व्यक्तियों/ किसानों. गैर सरकारी संगठन की निजी कंपनियों के लिए रू. 10.00 लाख तक सीमितii)  लागत का 50% 
ग) प्रौद्योगिकी का अपनाना
 i)  लागत प्रौद्योगिकी अपनाने का 25%लागत का 25% 
 ii) किसानों/ गैर सरकार संगठनों/अन्य संगठनों के समूह के लिए लागत का 25% 

2. प्रसंस्करण और उत्पादन विविधिकरण के लिए प्रौद्योगिकी का विकास अपनाना

क) प्रौद्योगिकी का विकास
 i)  सभी सरकारी संस्थानों और सहकारी समितियों का लिए रू. 75 लाखi) परियोजना लागत का 100%उपरोक्त
 ii)  एनजीओ, व्यक्तिगत उद्यमियों और अन्य शोध संगठनों के लिए रू. 35ii) परियोजना लागत का 75% 

ख)  प्रसंस्करण का अधिग्रहण, प्रशिक्षण, प्रदर्शन

 i) सभी सरकारी संस्थानों और सहकारी समितियों के लिए लागत का 100%i) आईसीएआर (सीपीसीआरआई)/राज्य कृषि विश्वविद्यालय /राज्य विभाग बागवानी/ कृषि/ अन्य संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र इकाईयों/ पंजीकृत सहकारी समितियों की परियोजनाओं के लिए रू. 25 लाख 
 ii) एनजीओ, व्यक्तिगत उद्यमियों और अन्य संगठनों के लिए लग का 50%ii) व्यक्तियों/ किसानों, गैर सरकारी संगठन की निजी कंपनियों के इए . 10.00 लाख तक सीमित 

ग) प्रौद्योगिकी का विकास

 i)  पार्श्वांत ऋण पूँजी राजसहायता लागत का 25% तक सीमित  
 ii) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के महिला किसनों के लिए, परियोजना लागत का 33.3%ii)  किसानों के समूह/गैर – सरकारी संगठनों/अन्य संगठनों के लिए लागत का 25% 
 iii)  अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप के केंद्रशाषित प्रदेशों में मूल्यवान खेती के लिए परियोजना लागत का 50% 
घ) पुरानी नारियल उद्यानों का पूनर्रोपन और कायाकल्प
क) पुरानी/जीर्ण पामों की कटाई एवं छंटाईरू. 1000/-प्रति पाम की दर पर 32 पाम/हे.तक सीमितरू. 2,000/हे. 
ख) प्रतिपूर्ति के लिए सहायतालागत का 50% अधिकतम रू. 4000/ हे.रू. 80 प्रति पौध 
ग) समेकित प्रबंधन प्रणालियों के माध्यम से मौजूदा नारियल बागानों का सुधारलागत का 25% दो समान किश्तों मेंरू. 70,000 प्रति है 

घ) नारियल पाम बीमा योजना

 प्रीमियम लागत का 75% जिसमें सीडीबी द्वारा बीमा प्रीमियम का 50%और राज्य सरकार द्वारा 25%4 से 15 वर्ष के आयु वर्ग के पेड़ों के लिए रू. 4.69 प्रति पाम और 16-60 वर्षों के आयु वर्ग के लिए रू. 6.35 प्रति पाम, जिसमें सेवा कर 10.30%सम्मिलित है।उपरोक्त

एनएचएम्, एचएमएनईएच, राष्ट्रीय बांस मिशन, नारियल विक्स बोर्ड और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की उप –  योजना के साथ समेकित बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच)

  • हेक्टेयर जहाँ अन्यथा नहीं कहा गया है।
  • लागत मानदंडों का मतलब सब्सिडी की गणना के लिए लागत की ऊपरी सीमा है।

किससे संपर्क करें?

जिला बागवानी अधिकारी/जिला स्तरीय उप निदेशक (बागवानी) और राज्य स्तर पर निदेशक, बागवानी।

मधुमक्खी पालन

क्या करें?

