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खेतों में सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना के लिए सरकार दे रही है अनुदान, किसान 2 अप्रैल तक करें आवेदन

किसान अपने खेतों में सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना कर सरकार को बिजली बेच कर कमाई कर सकते हैं। इसके लिए सरकार द्वारा इच्छुक किसानों से आवेदन मांगे गए हैं, इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए 2 अप्रैल 2025 तक आवेदन कर सकते हैं।

देश में किसानों को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए देश भर में पीएम कुसुम योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत किसानों को ना केवल सोलर पम्प की स्थापना के लिए अनुदान दिया जाता है बल्कि किसानों को अपने खेतों में सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना के लिए भी अनुदान मिलता है, जिसके माध्यम से किसान सरकार को बिजली बेचकर कमाई कर सकते हैं।

इस कड़ी में बिहार सरकार द्वारा पीएम कुसुम योजना के घटक ‘अ’ के तहत खेतों में सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना के लिए राज्य के इच्छुक किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। इच्छुक किसान 02 अप्रैल 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत किसान अपनी जमीन पर ख़ुद सोलर प्लांट लगा सकते हैं या फिर लीज या किराए पर भी दे सकते हैं। एक मेगावॉट सोलर प्लांट लगाने के लिए लगभग 4 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है।

क्या है सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना के लिए योजना

बिहार स्टेट पॉवर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा 962 विद्युत उप-केंद्रों से जुड़े 3188 कृषि एवं मिश्रित फीडरों का सोलराइजेशन किया जा रहा है ताकि बिहार के किसानों को पीएम किसान योजना का लाभ मिल सके। इस योजना के तहत अपनी भूमि पर सोर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं या किराए पर देकर आय अर्जित कर सकते हैं। सरकार का लक्ष्य किसानों को सस्ती विश्वसनीय बिजली प्रदान करना है। इस पहल से न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि किसानों को 25 वर्षों तक एक स्थिर आय स्रोत भी मिलेगा। इस योजना से किसानों को सस्ती, भरोसेमंद और दिन के समय बिजली मिलेगी, जिससे उनकी सिंचाई लागत घटेगी और कृषि उत्पादन बढ़ेगा।

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योजना की प्रमुख बातें

सौर परियोजना के अंतर्गत 1 मेगावाट के सोलर पॉवर प्लांट के लिए 4 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है। इस योजना के अंतर्गत सरकार की ओर से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है, जिसमें केंद्र सरकार की और से प्रति मेगावाट 1.05 करोड़ प्रति मेगावाट और बिहार सरकार की ओर से 45 लाख प्रति मेगावाट का अनुदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त किसान को बैंक से ऋण लेने की सुविधा भी दी जाएगी। सोलर पॉवर प्लांट का निर्माण 12 महीने के भीतर किया जाएगा और उसे विद्युत उप-केंद्रों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर बिजली की खरीद के लिए 25 सालों का समझौता किया जाएगा। यानी किसान एक बार सोलर प्लांट की स्थापना कर सरकार को 25 सालों तक बिजली बेचकर कमाई कर सकते हैं।

सोलर पॉवर प्लांट के लिए आवेदन कहाँ करें?

योजना के तहत किसान, किसान समूह/ सहकारिता, पंचायत, किसान उत्पादक संगठन, जल उपभोगकर्ता संघ, स्वयं सहायता संघ बिना किसी तकनीक या वित्तीय मानदंड के आवेदन कर सकते हैं। किसानों को केवल 1 लाख रुपये प्रति मेगावाट का ईएमडी देना होगा। किसान योजना का लाभ लेने के लिए eproc2.bihar.gov.in पोर्टल पर 2 अप्रैल 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसानों के पास क्लास-3 डिजिटल सिग्नेचर, पैन कार्ड, ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी। आवेदन के लिए 590 टेंडर प्रोसेसिंग शुल्क, 11800 रुपये का टेंडर शुल्क एवं 1 लाख प्रति मेगावाट अग्रिम धनराशि बैंक गारंटी अथवा डिमांड ड्राफ्ट के रूप में जमा करना होगा।

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इच्छुक किसान योजना से जुड़ी विशेष जानकारी के लिए कंपनी के कार्यपालक अभियंता, सहायक कार्यपालक अभियंता पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा निविदा से संबंधित दस्तावेज, विद्युत उपकेंद्रों की सूची वित्तीय सहायता की पात्रता के लिए सोलर प्लांट की क्षमता को eproc2.bihar.gov.in पर टेंडर आईडी 93904 से डाउनलोड कर देख सकते हैं।

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