कृषि यंत्र पर सब्सिडी कैसे मिलेगी
सरकार किसानों को अलग-अलग योजनाओं के तहत विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान उपलब्ध कराती है। इसके लिए समय-समय पर अलग-अलग राज्य सरकारों के द्वारा किसानों से आवेदन माँगे जाते हैं, जिसके बाद पात्र किसानों का चयन कर उन्हें कृषि यंत्रों की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है। अभी तक किसानों को दी जाने वाली इस सब्सिडी की राशि सीधे बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से दी जाती है परंतु हरियाणा सरकार ने अब इसमें परिवर्तन कर दिया है।
हरियाणा सरकार अब राज्य के किसानों को कृषि यंत्रों में मिलने वाली अनुदान राशि को बैंक खातों में नहीं देगी बल्कि हरियाणा कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा कृषि उपकरणों पर सब्सिडी का वितरण के लिए एक नई और अनूठी पहल की शुरूआत की है। जिसके अनुसार पहली बार ‘‘ई-रूपी वाउचर’’ के माध्यम कृषि उपकरणों पर सब्सिडी का वितरण किया जायेगा।
ई-बाउचर से किसानों को अनुदान Subsidy देने से क्या लाभ होगा ?
किसानों को ई-रूपी वाउचर से अनुदान की राशि देने से किसानों को काफी राहत मिलेगी। अब किसानों को अपनी जेब से पूरी राशि का भुगतान नहीं करना होगा क्योंकि ई-रूपी पहल के बाद किसानों को लागत का केवल अपना हिस्सा ही देना होगा। इस प्रकार किसानों को जो पहले कुल लागत की व्यवस्था के लिए ब्याज का वहन करना पड़ता था, उस अतिरिक्त बोझ से राहत मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ इस डिजिटल मोड के माध्यम से योजना के कार्यान्वयन में और अधिक पारदर्शिता आएगी।
ई–रूपी–बाउचर क्या है ?
ई-रूपी-बाउचर एक डिजिटल पैसा ट्रांसफर का एक सिस्टम है। इसके अंतर्गत किसी कार्ड, डिजिटल पेमेंट एप या इंटरनेट बैंकिंग की जरूरत नहीं पड़ती है। यह प्रीपेड बाउचर की तरह काम करता है, जिसका इस्तेमाल ऐसे मर्चेंट प्वाइंट या सेंटर पर इस्तेमाल किया जा सकता है जो इसे एक्सेप्ट करते हैं। ई-रुपी मूल रूप से एक डिजिटल वाउचर है जो एक लाभार्थी को उसके फोन पर एसएमएस या क्यूआर कोड के रूप में मिलता है। किसान इस क्यूआर कोड के माध्यम से उस कृषि यंत्र पर मिलने वाले अनुदान का भुगतान कर सकते हैं।