अनुदान पर कृषि उद्योग की स्थापना
देश में किसानों की आमदनी वैसे ही बहुत कम है इसे बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है | खेती-किसानी से आय कम होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की और अधिक पलायन हुआ है परन्तु कोरोना लॉक डाउन के कारण उद्योग धंधों को काफी क्षति हुई है | एक बार फिर लोग ग्रामीण क्षेत्रों में जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं | ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने की आवशयकता है | सरकारों ने अब लॉक डाउन के चलते रोजगार गंवा चुके युवाओं के लिए कृषि विभाग के द्वारा ग्रामीण इलाकों में कृषि आधारित लघु उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला लिया है | खेती से इस प्रकार उत्पादन किया जा रहा है कि कम भूमि में अच्छी उत्पादन के अनुसार तथा बाजार के अनुरूप रहे | इसके साथ ही कृषि में अधिक से अधिक रोजगार का सृजन किया जा सके | सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को रोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रही है |
इसको ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने वर्ष 2019–20 से कृषि में उत्पादन के लिए जिले के अनुसार उत्पादन पर जोड़ दिया है | इसके लिए प्रत्येक जिले में उद्यानिकी के अंतर्गत उत्पादन की सूचि जारी कर दी है तथा उत्पादित कृषि सामग्री से प्रोसेसिंग कर के पैकेजिंग तैयार करके बाजार में भेजा जा सके | इसके लिए राज्य सरकार लागत का 90 प्रतिशत की सब्सिडी लाभार्थी को देगी | किसान समाधान इसकी पूरी जानकारी सरल भाषा में लेकर आया है |
योजना पर सरकार कितना खर्च करेगी
ग्रामीण स्तर पर रोजगार सृजन करने के लिए तथा कृषकों की आय में वृद्धि के लिए सरकार कृषि आधारित उधोग को बढ़ावा दे रही है | वर्ष 2019–20 से कार्यान्वित किया जा रहा है | इस योजना की अवधि 5 वर्ष की होगी तथा इन 5 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 1264.04876 लाख रूपये व्यय किये जाएंगे |
जिले के अनुसार कृषि आधारित उद्योग पर सब्सिडी
बिहार कृषि मंत्री ने राज्य में कृषि आधरित उधोग के लिए सूचि जारी कर दी है | यह सूचि जिला आधारित उधानिकी पर आधारित है | राज्य उधानिक उत्पादन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत सूचि इस प्रकार जारी किया गया है |
- भागलपुर, दरभंगा, पटना एवं सहरसा – आम
- रोहतास – टमाटर
- अररिया,समस्तीपुर – हरी मिर्च
- पूर्वी चम्पारण – लहसुन
- पश्चिमी चम्पारण – हल्दी
- भोजपुर – मटर
- किशनगंज – अनानास
- समस्तीपुर , मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी तथा शिवहर –लीची
- कटिहार, खगड़िया – केला
- शेखपुरा, बक्सर – प्याज
- नालन्दा – आलू
- कैमूर – अमरुद
- वैशाली – मधु
- गया – पपीता
योजना के अनुसार सब्सिडी कितनी सब्सिडी दी जाएगी
योजना के अनुसार एक इकाई की स्थापना के लिए अधिकतम लागत 10 लाख रूपये है | इस पर राज्य सरकार 90 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है जो 9 लाख रुपये है | यहाँ पर इस बात का ध्यन रखना होगा कि सभी को 10 लाख रुपये नहीं दिया जाएगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप की प्रोजेक्ट कितना का है | आप के प्रोजेक्ट का 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा
योजना का लाभ किस आधार पर दिया जाएगा
योजना के अनुसार संबंधित जिलों के किसानों को उपर दिये हुए कृषि उद्योग के अनुसार आवेदन करना होगा | इसके बाद चिन्हित फसलों के पूर्व से आच्छदित एवं उपलब्ध क्षेत्रों को क्लस्टर के रूप में चिन्हित किया जाएगा | एक क्लस्टर में 50 हेक्टेयर रकबा को सम्मिलित किया जाएगा | चिन्हित क्लस्टर में सम्मिलित सभी कृषकों को एक तहत अपनाये जाने वाले विभिन्न एक्टिविटी के लिए प्रशिक्षण कराया जाएगा | चिन्हित क्लस्टर को उत्तम कृषि क्रियाओं से लाभन्वित एवं आच्छदित कर उधानिक फसलों के गुणवत्ता में वृद्धि करायी जाएगी |
सरकार के तरफ से किसान को क्या लाभ दिया जाएगा
