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ऑयल पॉम की खेती के लिए किसानों को बोरिंग, फेंसिंग, ड्रिप सहित अन्य फसलों के लिए भी मिलेगा अनुदान

तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल-ऑयल पॉम योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत किसानों को ऑयल पॉम की खेती के अतिरिक्त अंतरवर्ती फसलों की खेती, बेरेवेल, ड्रिप सिंचाई एवं चेनलिंक फेंसिंग हेतु अनुदान दिया जा रहा है।

देश को खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा तिलहन फसलों के उत्पादन के साथ ही ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल- ऑयल पॉम योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी योजना के तहत किसानों को अतिरिक्त अनुदान देने का निर्णय लिया है। इस योजना का लाभ लेकर किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं।

योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा किसानों को ना केवल ऑयल पाम की खेती के लिए अनुदान दिया जा रहा है बल्कि खेती के लिए आवश्यक अन्य अवयवों जैसे ड्रिप सिंचाई, बोरवेल, चैनलिंक फेंसिंग, अंतर्वर्ती फ़सलों की खेती आदि के लिए भी अनुदान दिया जा रहा है।

ऑयल पॉम की खेती के लिए कितना अनुदान मिलेगा?

किसानों को ऑयल पॉम की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 143 पौधे लगाने के लिए 29,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा पहले साल से चौथे साल तक पौधों के रखरखाव थाला बनाने उर्वरक एवं खाद इत्यादि हेतु अधिकतम 5,250 रुपए प्रति हेक्टेयर के अतिरिक्त अधिकतम राशि 2625 रुपए प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि टॉप-अप के रूप में राज्य द्वारा अनुदान दिया जाएगा।

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इसके अलावा सरकार ऑयल पॉम लगाने वाले किसानों को पहले साल से लेकर चौथे साल तक अंतरवर्ती फसल लेने हेतु प्रति हेक्टेयर अधिकतम 22,375 रुपए का अनुदान, न्यूनतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र में ऑयल पॉम फसल की खेती करने वाले किसानों को सिंचाई साधन के 1 बोरवेल हेतु 50,000 रुपए, अतिरिक्त प्रति हेक्टेयर अधिकतम 25,000 रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान प्रदान किया जाएगा।

पम्पसेट हेतु 2 हेक्टेयर क्षेत्र में 27,000 रुपए के अतिरिक्त प्रति हेक्टेयर 16,500 एवं फेसिंग हेतु सीमेंट पोल एवं चैनलिंक पर प्रति हेक्टेयर 1,08,970 रुपए तथा ड्रिप सिंचाई हेतु प्रति हेक्टेयर 14,130 के अतिरिक्त टाप अप के रूप में राशि 6,636 का अनुदान भी दिया जाएगा।

ऑयल पॉम खेती के फायदे

ऑयल पॉम की खेती से वार्षिक उत्पादन प्रति एकड़ 10 से 12 टन होता है एवं न्यूनतम मजदूर की आवश्यकता होती है। ऑयल पॉम पौधे में बीमारी होने की संभावना कम होती है अतः दवाई पर होने वाले खर्च कम है। दलालों से छुटकारा, अनुबंधित कंपनी द्वारा क्रय किया जायेगा। ऑयल पॉम की खेती किसी भी प्रकार की भूमि पर किया जा सकता है जो पूर्णतः सिंचित हो। ऑयल पॉम की खेती हेतु अनुमानित लागत प्रति हेक्टेयर पहले 4 वर्षों में 25,000 से 30,000 रुपए प्रति वर्ष के भूमि की तैयारी, पौधरोपण, सिंचाई खाद इत्यादि आता है।

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4 से 6 वर्ष में प्रति हेक्टेयर खरीदी मूल्य 18,351 रुपए प्रति टन के आधार पर राशि 70,000 से 2,70,000 तक अनुमानित आय प्राप्त होता है। इसका उपयोग खाद्य तेल के साथ-साथ कास्मेटिक्स एवं अन्य उत्पादों में किया जाता है। इसके अतिरिक्त फसल उत्पादन खरीदी हेतु संग्रहण केन्द्र की सुविधा भी शासन द्वारा दी जा रही है।

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