सब्सिडी पर पान की खेती
देश में पान एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, देश में सभी जगह पान की मांग हमेशा बनी रहती है | पान की खेती कम तापमान तथा कम आद्रता में ही की जा सकती है अतः खेती के लिए तापमान को नियंत्रित करना जरुरी हो जाता है इसलिए पान की खेती हर जगह नहीं की जा सकती है | बिहार पान की खेती के लिए विश्व प्रसिद्ध है | बिहार में पान की बंगाल किस्म तथा दक्षिण बिहार में बंगाल एवं मगही किस्म की खेती की जाती है | मगही पान अन्य देशों को निर्यात किया जाता है |
बिहार में जलवायु अधिक गर्म एवं ठंडी होने के कारण इसकी खेती खुले खेतों में न करके इसे कृत्रिम मंडप के अंदर उगाया जाता है, जिसे बरेजा/बरेथा कहते हैं | स्थानीय तौर पर बरेजा का निर्माण बांस, पुआल, कांस, सुतली इत्यादि उपयोग कर बनाया जाता है, जो प्राकृतिक आपदा से आसानी से बर्बाद हो जाता है | साथ ही, लोटी विधि से पटवन भी काफी खर्चीला एवं परिश्रमी होता है | फलस्वरूप कृषकों को बेवजह अतिरिक्त व्यय एवं परिश्रम करना पड़ता है | इतना ही नहीं परम्परागत बरेजा में पान उपज हेतु संतुलित वातावरण (तापमान, आर्द्रता) नहीं पाए जाने के कारण रोग तथा कीट–व्याधि प्रकोप बढ़ जाता है | फलस्वरूप किसानों को बेवजह खेती में अधिक व्यय पड़ता है | कृषि विभाग द्वारा इस समस्या का समाधान एवं कृषक हित में संरक्षित कृषि के अंतर्गत “शेडनेट में पान की खेती का प्रत्यक्षण कार्यक्रम” तैयार किया गया है |
किन जिलों के किसान को मिलेगी पान की सब्सिडी
“शेडनेट में अपन की खेती का प्रत्यक्ष कार्यक्रम” योजना के लिए बिहार के 17 जिलों को शामिल किया गया है | यह जिले इस प्रकार है– नवादा, नालंदा, गया, मधुबनी, वैशाली, खगड़िया, दरभंगा, भागलपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण औरंगाबाद, शेखपुरा, बेगुसराय, सरन, सिवान एवं मुंगेर जहाँ पान की खेती होती है |
पान की खेती के लिए सब्सिडी
बिहार राज्य के उपर दिये 17 जिलों के किसानों को 500 वर्गमीटर का इकाई स्थापना करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है | प्रति 500 वर्गमीटर शेडनेट में पान की खेती की इकाई लागत 4.25 लाख रु. पर 75 प्रतिशत सहायतानुदान का प्रावधान किया गया है | इस योजना के लिए बिहार के 17 जिलों के लिए कुल 100 इकाई का भौतिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है | इस बार शेडनेट के साथ ड्रिप तथा फाँगरयुक्त को भी साथ में लगाया जाएगा | इसके अलावा बिहार कृषि विश्वविध्यालय, सबौर, भागलपुर के अधीन पान अनुसंधान केंद्र, इस्लामपुर में एक प्रत्यक्ष कार्यक्रम एवं एक पान आयल डिस्टिलेशन इकाई की स्थापना भी कार्य योजना में शामिल है |
सरकार ने वित्तीय सहायता
वित्तीय वर्ष 2020–21 में कृषकों द्वारा योजनान्तर्गत तैयार शेडनेट में पान की खेती वैज्ञानिक तरीके से कराया जायेगा | इस योजना के लिए बिहार सरकार ने डो वित्त वर्ष के लिए 339.66 लाख रुपये व्यय की जाएगी | जिनमें वित्तीय वर्ष 2019–20 में 286.46 लाख रु . एवं वित्तीय वर्ष 2020 – 21 में 53.2 लाख रु. व्यय किया जाएगा |
Pan aanudan
http://horticulture.bihar.gov.in/
http://horticulture.bihar.gov.in/HORTMIS/Home.aspx
पोर्टल पर पंजीयन कर आवेदन करें |
Sir
Up ke Lucknow me pan kisan anudan Kaise Milega
http://upagriculture.com/Default.aspx दी गई लिंक पर पंजीकरण करें |
PAN Aanudan
जी horticulture विभाग से आवेदन करें |