पशुपालन क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए सरकार दे रही है 50 प्रतिशत की सब्सिडी

पशुपालन के लिए उद्यमिता विकास कार्यक्रम

पशुपालन जहां ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का एक अच्छा माध्यम है वही यह किसानों के लिए दैनिक आय का भी अच्छा ज़रिया है। पशु पालन के महत्व को देखते हुए सरकार द्वारा पशुपालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है, इसके लिए देश में राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत मुर्गी पालन, बकरी पालन, भेड़ पालन, शूकर पालन एवं चारा उत्पादन के लिए व्यवसाय स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा भारी सब्सिडी दी जा रही है। 

राष्ट्रीय पशुधन मिशन अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम की प्रगति को लेकर रजस्थान के खाद्य भवन में गुरुवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई। पशुपालन विभाग के शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की अध्यक्षता की।

युवा एवं महिलाएँ ले रही है पशुपालन क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने में रूचि

शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने कहा कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र में न केवल युवा बल्कि महिलाएं भी स्वरोजगार के क्षेत्र में विशेष रूचि ले रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में पशुपालन के क्षेत्र में सकारात्मक परिस्थितियों एवं राज्य सरकार की पशुपालकों के लिए चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव से न केवल राजस्थान बल्कि देश के अन्य स्थानों से भी उद्यमी पशुपालन में अपनी रुचि दिखा रहे है।

इस मौके पर उपनिदेशक बृजमोहन गोयल ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रगति का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि पशुपालकों की ओर से बकरी पालन, भेड़ पालन के साथ मुर्गी पालन जैसे क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे है।

आवेदनों को जल्द दी जाए स्वीकृति

इस मौके पर पशु पालन शासन सचिव ने उद्यमिता विकास कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी प्राप्त की। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नए उद्यम स्थापित करने के लिए किये जा रहे आवेदनों की गहनता से जांच कर शीघ्र ही लंबित मामलों पर कार्यवाही की जाये, ताकि बेरोजगार आवेदक स्वरोजगार प्राप्त कर प्रदेश में उन्नत पशुधन में वृद्धि करने का कार्य कर सके। उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में विकसित होते उद्यम से राज्य में पशुपालक सशक्त होने के साथ पशुपालन को एक नयी दिशा देने का कार्य रहे है।

उद्यम स्थापित करने के लिए लागत का 50 प्रतिशत दिया जाता है अनुदान

पशुधन मिशन अंतर्गत उद्यमिता विकास कार्यक्रम के तहत नए उद्यम स्थापित करने के लिए पूंजीगत लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा अनुदान के रूप में सिडबी द्वारा दो बराबर किश्तों में दिया जाता है, वही अनुदान की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपए से 50 लाख रुपए तक है। यह अनुदान मुर्गीपालन, भेड़-बकरी पालन, शूकर पालन एवं चारा उद्यम स्थापित करने के लिए दिया जा रहा है। 

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