15 अगस्त के दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने निवास संत कबीर कुटीर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कई घोषणाएँ की साथ ही सरकार द्वारा प्रदेश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत हरियाणा में घरों तक दूध सप्लाई करने वालों का बीमा प्रीमियम राज्य सरकार द्वारा वहन करने की बात कही।
डेयरी शुरू करने के लिए दिया जा रहा है अनुदान
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे किसानों तथा ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अपना काम शुरू करने के लिए हाइटैक व मिनी डेयरी स्कीम चलाई जा रही है। इसका उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के साथ-साथ दूध का उत्पादन बढ़ाना है। इस स्कीम के तहत 10 दुधारू पशुओं तक की मिनी डेयरी खोलने के लिए पशु की लागत पर 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने की स्कीम के तहत दो या तीन पशुओं की डेयरी खोलने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा, देसी नस्ल की 3 व 5 गायों की डेयरी इकाई लगाने वाले पशुपालकों को गायों के खरीद मूल्य पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
इसके अलावा सरकार ने राज्य में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय रखने वाले किसान को प्रति गाय 30 हजार रुपये वार्षिक अनुदान देने का प्रावधान किया है। इसके अलावा, 20 या इससे अधिक दुधारू पशुओं की हाइटैक डेयरी स्थापित करने के लिए ब्याज में छूट दी जाती है। इस योजना के तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 13,480 डेयरियां स्थापित हुई हैं।
पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड पर दिया जा रहा है लोन
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन के लिए पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना चलाई हुई है। इसके तहत पशुपालकों को पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड दिये जाते हैं। इस कार्ड से किसी भी पशुपालक को 1 लाख 60 हजार रुपये का ऋण बिना किसी कोलेटरल सिक्योरिटी के मिल जाता है।
इसके अलावा पशुपालन को जोखिम मुक्त करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत कोई भी पशुपालक अपने बड़े पशु का दुग्ध उत्पादन क्षमता अनुसार 100 से 300 रुपये और छोटे पशु का 25 रुपये प्रीमियम देकर बीमा करवा सकता है। अनुसूचित जातियों के पशुपालकों के पशुओं का बीमा मुफ्त किया जाता है। इस स्कीम के तहत 8 लाख 52 हजार पशुओं का बीमा किया गया है।
वहीं पशुपालकों के लिए चल रही दुर्घटना बीमा योजना के तहत सहकारी दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादों का 5 लाख रुपये प्रति व्यक्ति दुर्घटना बीमा किया जाता है। अब इस राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है। इस योजना के तहत अब तक 75 व्यक्तियों को 4 करोड़ 10 लाख रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है।