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गुरूवार, अप्रैल 25, 2024
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सरकार ने बढ़ाई समय सीमा: किसान अब 30 अप्रैल तक जमा कर सकते हैं ऋण

खरीफ ऋण चुकाने की समय सीमा में वृद्धि

देश में किसानों को कृषि में निवेश के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर अल्पावधि फसली ऋण उपलब्ध कराया जाता है। किसानों को यह ऋण खरीफ एवं रबी फसलों के लिए दिया जाता है। वहीं समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को ब्याज में छूट दी जाती है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के द्वारा खरीफ फसलों के लिए गए ऋण को चुकाने की समय-सीमा में वृद्धि कर दी है। राज्य के किसान अब 30 अप्रैल तक ऋण जमा कर, ब्याज अनुदान योजना का लाभ ले सकते हैं।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों द्वारा खरीफ फसल का ऋण चुकाने की समय-सीमा 28 मार्च से बढ़ा कर 30 अप्रैल की जा रही है। यह निर्णय किसानों के आग्रह पर लिया गया है। समय-सीमा में वृद्धि से 60 करोड़ रूपये का अतिरिक्त ब्याज भार आएगा, जिसका भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाएगा। 

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ओला प्रभावित किसानों से अभी नहीं लिया जाएगा ऋण

मुख्यमंत्री ने कहा कि ओला प्रभावित किसानों से वसूली स्थगित करने का फैसला भी लिया गया है, उसका ब्याज भी राज्य शासन द्वारा भरा जाएगा। इससे किसानों को अगली फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिल सकेगा।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के ऐसे किसान जो सहकारी संस्था से लिए गए ऋणों की माफी के इंतजार में बकायादार हो गए हैं एवं खाद बीज की सुविधा से वंचित हो गए हैं, उन किसानों की बकाया राशि पर लगे ब्याज की राशि सरकार ने भरने की घोषणा अपने बजट में की है। इसके साथ ही सहकारी संस्था में पूर्व से डिफाल्टर किसानों के ऋण पर ब्याज की राशि भी सरकार द्वारा वहन की जाएगी। बजट में ऋण माफी योजना के पात्र डिफाल्टर कृषकों की ब्याज माफी समाधान योजना हेतु 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

किसानों को 25 प्रतिशत से अधिक फसल नुकसान होने पर दिया जाएगा मुआवजा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ओला-वृष्टि से उपजी आपदा में राज्य सरकार किसान भाइयों के साथ है। किसानों को 32 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि प्रदान की जाएगी। किसानों को 25 से 35 प्रतिशत की स्थिति में भी राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी और 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान को 100 प्रतिशत मानते हुए राहत दी जाएगी। मंत्रीगण अपने-अपने क्षेत्रों में ओला प्रभावित खेतों के सर्वे कार्य में आवश्यक समन्वय और निगरानी करें। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि प्रभावित किसानों के फसल बीमा योजना के प्रकरण बन जाएँ और किसानों को योजना का लाभ समय रहते मिले।

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