फसल नुकसान के आंकलन के लिए गिरदावरी
इस वर्ष देश के अलग–अलग राज्यों में वर्षा का वितरण अभी तक असामान्य रहा है। बिहार, झारखंड तथा उत्तर प्रदेश में वर्षा सामान्य से काफी कम है तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश, हरियाणा, असम, राजस्थान जैसे राज्यों के कई जिलों में वर्षा काफी अधिक हुई है। दोनों ही परिस्थितियों में किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई के लिए सरकार द्वारा अलग-अलग योजनाओं के तहत किसानों को राहत देने के लिए योजनाएँ तैयार की जा रही है।
हरियाणा के कुछ जिलों में अधिक वर्षा से गाँवों पानी भर गया है। इससे जन जीवन पर बुरा असर पड़ा है। इन जिलों के किसानों की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। इसको लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने समीक्षा करते हुए अधिकारियों को गावों से पानी निकालने का आदेश दिया है। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, जींद आदि जिलों के किसानों की फसल नुकसानी को देखते हुए राज्य में गिरदावरी कराने का आदेश दिए गए हैं।
5 अगस्त से की जाएगी गिरदावरी
हरियाणा में पिछले 25-30 सालों में पहली बार अधिक वर्षा के कारण जल भराव की स्थिति बन गई है, जिसके कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है। जिसके आंकलन के लिए हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों की फसलों का गिरदावरी करने जा रही है। जलभराव वाले क्षेत्रों की 5 अगस्त से गिरदावरी शुरू हो जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने किसानों से भी अपील की कि वे अपनी फसल खराबे का विवरण “मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल” पर अवश्य दर्ज करवाएं।
किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं
हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है, इस योजना के तहत किसानों को फसल क्षतिपूर्ति की भरपाई की जाती है। जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपने फसलों का बीमा कराया है वे इस योजना का लाभ उठाने के लिए बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर फोन कर शिकायत दर्ज कराएं। इसके अलावा किसान संबंधित बैंक से संपर्क कर के फसल नुकसानी की क्षति पूर्ति के आंकलन के लिए आवेदन कर सकते हैं।