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सरकार द्वारा नियमों में किया गया संशोधन, अब किसान अपनी पसंद से सीधे व्यापारियों को बेच सकेगें उपज

कृषि उपज बिक्री को लेकर नियमों में किया गया संशोधन

देश में किसानों की गिरती आर्थिक स्थिति का महत्वपूर्ण कारण है की उन्हें उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पाता है | जिससे अधिक उत्पादन होने के बाबजूद भी किसान को सही दाम नहीं मिल पाते हैं | वहीँ अभी तक के नियमों के कारण जहाँ किसान अपनी उपज को नजदीक की मंडियों एवं व्यापारियों को बेचने को मजबूर थे उन नियमों में सरकार द्वारा परिवर्तन किया गया है | प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में 3 जून, 2020 को केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में कई महत्‍वपूर्ण निर्णय लिए गए जो देश के किसानों की मदद करने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने में भी काफी मददगार साबित हो सकते हैं |

कृषि उपज बिक्री को लेकर इन नियमों में किया गया संशोधन

सरकार द्वारा एक देश, एक कृषि बाजार एवं बाधा मुक्त व्यापार एक राज्य से दुसरे राज्यों में उपज खरीदने बेचने आदि नियमों में परिवर्तन किया गया है | यह संशोधन इस प्रकार हैं:-

  1. आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन
  2. कृषि उपज का बाधा मुक्त व्यापार
  3. मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020

आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम में संशोधन

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है | इससे अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्‍याज और आलू जैसी वस्‍तुओं को आवश्‍यक वस्‍तुओं की सूची से हटा दिया जाएगा। इस व्‍यवस्‍था से निजी निवेशक अत्‍यधिक नियामकीय हस्‍तक्षेप के भय से मुक्‍त हो जाएंगे। उत्‍पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और आपूर्ति करने की आजादी से व्‍यापक स्‍तर पर उत्‍पादन करना संभव हो जाएगा और इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में निजी/प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा। इससे कोल्‍ड स्‍टोरेज में निवेश बढ़ाने और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला (सप्‍लाई चेन) के आधुनिकीकरण में मदद मिलेगी।

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कृषि उपज का बाधा मुक्त व्यापार में संशोधन

कैबिनेट ने कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दे दी है | अध्यादेश के लागू हो जाने से किसानों के लिए एक सुगम और मुक्त माहौल तैयार हो सकेगा जिसमें उन्हें अपनी सुविधा के हिसाब से कृषि उत्पाद खरीदने और बेचने की आजादी होगी। अध्यादेश से राज्य के भीतर और बाहर दोनों ही जगह ऐसे बाजारों के बाहर भी कृषि उत्पादों का उन्मुक्त व्यापार सुगम हो जाएगा जो राज्यों के कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम के तहत अधिसूचित हैं।

इससे किसानों को अधिक विकल्प मिलेंगे। बाजार की लागत कम होगी और उन्हें अपने उपज की बेहतर कीमत मिल सकेगी। इसके अलावा अतिरिक्त उपज वाले क्षेत्रों में भी किसानों को उनके उत्पाद के अच्छे दाम मिल सकेंगे और साथ ही दूसरी ओर कम उपज वाले क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को भी ज्यादा कीमतें नहीं चुकानी पड़ेंगी। अध्यादेश में कृषि उत्पादों का सुगम कारोबार सुनिश्चित करने के लिए एक ई-प्लेटफॉर्म बनाए जाने का भी प्रस्ताव है। इस अधिनियम के तहत किसानों से उनकी उपज की बिक्री के लिए कुछ भी उपकर (सेस) या शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा, किसानों के लिए एक अलग विवाद समाधान व्‍यवस्‍था होगी।

संशोधन का मूल उद्देश्य एपीएमसी बाजारों की सीमाओं से बाहर किसानों को कारोबार के अतिरिक्‍त अवसर मुहैया कराना है जिससे कि उन्‍हें प्रतिस्‍पर्धात्‍मक माहौल में अपने उत्‍पादों की अच्‍छी कीमतें मिल सकें। यह एमएसपी पर खरीद की मौजूदा प्रणाली के पूरक के तौर पर काम करेगा जो किसानों को स्थिर आय प्रदान कर रही है। यह निश्चित रूप से ‘एक देश, एक कृषि बाजार’  बनाने का मार्ग प्रशस्‍त करेगा और कठोर परिश्रम करने वाले हमारे किसानों के लिए उपज की मुंह मांगी कीमत सुनिश्ति करेगा।

मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020

कैबिनेट ने ‘मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020’ को स्वीकृति दे दी है। अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसर्स), एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम बनाएगा। इससे बाजार की अनिश्चितता का जोखिम प्रायोजक पर हस्तांतिरत हो जाएगा और साथ ही किसानों की आधुनिक तकनीक और बेहतर इनपुट्स तक पहुंच भी सुनिश्चित होगी। इससे विपणन की लागत में कमी आएगी और किसानों की आय में सुधार होगा।

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यह अध्यादेश किसानों की उपज की वैश्विक बाजारों में आपूर्ति के लिए जरूरी आपूर्ति चेन तैयार करने को निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने में एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। किसानों की ऊंचे मूल्य वाली कृषि के लिए तकनीक और परामर्श तक पहुंच सुनिश्चित होगी, साथ ही उन्हें ऐसी फसलों के लिए तैयार बाजार भी मिलेगा। किसान प्रत्यक्ष रूप से विपणन से जुड़ सकेंगे, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा। किसानों को पर्याप्त सुरक्षा दी गई है और समाधान की स्पष्ट समयसीमा के साथ प्रभावी विवाद समाधान तंत्र भी उपलब्ध कराया गया है।

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