खरीफ फसलों की बुआई का समय हो गया है, लेकिन अभी तक देश के कई राज्यों में मानसून नहीं पहुंचा है। ऐसे में किसान खरीफ फसलों की बुआई के लिए मानसून की अच्छी वर्षा होने की राह देख रहे हैं। इस बीच एमपी के कृषि विभाग, जबलपुर द्वारा किसानों को बुआई के लिए सलाह जारी की गई है। कृषि विभाग के अनुसार किसान मौसम में पर्याप्त नमी होने पर ही खरीफ फसलों की बोनी करें।
कृषि विभाग के मुताबिक जून माह के दूसरे सप्ताह से लेकर जुलाई माह के पहले सप्ताह तक का समय खरीफ फसल की बोनी के लिये उपयुक्त माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद किसानों को मानसून के आने के बाद कम से कम 4 से 5 इंच वर्षा होने पर ही खरीफ फसलों को बोनी करना चाहिये।
अभी बुआई करने पर खराब हो सकते हैं बीज
जबलपुर कृषि विभाग के उपसंचालक रवि आम्रवंशी ने बताया कि वर्तमान समय में मौसम सूखा होने के कारण जमीन का तापमान अत्यंत गरम है। यदि ऐसे मौसम में बोनी की जाती है तो बीज खराब होने की संभावना अधिक हो जायेगी और बीज का अंकुरण भी कम होगा। उन्होंने बताया कि किसानों को भूमि के अनुसार फसल का चयन कर 6 इंच तक नमी होने पर ही फसल की बोनी करना चाहिये। साथ ही बोनी करने से पहले फफूंदनाशक एवं कीटनाशक दवाओं एवं नैनो डीएपी से बीजों का उपचार भी करना चाहिये।
किसान बुआई के समय इन बातों का रखें ध्यान
उपसंचालक कृषि ने किसानों को अपने जलवायु क्षेत्र के लिए अनुकूल विभिन्न समयावधि में पकने वाली कम से कम 2 से 3 अधिसूचित किस्म के बीजों का चयन करने का सुझाव दिया है। उन्होंने बताया कि धान एवं मक्का के बाद हरे मटर की बोनी करने वाले किसानों को धान और मक्का की शीघ्र पकने वाली किस्म का चयन करना चाहिये। इसी प्रकार वर्ष में केवल दो फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को मध्यम अधिक परिपक्व अवधि वाली किस्म का चयन करना चाहिये।
उन्होंने किसानों को बीज की खरीदी शासकीय संस्थाओं अथवा पंजीकृत कृषि आदान विक्रेता से करने की सलाह भी दी है। उन्होंने कहा कि किसानों को बीज खरीदी का पक्का बिल भी अवश्य रूप से लेना चाहिये। कृषि विभाग की समस्त योजनाओं की एमपी किसान पोर्टल एवं एमपी किसान ऐप के माध्यम से प्राप्त करने के लिए अपना पंजीयन कराने की अपील भी उपसंचालक कृषि ने किसानों से की है।