बाग उत्थान योजना के तहत अनुदान
समय के साथ पुराने वृक्षों की उत्पादन क्षमता कम होती जाती हैं उनमें अनियमित फलन एक सामान्य समस्या है। साथ ही इन पेड़ों में बहुत से कीट एवं रोग लग जाते हैं, जिसके कारण भी फसल को काफ़ी नुकसान होता है। ऐसे में प्रत्येक वर्ष अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि किसान समय-समय पर इनका जीर्णोद्धार करें। इसके महत्व देखते हुए बिहार सरकार राज्य में पुराने बागों का जीर्णोद्धार के लिए अनुदान दे रही है, इसके लिए राज्य के चयनित ज़िलों के किसानों से आवेदन माँगे हैं।
बिहार सरकार ने राज्य के किसानों से बाग उत्थान अभियान चला रही है, जिसके तहत किसानों को पेड़ के चारों और थाला का निर्माण करने में, पेड़ के स्तम्भ में जमीन से 1 मीटर ऊँचाई तक चूना, कीटनाशी एवं फफूँदनाशी के घोल से पुताई एवं पुताई से पहले पेड़ की छाल को साफ करना शामिल है। योजना के तहत किसान ऑनलाइन आवेदन 20 अगस्त 2022 तक कर सकते हैं।
बाग उत्थान से क्या लाभ होगा?
आम एवं लीची के बागों को स्वस्थ रखने, उत्पादकता बढ़ाने तथा अनियमित फलन को कम करने के लिए यह योजना उपयोगी है, जिससे किसानों को निम्न लाभ होंगे:-
- विधिवत थाला निर्माण से आम एवं लीची के प्रभावकारी जड़ों द्वारा पोषक तत्वों की आपूर्ति होगी।
- दीमक एवं फफूँद के दुष्परिणाम से बचाव तथा पेड़ों को स्वस्थ बनाए रखना, फलस्वरूप फलन में वृद्धि तथा किसानों की आमदनी में वृद्धि करना है।
थाला निर्माण के लिए कितना अनुदान दिया जाएगा?
योजना के तहत आम एवं लीची के 10 वर्षों या उससे अधिक के कम से कम 10 पेड़ों का बाग़ एक जगह होना अनिवार्य है। थाला निर्माण के लिए मुख्य तना के चारों ओर गोलाई 25-30 सेंटीमीटर चौड़ा तथा 20-25 सेंटीमीटर गहरा नाली (थाला) का निर्माण किया जाएगा। साथ ही साथ भीतरी भाग तथा नाला के बाहरी भाग में 45 सेंटीमीटर चौड़ा तथा 25-30 सेंटीमीटर ऊँचा मेढ़ का निर्माण किया जाएगा, जिसमें पटवन का कार्य सुनिश्चित किया जाएगा।
इस तरह थाला निर्माण करने के लिए सरकार द्वारा इकाई लागत जो सरकार द्वारा 110 रुपए तय की गई है पर 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। जो 55 रुपए प्रति पेड़ होगा।
पुताई एवं रासायनिक दवाओं पर दिया जाने वाला अनुदान
योजना के तहत किसानों को पेड़ के चारों और थाला का निर्माण करने में, पेड़ के स्तम्भ में जमीन से 1 मीटर ऊँचाई तक चूना, कीटनाशी एवं फफूँदनाशी के घोल से पुताई के लिए भी अनुदान दिया जाएगा। जिसकी इकाई लागत सरकार द्वारा 50 रुपए रखी गई है, जिस पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। जो 25 रुपए प्रति पेड़ होगा।
पुताई के लिए किसानों को 5 लीटर पानी में 1 किलोग्राम चुना, 50 ml क्लोरपाईरीफोस 20EC, एवं 15 ग्राम कॉपर आक्सीक्लोराइड (50% w/p) के मिश्रण से पेड़ के जमीन से 1 मीटर की ऊँचाई तक के लिए आवश्यक होगी।
इन ज़िलों के किसानों को दिया जाएगा अनुदान
बाग उत्थान अभियान बिहार राज्य के 18 जिलों के लिए चलाया जा रहा है | इन सभी राज्यों के किसान योजना का लाभ उठा सकते हैं | यह जिला इस प्रकार है :- मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, भागलपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी, बांका, पूर्णिया, कटिहार, शिवहर, सहरसा, खगड़िया, मधेपुरा, सुपौल एवं अररिया।
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को करना होगा यह काम
निजी क्षेत्र में थाला निर्माण एवं पुताई हेतु श्रमिक सहित आवश्यक सामानों यथा कुदाल, measuring tape, सुतली, चूना, क्लोरपाईरीफोस 20 EC, काँपर आक्सीक्लोराइड (50%W/P), इत्यादि की व्यवस्था कृषकों को स्वयं करना होगा | सामग्री का क्रय कृषि निदेशालय/जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा कीटनाशी/फफूंदनाशी/खाद एवं उर्वरक विक्रय हेतु लाइसेंस प्राप्त एजेंसियों/प्रतिष्ठानों/दुकानदारों से BFR 2005 के तहत क्रय किया जाएगा तथा GST युक्त पक्की रसीद अभिश्रव प्राप्त करना अनिवार्य होगा |
बाग उत्थान योजना के लिए किसान कहाँ आवेदन करें ?
योजना का लाभ उठाने के लिए किसान बिहार के उद्यानिकी विभाग पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन 20 अगस्त तक कर सकते हैं। योजना के तहत चयनित 18 ज़िलों के किसान ही अभी आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक किसान जो योजना का लाभ लेना चाहते हैं http://horticulture.bihar.gov.in/HORTMIS/BaagUtthan/OnlineAppBaagUtthan.aspx लिंक पर आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत अधिक जानकारी के लिए किसान अपने ज़िले के सहायक निदेशक, उद्यान विभाग से सम्पर्क करें।