मुफ्त बीज वितरण योजना
इस वर्ष के शुरुआत (जून और जुलाई) में मौसम का साथ नहीं देने के कारण खरीफ फसल की बुआई पर पड़ा है | जुलाई माह में किसी स्थान पर अधिक वर्ष तो किसी स्थान पर सुखा की स्थिति है | दोनों अवस्था में ही खरीफ फसल को काफी नुकसान हुआ है | जहाँ बाढ़ के कारण बोई हुई फसल नष्ट हो गई है तो सुखे के कारण या तो फसल बोई नहीं गई है या फिर बुवाई किया हुआ फसल सुख गया है | इसका सबसे ज्यादा मार बिहार राज्य पर पड़ा है | यह राज्य सुखा तथा बाढ़ दोनों से पीड़ित है |
इसको देखते हुये कृषि विभाग ने बाढ़ एवं सूखाग्रस्त दोनों क्षेत्रों की परिस्थितियों को देखते हुए किसानों को उनके फसलों के हुये नुकसान की भरपाई करने के लिए वैकल्पिक फसलों के बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिशिचित करा रही है | बाढ़ एवं सुखाड़ से प्रभावित संबंधित जिला कृषि पदाधिकारियों के माध्यम से उनके जिला की आवश्यकता के अनुसार वैकल्पिक फसलों के बीज की आवश्यकता का आकलन विभाग द्वारा किया जा रहा है |
किसानों को दोबारा से फ्री में बीज दिया जायेगा
आकस्मिक फसल योजना के अंतर्गत जिलों से अब तक वैकल्पिक फसल के रूप में अल्पावधि वाले धान के 17208 क्विंटल, मक्का के 26,934 क्विंटल, ज्वार के 755 क्विंटल बाजरा के 119 क्विंटल, मडुआ के 108 क्विंटल, अरहर के 27725 क्विंटल, उड़द के 15199 क्विंटल, मुंग के 334 क्विंटल, मटर के 8878 क्विंटल, कुल्थी के 7357 क्विंटल, तोरिया के 10427 क्विंटल, सोयाबीन के 1680 क्विंटल, राई / सरसों के 396 क्विंटल, सूर्यमुखी के 96 क्विंटल,, मुली के 586.35 क्विंटल, पालक के 129.32 क्विंटल, भिंडी के 325 .30 क्विंटल, और अन्य सब्जियों के 518 क्विंटल बीज की आवश्यकता प्रतिवेदित की गई है | सभी बीज किसानों को नि:शुल्क दिया जायेगा |
बिहार सरकार किसानों से अपील करती है की किसान सुखा की अवस्था में धान किबुअई के जगह मक्का , सूर्यमुखी सब्जी , उड़द इत्यादी की खेती करें | इन सभी फसलों में धान की अपेक्षा पानी की जरूरत होती है |