  • मधुमक्खी पालन गरीब/भूमिहीन श्रमिकों/किसानों/ग्रामीण युवकों/ महिलाओं आदि द्वारा आदि द्वारा किया आधारित ग्रामीण कार्यकलाप है।
  • भारत की विविधकृत कृषि जलवायु स्थितियां मधुमक्खी पालन के लिए बेहतर क्षमता एवं अवसर प्रदान करती हैं।
  • मधुमक्खी पालन से प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ के बिना आय एवं रोजगार सृजन होता है।
  • मधुमक्खी पालन/मधुमक्खी या मधु उत्पादन और अन्य छत्ते के उत्पादों द्वारा नेक्टर एवं पालन (अन्यथा  बेकार जाते) को भोजन में बदलते हैं।
  • ,मधुमक्खी पालन से उच्च मूल्य मधुमक्खी छत्ते उत्पाद अर्थात रॉयल जेली, प्रोपोलिस, बी पालन, बी विनोम, बी ब्रेड आदि का भी उत्पादन होता है।
  • मधुमक्खी परागण सहायता प्रदान करते हुए विभिन्न बागवानी फसलों (फलों एवं सब्जियों) और कृषि फसलों (तिलहन, दलहन आदि) की उपज बढ़ाने में सहायता करती है।
  • फसलों के मधुमक्खी परागण के माध्यम से उपज में कई गुना वृद्धि दर्ज की गयी है।

क्या पायें?

घटकएमआईडीएच के तहत अनुमोदित सहायता (एनएचएम्/एचएम्एनईएन)
मधुमक्खी स्टॉक का विकास और गुणन 
न्यूक्लियस (पेडीग्री) स्टॉक का उत्पादनअनुसंधान संस्थानों/ सार्वजनिक क्षेत्र के लिए 20.00 लाख रूपए/परियोजना।
मधुमक्खी प्रजनकों द्वारा मधुमक्खी कालेनियों का उत्पादनलागत का 40$% अथवा 4.00 लाख रूपए/परियोजना (जो भी हो)
8 फ्रेम बी कालेनियों  (50 मधुमक्खी कालेनियों प्रति लाभार्थी) का वितरणलागत का 40 प्रतिशत अथवा प्रत्येक मधुमक्खी कालोनी के लिए 800 रूपये (जो भी कम हो)
मधुमक्खी छत्तों, सूपर्स आदि का वितरण (50 मधुमक्खी छत्तों, सूपर्स आदि प्रति लाभार्थी)लागत का 40 प्रतिशत अथवा प्रत्येक मधुमक्खी कालोनी के लिए 800 रूपये (जो भी कम हो)
मधुमक्खी उपकरणों का वितरण एसएस (4 फ्रेम) शहद एक्स्ट्राटर का एक सेट और एफजीपी /एसएस के 10 कंटेनर (30 किग्रा. प्रति) 1 नेट और एक सेट अन्य टूल), 50 मधुमक्खी कलेनियाँ/लाभार्थी इकाईलागत का 40% और 8000 रूपये प्रति सेट/प्रति लाभार्थी (जो भी हो)
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) कार्यकलापों 
सम्मेलन /संगोष्ठ/कार्यशाला 
अंतरराष्ट्रीय स्तर10.00 लाख रूपये/इवेंट
राष्ट्रीय स्तर5.00 लाख रूपये/इवेंट
राज्य स्तर3.00 लाख रूपये/इवेंट
जिला स्तर2.00 लाख रूपये/इवेंट
प्रशिक्षण 
राज्य के भीतर (डब्ल्यूएसटी)1000 रूपये की दर पर प्रतिभागी/दिवस
राज्य के बाहर (ओएसटी)परियोजना आधारित (ओएसटी)
राज्य एवं भारत से बाहर दौरेपरियोजना आधारित
  • मधुमक्खी पालकों/ किसानों से अन्यों के बीच वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन करने का अनुरोध किया जाता है जिसमें केवल शहद/सुपर चेंबर से शहद निकालना, रानी एक्सकूल डर का उपयोग, फ़ूड ग्रेड प्लास्टिक शहद कंटेनरों का उपयोग, एसएससे बने शहद एक्स्ट्राक्टर आदि शामिल हैं जिनके लिए एमआईडीएच के तहत उपलब्ध सहायता ली जा सकती है।
  • मधुमक्खी कालोनियों में कभी भी एंटीबायोटिक्स का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • केवल सील्ड शहद को निकलना चाहिए।
  • वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के लिए एनबीबी द्वारा जारी की गई परामर्शिकाओं को अपनाया जा सकता है।

किससे संपर्क करें?

  • जिला बागवानी अधिकारी
  • राज्य सरकार के निदेशक, बागवानी
  • प्रबंधक निदेशक, राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, बी, विंग, दूसरी मंजिल, जनपथ भवन, जनपथ रोड, नई दिल्ली.