अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने देश के किसानों को विभिन्न फसलों की 109 किस्में जारी की है। इसमें जौ की DWRB-219 किस्म भी शामिल है। जौ की उन्नत किस्म के बीज जलवायु के अनुकूल हैं और प्रतिकूल मौसम में भी अच्छी फसल देने के साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर हैं। इसके अलावा यह किस्म विभिन्न रोगों के प्रतिरोधी है। DWRB-219 एक ओपन पॉलीनेटेड वैरिएटी है।
जौ की DWRB-219 द्वारा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजन को छोड़कर) पश्चिम उत्तर प्रदेश (झाँसी डिवीजन को छोड़कर), जम्मू और कश्मीर के जम्मू और कठुआ जिले, हिमाचल प्रदेश के पांवटा घाटी और ऊना जिले और उत्तराखंड के तराई क्षेत्र के लिए उपयुक्त है। जौ की इस किस्म का विकास ICAR– IIWBR (भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान) करनाल-हरियाणा द्वारा किया गया है।
जौ किस्म DWRB-219 की विशेषताएँ
- जौ की उन्नत किस्म एनडव्ल्यूपीजेड की सिंचित/सीमित सिंचाई की स्थिति के लिए उपयुक्त है।
- DWRB-219 की औसत उपज क्षमता 54.49 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
- जौ की यह किस्म लगभग 132 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
- यह क़िस्म पीला रतुआ के लिये प्रतिरोधी और जौ के पत्ती रतुआ रोग के लिये मध्यम प्रतिरोधी है।
- इस क़िस्म में प्रोटीन 11.4 प्रतिशत होता है।