प्राकृतिक आपदाओं जैसे, बाढ़, सूखा बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से हुए फसलों को नुकसान की भरपाई किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत की जाती है। लेकिन कई बार आवेदन में गलती होने या फसल कटाई में किए गए प्रयोगों में गलती आदि कारणों से कई किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाता है। ऐसे में किसानों और बीमा कंपनियों की आपत्तियों को खत्म करने के लिए राजस्थान में राज्य स्तरीय शिकायत निराकरण समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल कटाई प्रयोगों पर एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी द्वारा लगाये गये आपत्तियों के निस्तारण हेतु बीमा कम्पनी के प्रतिनिधियों एवं राज्य स्तरीय शिकायत निराकरण समिति के सदस्यों के साथ मंगलवार को राजस्थान के पंत कृषि भवन के सभा कक्ष में शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय शिकायत निराकरण समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
शासन सचिव ने कार्यवाही के दिए निर्देश
बैठक में शासन सचिव ने नागौर और डीडवाना-कुचामन जिलों के खरीफ 2023 की फसल कटाई प्रयोगों की आपत्तियों के निस्तारण हेतु इन जिलों के अधिकारियों एवं बीमा कम्पनी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर योजना प्रावधान के अनुरूप कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये। शासन सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे फसल कटाई प्रयोगों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की गाइडलाइन के अनुसार पूर्ण ईमानदारी से समय पर संपादित करें।
उल्लेखनीय है कि खरीफ 2023 का 1 हजार 603 करोड़ रुपये एवं रबी 2023-24 के 1 हजार 52 करोड़ रुपए के क्लेम पात्र फसल बीमा पॉलिसी धारक कृषकों को वितरित किये जा चुके हैं। शेष फसल बीमा क्लेम की राशि अतिशीघ्र किसानों को वितरित कर दी जायेगी। वर्तमान सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कृषकों को अब तक लगभग 3 हजार 349 करोड़ रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है।