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दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए किसानों को मुफ्त दिए जाएंगे उच्च उपज वाली किस्मों के बीज

pulses seeds variety

दालों के उच्च उपज की किस्म वाले बीज

वैसे तो भारत विश्व में दलहन उत्पादन में पहला स्थान रखता है परन्तु यहाँ उपभोगता अधिक होने के कारण दलहन का आयात भी करना पड़ता है | इसको लेकर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने देश में दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से, खरीफ 2021 सत्र में कार्यान्वयन के लिए एक विशेष खरीफ रणनीति तैयार की है। राज्य सरकारों के साथ परामर्श के माध्यम से, अरहर, मूंग और उड़द की बुआई के लिए रकबा बढ़ाने और उत्पादकता बढ़ाने दोनों के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। जिसके तहत किसानों को दलहन फसलों के प्रमाणित बीज निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे |

मुफ्त दिए जाएंगे उच्च उपज वाले बीज

रणनीति के तहत, सभी उच्च उपज वाली किस्मों (एचवाईवीएस) के बीजों का उपयोग करना शामिल है। केंद्रीय बीज एजेंसियों या राज्यों में उपलब्ध यह उच्च उपज की किस्म वाले बीज, एक से अधिक फसल और एकल फसल के माध्यम से बुआई का रकबा बढ़ाने वाले क्षेत्र में नि:शुल्क वितरित किए जाएंगे।

किसानों को कितना बीज दिया जायेगा ?

सरकार आने वाले खरीफ सत्र 2021 के लिए 20,27,318 (वर्ष 2020–21 की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक मिनी बीज किट) वितरित करने का प्रस्ताव रखा है | सरकार के द्वारा दिया जा रहा बीज का मूल्य 82.01 करोड़ रूपये है | अरहर, मूंग और उड़द के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इन मिनी किट्स की कुल लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी |

पिछले 15 वर्षों में सरकार द्वारा दालों के मिनी किट्स

अरहर :- अरहर के एचवाईवीएस बीज की 13,51,710 मिनी किट्स पिछले दस वर्षों के दौरान वितरित की गई, जिनकी एक से अधिक के लिए उत्पादकता 15 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से कम नहीं है |

मूंग :- मूंग की 4,73,295 मिनी किट्स, पिछले दस वर्षों के दौरान मूंग के एचवाईवीएस प्रमाणित बीजों की मात्रा जारी की गई है, लेकिन एक से अधिक फसल के लिए उनकी उत्पादकता 10 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से कम नहीं है |

उड़द :- उड़द के प्रमाणित बीजों वाले उड़द के 1,08,508 मिनी किट्स पिछले 15 वर्षों के दौरान जारी की गई है और केवल एक फसल के लिए उनकी उत्पादकता 10 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से कम नहीं है |

किस राज्य में कौन सी फसल को बोया जाएगा ?

  • खरीफ सत्र 2021 में केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित एक से अधिक फसल के लिए और उड़द की एक मात्र फसल के लिए उपयोग की जाने वाली उपरोक्त मिनी किट्स 4.05 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगी | इसके अतिरिक्त, राज्यों द्वारा एक से अधिक फसल और बुआई का रकबा बढ़ाने का सामान्य कार्यक्रम केंद्र और राज्य के बीच साझेदारी के आधार पर जारी रहेगा |
  • अरहर को एक से अधिक फसल के लिए 11 राज्यों और 187 जिलों में कवर किया जाएगा | ये राज्य हैं, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश |
  • मूंग इंटरक्रापिंग को 9 राज्यों और 85 जिलों में शामिल किया जाएगा | ये राज्य हैं, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडू और उत्तर प्रदेश हैं |
  • 6 राज्यों और 60 जिलों में उड़द इंटरक्रापिंग को कवर किया जाएगा | ये राज्य हैं, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडू और उत्तर प्रदेश हैं | उड़द को एकमात्र फसल के रूप में 6 राज्यों में शामिल किया जाएगा |

बीज के किट्स कब से मिलेगी ?

इस योजना के अंतर्गत, केन्द्रीय एजेंसियां / राज्य एजेंसियां द्वारा आपूर्ति की गई मिनी किट 15 जून 2021 तक जिला स्तर पर अनुमोदित केंद्र तक पहुंचाई जाएंगी, जिसकी कुल लागत 82.01 करोड़ रूपये केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी, जिससे किसानों को यह किट्स निःशुल्क मिल सके | देश में दालों की मांग को पूरा करने के लिए भारत अब भी 4 लाख टन अरहर, 0.6 लाख टन मूंग और लगभग 3 लाख टन उड़द का आयात कर रहा है | विशेष कार्यक्रम तीन दालों, अरहर, मूंग और उड़द का उत्पादन और उत्पादकता को काफी हद तक बढ़ा देगा और आयात के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत को दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा |

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