कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए सरकार ने वर्ष 2020 में “कृषि अवसंरचना कोष” की स्थापना की थी। अब इसकी सफलता को देखते हुए 28 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि अवसंरचना कोष के क्रमिक विस्तार को मंजूरी दी है ताकि इसे और अधिक आकर्षक, प्रभावी एवं समावेशी बनाया जा सके। देश में कृषि अवसंरचना को बढ़ाने, सुदृढ़ करने और कृषक समुदाय को मदद देने वाले एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में कृषि अवसंरचना कोष का दायरा अब बढ़ाया जा रहा है।
अब सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के विस्तार को मंजूरी दे दी है। सरकार के मुताबिक़ योजना के दायरे में विस्तार से विकास को गति मिलेगी, उत्पादकता में सुधार होगा, कृषि आय बढ़ेगी और देश में कृषि की समग्र स्थिरता में योगदान मिलेगा। कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के अन्तर्गत अब सरकार ने इन घटकों को भी शामिल किया है।
सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों का निर्माण
कृषि अवसंरचना कोष के तहत अब सभी पात्र लाभार्थियों को सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं के अंतर्गत आने वाले बुनियादी ढांचा को बनाने की अनुमति देने का फैसला लिया है। जिससे परियोजनाओं का विकास सुगम होने की उम्मीद है। ये सामुदायिक कृषि क्षमताओं को बढ़ाएंगी जिससे इस क्षेत्र में उत्पादकता और स्थिरता में सुधार होगा।
एकीकृत प्रसंस्करण परियोजनाएँ
अब सरकार ने कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के अंतर्गत पात्र गतिविधियों की सूची में एकीकृत प्राथमिक द्वितीयक प्रसंस्करण परियोजनाओं को शामिल भी कर लिया है। हालांकि, सिर्फ द्वितीयक परियोजनाएं पात्र नहीं होंगी और उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजनाओं के अंतर्गत शामिल किया जाएगा।
पीएम कुसुम योजना घटक ए
किसान/किसानों के समूह/किसान उत्पादक संगठनों/सहकारी समितियों/पंचायतों के लिए पीएम-कुसुम के घटक-ए को एआईएफ के साथ मिलाने की अनुमति दे दी गई है। इन पहलों के मेल का उद्देश्य कृषि बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ टिकाऊ स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देना है।
क्रेडिट गारंटी कवरेज का विस्तार
सीजीटीएमएसई के अलावा, एनएबी संरक्षण ट्रस्टी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए एफपीओ के एआईएफ क्रेडिट गारंटी कवरेज का विस्तार करने का प्रस्ताव है। क्रेडिट गारंटी विकल्पों के इस विस्तार का उद्देश्य एफपीओ की वित्तीय सुरक्षा और ऋण-योग्यता को बढ़ाना है, जिससे कृषि अवसंरचना परियोजनाओं में अधिक निवेश को बढ़ावा मिले।
कृषि अवसरंचना कोष के तहत अभी तक इन प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
सरकार के मुताबिक वर्ष 2020 से शुरुआत किए जाने के बाद से ही एआईएफ योजना के तहत 6623 गोदामों, 688 कोल्ड स्टोरेज और 21 साइलो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसके चलते देश में लगभग 500 एलएमटी की अतिरिक्त भंडारण क्षमता प्राप्त हुई है। इसमें 465 एलएमटी शुष्क भंडारण और 35 एलएमटी कोल्ड स्टोरेज क्षमता शामिल है। इस अतिरिक्त भंडारण क्षमता से सालाना 18.6 एलएमटी खाद्यान्न और 3.44 एलएमटी बागवानी उपज की बचत की जा सकती है।
एआईएफ के अंतर्गत अब तक 74,508 परियोजनाओं के लिए 47,575 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इन स्वीकृत परियोजनाओं ने कृषि क्षेत्र में 78,596 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया है, जिसमें से 78,433 करोड़ रुपये निजी संस्थाओं से जुटाए गए हैं।