कृषि मंत्री के अनुसार समूह के लिए चयनित कृषकों से अंशदान के रूप में न्यूनतम 5,000 रूपये प्रति कृषक समूह के खाते में जमा कराया जाएगा | सरकार के तरफ से समूह के खाते में 5 लाख रूपये मैचिंग ग्राट दिया जायेगा | समूह के खाता में अंशदान यदि 5 लाख रूपये से कम होता है तो मैचिंग ग्रांट उसी के अनुसार दिया जाएगा |
इस योजना के तहत प्रथम वर्ष में समूह के गठन के उपरांत सभी ढांचागत सुविधा एवं मशीन आदि की संस्थापना हेतु राशी उपलब्ध कराया जाना है | दिव्तीय एवं तृतीय वर्ष में उत्तम कृषि क्रियाएँ , पैकेजिंग मेटेरियल एवं उत्तम क्रियाएँ हेतु ही मात्र राशी उपलब्ध करायी जाएगी | समूह के प्रस्ताव के आलोक में चतुर्थ एवं पंचम वर्ष में यथावश्यक मरम्मती एवं आकस्मिकता हेतु राशि उपलब्ध करायी जायेगी |
कृषि आधरित उधोग में इन सभी उत्पादों को शामिल किया गया है
उन्होंने कहा कि राज्य में इस योजना के कार्यान्वयन से जिला विशेष में उपजे वाले फसलों को प्रोत्साहन मिलेगा, बाजार की मांग के अनुरूप विभिन्न उत्पादन यथा पल्प, जूस, जेम, जेली, स्क्वैश एवं फ्लेक्स, पाउडर आदि तैयार कराया जायेगा एवं उधमियों को सीधे क्लस्टर से मार्केटिंग हेतु लिंक कराया जाएगा | जिससे उधानिक उत्पादन का शत–प्रतिशत सदुपयोग होगा, कृषकों को उत्पादन का अधिक मूल्य मिलेगा तथा ग्रामीण बेरोजगार पुरुष एवं महिलाओं को स्वरोजगार मिलगा |
कृषि लघु उद्योग के लिए कहा सम्पर्क करे ।
अपने जिले के कृषि विभाग या उद्यानिकी विभाग में एवं प्रशिक्षण आदि की जानकारी के लिए जिले के कृषि विज्ञानं केंद्र में सम्पर्क करें |
Sir me pashupaln lon lena chahta hu or me khilchipur rajgarh mp se hu
प्रोजेक्ट बनायें अपने जिले या तहसील के पशुचिकित्सालय या पशु पालन विभाग में में सम्पर्क कर आवेदन करें
Sir me agriculture filament me kam krna chanta hun mene 12th kiya hai
जिला कृषिविज्ञान केंद्र में सम्पर्क करें |
I am joining
जी सर | प्रोजेक्ट बनायें और कृषि अधिकारीयों से सम्पर्क करें
Sir Indore jile ke abhikari sir ke link ya number ublabdh kraye
सर ऑनलाइन आवेदन होते हैं |https://dbt.mpdage.org/index.htm
मुर्गी पालन का प्रमाभ करना चाहता हूं
की स राज्य से हैं ? लॉक डाउन समाप्त हो जाने के बाद जिले या ब्लाक के पशुपालन विभाग में सम्पर्क करें |
Sir Maine mashroom cultivation ke training ki hai national trainer ka certificate bhee Mila hai training bhee karvata hoo.ky kisano Ko subsidy ki koi skeem hai kya jiske dwara kisano ki income badh ske jis se Kisan ki situation sudhar ske aur berojgaar Ko rojgar mil ske.amar Singh DST certified mashroom trainer rsetti mariyaani Kanpur Uttar Pradesh.thanks sir.
सर जिला कृषि विभाग या उद्यानिकी विभाग में सम्पर्क करें |
Hello sir
Is there is any update for uttrakhand in farming secter with procedures
किस तरह का अपडेट | आपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र अथवा जिले के कृषि विभाग में सम्पर्क करें |
http://agriculture.uk.gov.in/
Thanks
We are on the way stukup because of lock down finalise the land to instAll project RAS fish farming will we get 90’/. Subsidy
जी सर अपने जिले के मछली पालन विभाग में सम्पर्क करें
Nice one
जी सर धन्यवाद |
Muje gende ke fool ki kheti karna h aap batao muje kon sa beej laga h our kaha se milega puri jaankari do muje
दी गई लिंक पर देखें | जिला कृषि वज्ञान केंद्र, उद्यानिकी विभाग या सरकारी नसरी में सम्पर्क करें |
https://kisansamadhan.com/advanced-technology-of-marigold-production/
हम गया बिहार से, पशुपालन का ट्रेनिंग किये हैं लेकिन बैंक लोन देने के लिए तैयार नहीं है और जबकि पूरा पेपर दे रहे है फिर भी।सरकार द्वारा स्किम है कि किसानों की पूरी मदद की जाएगी,इस पर भी सरकार को ध्यान रहे कि किशन को लोन मिल रही है या नही
जिले के पशुपालन विभाग या पशु चिकित्सालय से सम्पर्क करें |
Kisan har jankari
Subsidy me hame sidril machine chiye
अभी आवेदन नहीं हो रहे हैं |