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किसान अब खुद ऑनलाइन दे सकेंगे फसल नुकसान की जानकारी, पांच स्लैब में दिया जाएगा मुआवजा

फसल नुकसान मुआवजा हेतु ऑनलाइन पोर्टल

प्रत्येक वर्ष किसानों की फसलों प्राकृतिक आपदाओं के चलते नुकसान होता है, जिससे किसानों को काफी आर्थिक हानि होती है। किसानों को हुए इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा किसानों को मुआवजा दिया जाता है। परंतु कई बार सर्वे में हुई ग़लतियों के चलते किसानों को फसल नुकसान के अनुसार मुआवजा नहीं मिल पता, जिससे फसल क्षति की भरपाई नहीं हो पाती है। फसल क्षति का मुआवजा सभी किसानों को पारदर्शिता के साथ मिल सके इसके लिए हरियाणा सरकार ने एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है। 

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ‘ई-फसल क्षतिपूर्ति नामक पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल के लॉन्च होने से अब किसान स्वयं अपनी फसल नुकसान का ब्योरा भर सकेंगे। इस पोर्टल के शुभारंभ के साथ ही यह फसल नुकसान की स्थिति में आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी। इससे पहले किसानों को फसल खराबे का मुआवजा मेनुअल दिया जाता रहा है और सालों से चली आ रही मैनुअल मुआवजा प्रणाली को बदलते हुए अब इस पोर्टल के माध्यम से यह मुआवजा भी ऑनलाइन कर दिया है।

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क्या है ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल

ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से मुआवजा राशि “मेरी फसल-मेरा ब्यौरा” पर उपलब्ध करवाए गए किसानों के सत्यापित खाते में सीधे जमा करवाई जाएगी। इसके लिए किसानों को ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा” पोर्टल के अलावा और कहीं भी पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। सम्बन्धित खसरा नम्बर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत नहीं होना चाहिए। इस पोर्टल पर किसान समय-समय पर अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं। पंजीकरण हेतु मोबाइल नंबर, परिवार पहचान पत्र या “मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पंजीकरण नम्बर में से कोई एक अनिवार्य होगा।

इन प्राकृतिक कारणों से फसल नुकसान पर दिया जाएगा मुआवजा

पोर्टल के शुरू होने के बाद राज्य के ऐसे सभी किसान जो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत नहीं हैं उन्हें प्राकृतिक कारणों से होने वाली फसल क्षति पर मुआवजा दिया जाएगा। जिसमें आग, बाढ़, ओलावृष्टि, सूखा, शीत लहर, भूकम्प, भूस्खलन, बादल फटना, जलभराव, भारी बारिश, कीट का हमला और धूलभरी आंधी के कारण फसल नुकसान आदि शामिल हैं। 

5 स्लैब में दिया जायेगा फसल नुकसान का मुआवजा

मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल नुकसान का मुआवजा 5 स्लैब 0 से 24 प्रतिशत, 25 से 32 प्रतिशत, 33 से 49 प्रतिशत, 50 से 74 प्रतिशत और 75 से 100 प्रतिशत में दिया जाएगा। पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर से लॉगिन फॉर्म से अपना-अपना लॉगिन करेंगे। वे फसल नुकसान के लिए किसान द्वारा प्रस्तुत आवेदन को देख सकेंगे। 

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4 प्रतिशत क्षेत्र का किया जाएगा सत्यापन

फसल हानि का प्रतिशत तथा खसरा नम्बर की फोटो भरेंगे और अपनी प्रतिक्रिया देंगे। एस.डी.एम. अपने लॉगिन फॉर्म से लॉगिन करेंगे और पटवारी, कानूनगो व तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत किए गए बेमेल डेटा को देख सकेंगे। किसान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत का पुनः सत्यापन भी एस.डी.एम. द्वारा किया जाएगा।

फसल मुआवजे के लिए पंजीकृत क्षेत्र के 4 प्रतिशत हिस्से का उपायुक्त से सत्यापन कराना आवश्यक है। उपायुक्त राशि को आयुक्त के अनुमोदनार्थ भेजेंगे। आयुक्त राशि को नोडल अधिकारी के अनुमोदन के लिए भेजेंगे। नोडल अधिकारी संबंधित जिलों द्वारा भेजी गई राशि के लिए सरकार की स्वीकृति लेंगे और स्वीकृति के बाद राशि सीधे किसान के सत्यापित खाते में डाल दी जाएगी।

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