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मंगलवार, मार्च 19, 2024
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कुसुम (सैफ्लॉवर) के अधिक उत्पादन के लिए किसान भाई लगायें नई विकसित किस्म डीएसएच -185

कुसुम (सैफ्लॉवर) की संकर किस्म डीएसएच -185

सरकार खेती किसानी को आधुनिक बनाने एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है | इसके लिए सरकार द्वारा किसानों को अनुदान, आर्थिक सहायता के आलावा कृषि को आधुनिक बनाने एवं आय बढ़ाने के लिए कृषि अनुसन्धान केन्द्रों की स्थापना की गई है | यह अनुसन्धान केंद्र किसानों की आय एवं उत्पादकता कैसे बढाई जाए इस पर लगातार अनुसन्धान कर नई नई प्रोद्योगिकी का विकास कर रही है | उन अनुसंधानों का ही फल है की आज देश की विविध जलवायु के लिए बीजों की अलग अलग किस्में विकसित की गई है जिनकी रोग प्रतिरोधकता अधिक होने के साथ ही अधिक उत्पादन भी देती है |  इसी क्रम में कुसुम की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है | कुसुम की नई किस्म विकसित की गई है |

अभी हाल ही में आईसीएआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑयलसीड्स रिसर्च संसथान द्वारा कुसुम की नई किस्म विकसित की है | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑयलसीड्स रिसर्च में विकसित डीएसएच-185 सार्वजनिक क्षेत्र का पहला सीजीएमएस-आधारित कुसुम का संकर है। इसे संपूर्ण भारत में खेती के लिए जारी और अधिसूचित किया गया है। डीएसएच-185,  ए-133 (सीजीएमएस वंशक्रम) x 1705-पी 22 (एक रेस्‍टोरर वंशक्रम) के बीच का एक क्रॉस है। ए-133 में साइटोप्लाज्मिक वंशानुगत नर बंध्‍यता (जेनेटिक मेल स्टेरिलिटी) का स्रोत इसकी जंगली प्रजातियां, कार्थमस ऑक्सीएकंथा, है।

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संकर किस्म डीएसएच -185 की उत्पादकता अन्य किस्मों की अपेक्षा

बारानी दशाओं में डीएसएच-185 से औसतन 14.3 क्विंटल/हेक्टेयर, सिंचित दशाओं में 21 क्विंटल/हेक्टेयर तथा राष्ट्रीय स्तर पर 17.4 क्विंटल/हेक्टेयर की बीज उपज मिलती है।  इससे  वर्षाश्रित दशाओं में 4.12 क्विंटल/हे0, सिंचित दशाओं में 5.7 क्विंटल/हे0 और राष्ट्रीय स्तर पर 4.8 9 क्विंटल/हे0 की तेल उपज प्राप्‍त होती है।  औसतन, डीएसएच -185 ने  बीज उपज के मामले में सर्वश्रेष्ठ चेक किस्मों, ए1 और पीएनबीएस-12 पर 25-30% श्रेष्ठता प्रदर्शित की है तथा जीएमएस-आधारित राष्ट्रीय संकर चेक किस्‍म, एनएआरआई-एच -15 की अपेक्षा 15.2%  उत्‍कृष्‍टता प्रदर्शित की है।  इसमें 28-29% तेल अंश पाया गया है और परीक्षण स्थानों में इसमें ए1, पीएनबीएस-12 की अपेक्षा तेल उपज में 25-28% श्रेष्ठता दर्ज की गई है।

राज्यवार संकर किस्म डीएसएच -185 की उत्पादकता का प्रदर्शन ?

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्यों में शुष्क और सिंचित दशाओं के तहत किसानों के खेतों में डीएसएच-185 बनाम अन्‍य किस्‍मों की क्षमता का प्रदर्शन किया गया है। छत्तीसगढ़ में सूखे की दशाओं में डीएसएच-185 ने चेक किस्म ए1  से प्राप्‍त 5 क्विं/हे0 बीज उपज की तुलना में औसतन 17 क्विंटल/हे0 बीज उपज दर्ज की  है। महाराष्ट्र में, इस किस्‍म ने सिंचित दशाओं में ए1 से प्राप्‍त 16 क्विंटल/हे0 की तुलना में 21 क्विंटल/हे0 उपज दी जबकि तेलंगाना की शुष्‍क दशाओं में डीएसएच-185 ने राज्य की किस्म मंजीरा से प्राप्‍त 4-5  क्विंटल/हे0 की तुलना में 10-14  क्विंटल/हे0 की उपज दी।  यह किस्‍म फ्यूजेरियम के विरूद्ध प्रतिरोधी है जो कुसुम की प्रमुख बीमारी है।

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