Home विशेषज्ञ सलाह मौसम आधारित खेती-बाड़ी एवं पशुपालन हेतु सलाह

मौसम आधारित खेती-बाड़ी एवं पशुपालन हेतु सलाह

मौसम आधारित खेती- बाड़ी एवं पशुपालन हेतु सलाह

सामान्य खरीफ फसलें

  1. जीवाणु जनित झुलसा रोग दिखने पर यदि संभव हो तो खेत का पानी निकालकर 10 किलो पोटाश का भुरकाव करें तथा खेत तीन दिनों तक सुखा रखें तथा फिर पानी भर दें |
  2. वर्षाकालीन मूंगफली की फसल की खुदाई करें |
  3. चने की समय पर बुवाई करके विल्ट बीमारी से बचाव करें |
  4. तिवडा की उन्नत प्रजातियों जैसे – प्रतीक, रतन, महातिवडा का उपयोग बुवाई हेतु करें |
  5. वर्षाकालीन मुंग एवं उड़द की फसल जो पक्क कर तैयार हैं उसकी तुडाई प्राथमिकता के आधार पर करें |
  6. धान फसल में माहू कीट की संख्या 10 – 15 प्रति पौधा हो जाने पर शुरुवात में ब्युपरोफेजिन 800 मि.ली. प्रति हेक्टयर की दर से छिड़काव करें | 15 दिन बाद अगर कीट का प्रकोप बढ़ता दिखाई दे तो डाइनेतोफ्युरान 200 ग्राम प्रति हेक्टयर की दर से 500 लीटर पानी में घोल बनाकर दोपहर काल में फसल के आधोरीय भागों पर छिड़काव करें |
  7. वर्तमान समय उतेरा फसल लेने हेतु उपयुक्त हैं, जो किसान भाई उतेरा फसल लेना चाहते हैं वे तिवरा या अलसी का उतेरा करें |
  8. रबी फसलों के लिए खेत की तैयारी करें | इस हेतु ट्रैक्टर चालित रोटावेटर अथवा क्लटीवेटर का प्रयोग कर खाली खेतों में उथली जुताई करें | किसान भाई अपने खेतों में मटर , कुल्थी , चना , तोड़िया, सूरजमुखी एवं चारे वाली फसलों की बुवाई करें |

सब्जी एवं फल

  1. शीतकालीन गोभिवर्गीय सब्जियों जैसे फूलगोभी, पत्तागोभी व गाठ्गोभी की अगेती किस्मों का चयन कर नर्सरी डालें | टमाटर, बेंगन , मिर्च एवं शिमला मिर्च लगाने की तैयारी करें व थायरम 2 ग्राम प्रति किलों बीज की दर से उपचारित करें |
  2. किसान भाई 20 फिरोमेन ट्रेप प्रति हेक्टयर प्रयोग कर बेंगन, टमाटर एवं भिंडी फसल में भेदक कीट का नियंत्रण करे |
  3. रबी प्याज के पौधरोपण का कार्य प्रारंम्भ करे |
  4. जिन कृषकों के पास केला एवं पपीता का पौधा तैयार हैं, उसे मुख्य खेत में लगायें |

पशुपाल

  1. ठंड बढ़ने लगी हैं अत: पशुपालन अपने मवेशियों एवं मुर्गियों को ठंड से बचाने की व्यवस्था शुरू करे दें |
  2. गाजर घास पशुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है | पशुओं को इसे खाने से बचाएं |
  3. मुर्गी घर की फर्श पर चूल्हे की राख का छिड़काव करें |
  4. मुर्गियों के बच्चों को 6 – 7 सप्ताह तक की उम्र में रानीखेत एवं चेचक बीमारी से बचाव के लिए टीका अवश्य लगवायें |
Notice: JavaScript is required for this content.

2 COMMENTS

    • सर बीज आप बीज निगम सहकारी सोसाईटी, या अपने तहसील या ज़िले के कृषि विभाग से सम्पर्क करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Exit mobile version