back to top
28.6 C
Bhopal
रविवार, जनवरी 26, 2025
होमविशेषज्ञ सलाहइंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई फसलों की पांच...

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई फसलों की पांच नई किस्में

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई फसलों की पांच नई किस्में

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा विकसित विभिन्न फसलों की पांच नई किस्में छत्तीसगढ़ के लिए जारी कर दी गई हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त श्री सुनील कुजूर की अध्यक्षता में गठित राज्य बीज उप समिति ने इन किस्मों की छत्तीसगढ़ में उपयुक्तता तथा इनके विशेष गुणों को देखते हुए इन्हें छत्तीसगढ़ राज्य के लिए जारी करने की अनुशंसा की है। राज्य बीज उप समिति द्वारा अनुशंसित किस्मों में धान की नई किस्में ट्राम्बे छत्तीसगढ़ दुबराज म्युटेन्ट-1, छत्तीसगढ़ जिंक राइस – 2  और छत्तीसगढ़ धान बरहासाल सेलेक्शन -1, गेहूं की किस्म छत्तीसगढ़ अम्बर गेहूं तथा तिखुर की छत्तीसगढ़ तिखुर-1 शामिल हैं।

   धान

ट्राम्बे छत्तीसगढ़ दुबराज म्यूटेन्ट-1:

यह किस्म छत्तीसगढ़ में प्रथम किस्म है जो गामा विकिरण जनित म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) विधि द्वारा भाभा एटामिक रिसर्च सेन्टर, मुम्बई के सहयोग से तैयार की गयी है। यह सुगन्धित मध्यम बौनी प्रजाति है जिसकी गुणवत्ता स्थानीय दुबराज के समान ही है। दुबराज किस्म की लोकप्रियता को देखते हुए इस किस्म को विकसित किया गया है। इस किस्म की ऊँचाई 90 से 95 से.मी. है। यह किस्म स्थानीय दुबराज प्रजाति से विकसित की गयी है जिसकी ऊंचाई 140 से 150 से.मी. थी, जिससे लाजिंग होकर उत्पादकता एवं गुणवत्ता प्रभावित होती थी। इसकी उर्वरक उपयोग क्षमता भी अच्छी है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रजाति की उपज क्षमता 47 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पायी गयी है। इसमें कम उर्वरक देने पर भी अच्छी उपज प्राप्त होती है। इस किस्म को सिंचित अवस्था के लिए अनुशंसित किया गया है।

यह भी पढ़ें:  गेहूं को कीटों से बचाने के लिए इस तरह करें उसका भंडारण
छत्तीसगढ़ जिंक राइस – 2:

यह सामान्य से अधिक जिंक की मात्रा (22-24 पी.पी.एम.) वाली प्रीमियम गुणवत्ता वाली प्रजाति है। यह छोटे दाने वाली किस्म है जो खाने में बहुत अधिक स्वादिष्ट है। राष्ट्रीय स्तर पर यह किस्म अन्य न्यूट्री रिच किस्मों की अपेक्षा अधिक उपज 42 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देने वाली पायी गयी है। इस किस्म में राइस ब्रान आयल की मात्रा सामान्य किस्मों से अधिक पायी गयी है। जिंक की अधिक मात्रा होने के कारण यह किस्म अधिक पौष्टिक है और छोटे बच्चों में जिंक की कमी से होने वाले डायरिया की रोक-थाम में मद्दगार है। यह किस्म आईआर-68144-बी-18-2-1-1 एवं पीकेव्ही एचएमटी के संकरण के पश्चात वंशावली विधि अपनाकर विकसित की गई है।

छत्तीसगढ़ धान बरहासाल सेलेक्शन -1:

यह किस्म सुगन्धित एवं स्वादिष्ट पोहे के लिए उपयुक्त किस्म है। इस किस्म से बना पोहा आयरन एवं जिंक युक्त होता है। इस किस्म से बना पोहा अधिक समय तक मुलायम बना रहता है। इसके जनन द्रव्य संग्रह में देशी किस्म का शुद्ध वंशक्रम अपनाकर चयन किया गया है। यह देर से (150 दिनों में) पकने वाली, लंबी (155 से.मी.) एवं हल्के लाल रंग की मोटे दानों वाली किस्म है। यह किस्म जीवाणु जनित झुलसा रोग एवं गंगई बॉयोटाईप 4 (गंगई) के प्रति सहनशील पाई गई है।

    गेहूँ

छत्तीसगढ़ अम्बर गेहूँ:

यह किस्म अर्द्धसिंचित अवस्था के लिए अनुशंसित किस्म है। इस अवस्था के लिए अनुशंसित किस्में जैसे – सुजाता एवं एच. आई. 1531 से इसकी उत्पादकता 10 प्रतिशत ज्यादा है। इसका दाना बड़ा चमकदार एवं अच्छा होता है जिससे रोटियां अच्छी बनती हैं। यह किस्म पीले एवं भूरे रस्ट के प्रति प्रतिरोधी है। यह किस्म एच.डब्ल्यू 2004 एवं पीबीएन 1666-1 के संकरण पश्चात् वंशावली विधि अपनाकर तैयार की गई है। इसके बीज अम्बर रंग के होते हैं तथा इसमें प्रोटीन की मात्रा 12ण्3ः एवं सेडिमेन्टेशन वैल्यू 44 पायी गई है।

यह भी पढ़ें:  किसान मक्के की मेड़ विधि से करें खेती, कम लागत में मिलेगी अच्छी उपज

   कन्द वर्गीय

छत्तीसगढ़ तिखुर-1:

यह भारत में विकसित की गई तिखुर की प्रथम प्रजाति है। इसकी उपज क्षमता 33.43 टन प्रति हेक्टेयर है। इसकी औसत स्टार्च प्राप्ति 14.46 प्रतिशत है। यह शीघ्र अवधि (150 से 160 दिन) वाली किस्म है। यह किस्म रोगों एवं कीटों के प्रति सहनशील है। इस किस्म का स्टार्च पकाने एवं कलिनरी गुण बहुत ही अच्छा है। एयर टाईट परिस्थितियों में इस किस्म की संग्रहण क्षमता 18 माह तक पायी गयी है। इस किस्म को बलरामपुर जिले के कामरी गांव से संग्रहित तिखुर के लोकल जिनोटाइप से क्लोनल सलेक्शन विधि द्वारा विकसित किया गया है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने आशा व्यक्त की है कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नई फसल किस्में छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा उत्पादन देगीं और किसानों के लिए आर्थिक रूप से अधिक फायदेमंद साबित होगीं।

download app button
whatsapp channel follow

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News