जैविक उर्वरकों के संवर्धन के लिए सहायता
निम्नलिखित योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता उपलब्ध करा कर सरकार जैविक खाद को बढ़ावा दे रही है:
जैविक खेती पर राष्ट्रीय परियोजना (NPOF)
के अंतर्गत फल/ व्यर्थ सब्जी की कम्पोस्ट इकाइयों के लिए 40 लाख रुपए प्रति यूनिट लागत तक का 25% जैविक उत्पादन इनपुट इकाइयों की स्थापना के लिए और 1.50 लाख रुपए प्रति इकाई वर्मीकल्चर हैचरी की स्थापना के लिए, वित्तीय सहायता नाबार्ड के माध्यम से साख से जुड़ी पश्व सिरे की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM)
के तहत वर्मिकम्पोस्ट इकाईयों की स्थापना के लिए लागत की 50% वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जो प्रति लाभार्थी अधिकतम 30,000/- रुपए होती है।
मृदा स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता के प्रबंधन पर राष्ट्रीय परियोजना (NPMSHF)
के तहत जैविक उर्वरक के संवर्धन के लिए 500/- रुपए प्रति हेक्टेयर तक का प्रावधान है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY)
के अंतर्गत जैव उर्वरकों के लिए भी सहायता उपलब्ध है।