किसान अपनी फल और सब्जियों को जल्दी खराब होने के डर से मंडी में ले जाते हैं। जिसके चलते उन्हें इन फसलों के उचित दाम नहीं मिल पाते हैं और उन्हें मुनाफा नहीं होता है। यदि किसान सोलर पैनल माइक्रो कूल चैम्बर बनवा लें तो लंबे समय तक अपनी फल-सब्जियों को सुरक्षित रख सकते हैं, साथ ही कोल्ड स्टोरेज में सौर ऊर्जा की स्थापना करने से बिजली की खपत भी कम होगी और बिजली बिल पर आने वाली लागत में कमी आएगी।
सोलर पैनल कूलिंग चैम्बर पर कितनी सब्सिडी मिलेगी?
बिहार सरकार ने राज्य में फल व सब्जियों के भंडारण की सुविधा के लिए सोलर पैनल माइक्रो कूलिंग चैम्बर तैयार करने के लिए स्वीकृति दे दी है। इसके लिए किसान अपनी इच्छानुसार सूचीबद्ध कंपनी का चयन कर काम करा सकते हैं। शासन की और से सोलर कूलिंग चेंबर तैयार करने की लागत 25 लाख रुपये निर्धारित की गई है। जिस पर विभाग की और से लाभार्थी व्यक्ति को 50 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। लाभार्थी का चयन “पहले आओ पहले पाओ” के तहत किया जाएगा।
उद्यानिकी विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में 10 यूनिट लगाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिये वित्तीय लक्ष्य 10 करोड़ रुपये है। किसानों को सस्ती दर पर भंडारण की सुविधा प्राप्त कराने व बिजली पर निर्भरता कम करने के लिए कोल्ड स्टोरेज में से 50 इकाइयों को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा। इसके प्रति कोल्ड स्टोरेज 35 लाख रुपये की लागत तय की गई है। जिसमें से 15.50 लाख का अनुदान विभाग देगा। विभाग ने 87.5 करोड़ रुपये का वित्तीय लक्ष्य रखा है। हालाँकि इसका लाभ लेने वाले कोल्ड स्टोरेजों के मालिकों को वर्तमान दर से न्यूनतम 25 फीसदी कम सर पर किसानों के उत्पाद का भंडारण करना होगा।
किसान आवेदन कहाँ करें?
राज्य के इच्छुक किसान जो सब्सिडी पर सोलर पैनल कूलिंग चैम्बर बनवाना चाहते हैं, वे किसान उद्यानिकी विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को विभागीय वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाना होगा। जिसके बाद किसान योजना से जुड़ी जानकारी के साथ ही आवेदन भी कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए किसान अपने प्रखंड या जिले के उद्यानिकी विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
सोलर पैनल माइक्रो कूलिंग चैम्बर एक तरह से फ्रिज की तरह होता है, जिसमें करीब 10 टन तक जल्दी खराब होने वाली उपज को लंबे समय तक ताजा रख सकते हैं। यह सोलर ऊर्जा से चलता है जिससे बिजली की बचत भी होती है।