किसान संगठनों एवं सरकार के बीच पांचवे दौर की वार्ता आज
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आन्दोलन के 9 दिन बीत चुके हैं | 3 दिसम्बर को सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच चौथे दौर की बातचीत भी बेनतीजा निकली | 3 दिसम्बर को हुई सरकार और किसान संगठनों के बीच बैठक में सरकार नए कृषि कानूनों में कुछ संशोधनों की बात मानने को तैयार होते हुए दिखी परन्तु किसान संगठनों के द्वारा 4 दिसम्बर को आपसी बातचीत के बाद यह बात साफ़ कर दी गई कि उनकी मांग कृषि कानूनों में संशोधन नहीं बल्कि उन्हें रद्द करवाना हैं |
3 दिसम्बर को हुई बैठक के बाद कृषि मंत्री ने क्या कहा
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चौथे दौर की बातचीत भी सकारात्मक रही, जिसमें अनेक बिंदुओं पर चर्चा सार्थक रही। नए कानूनों में किसानों को पूर्णतः सुरक्षा प्रदान की गई है, किसान की जमीन की लिखा-पढ़ी करार में किसी भी सूरत में नहीं की जा सकती है, फिर भी यदि कोई शंका है तो उसका निवारण करने के लिए सरकार तैयार है। भारत सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आगे भी रहेगी।
बैठक के बाद कृषि मंत्री ने कहा कि किसान यूनियन और किसानों की चिंता है कि नए एक्ट से APMC ख़त्म हो जाएगी। भारत सरकार इस बात पर विचार करेगी कि APMC सशक्त हो और APMC का उपयोग और बढ़े | किसान यूनियन की पराली के विषय में एक अध्यादेश पर शंका है, विद्युत एक्ट पर भी उनकी शंका है। इसपर भी सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है |
आज किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चौथे दौर की बातचीत भी सकारात्मक रही, जिसमें अनेक बिंदुओं पर चर्चा सार्थक रही।
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) December 3, 2020
5 दिसंबर को दोपहर 2 बजे पुनः विज्ञान भवन में बैठक होगी।
भारत सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आगे भी रहेगी।#FarmBills pic.twitter.com/0JS0Y1SRb3
वार्ता के बाद किसान पक्षों ने क्या कहा
3 दिसम्बर को हुई सरकार के साथ हुई बातचीत के बाद किसान संगठनों ने 4 दिसम्बर को बैठक के बाद कहा कि आज किसान सगठनों की बैठक में तीन निर्णय हुए हैं, पहला ये कि कल जब सरकार से बात होगी तो साफ कर दिया जाएगा कि तीनों कानूनों को वापस लिए जाने के अलावा कोई बातचीत नहीं होगी | दूसरा ये कि शनिवार 5 दिसम्बर को देशभर में किसान संगठन पीएम मोदी और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले फूकेंगे, 7 तारीख को सभी वीर अपने मेडलों को वापिस करेंगे और तीसरा ये कि 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा |
8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान
इसके अलावा आज किसान नेताओं ने कहा कि हम 8 दिसंबर को पूरे देश के टोल प्लाजा फ्री करेंगे और जो दिल्ली के बचे कुचे रास्ते हैं उन्हें भी बंद करेंगे | किसानों कहा है कि वो 5 दिसंबर को पीएम मोदी और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले जलाएंगे |
5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के पुतले पूरे देश में फूंके जाएंगे। 7 तारीख को सभी वीर अपने मेडलों को वापिस करेंगे। 8 तारीख को हमने भारत बंद का आह्वान किया है व एक दिन के लिए सभी टोल प्लाज़ा फ्री कर दिए जाएंगे: सिंघु बॉर्डर से भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी pic.twitter.com/DBhcufDMz5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2020
5 दिसंबर को होगी पांचवे दौर की वार्ता
3 दिसम्बर को हुई सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता को 5 दिसम्बर को आगे बढाया जायेगा | इसको लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि 5 दिसंबर को दोपहर में 2 बजे यूनियन के साथ सरकार की मुलाकात फिर होगी और हम किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे | वहीँ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने साफ़ कर दिया कि सरकार से बात होगी तो साफ कर दिया जाएगा कि तीनों कानूनों को वापस लिए जाने के अलावा कोई बातचीत नहीं होगी |