देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा नई-नई योजनाएं भी शुरू की जा रही है। इस कड़ी में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि प्रदेश में फ़सल विविधिकरण की तरफ़ कदम बढ़ाते हुए मधुमक्खी पालन व्यवसाय पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए मधुमक्खी पालन नीति भी बनाई गई है, ऐसी नीति बनाने वाला हरियाणा पहला राज्य है। राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक प्रदेश में 15,500 मीट्रिक टन शहद के उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में मधुमक्खी पालन की गतिविधियों, जैसे-शहद उत्पादन, पोलन निष्कर्षन, गुणवत्ता मूल्यांकन को बढ़ावा देने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत मधुमक्खी पालकों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं।
मधुमक्खी पालन के लिए मिलेगा अनुदान
हरियाणा में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए कुरुक्षेत्र जिले में “एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, रामनगर” स्थापित किया गया है। इस केंद्र में मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। इस केंद्र से सामान खरीदने पर मधुमक्खी पालकों को विशेष रियायतें दी जा रही हैं। प्रदेश सरकार द्वारा मधुमक्खी पालकों को सुविधा दी गई है कि यहां से मधुमक्खी पालन के लिए बक्से खरीदने पर 85 प्रतिशत तथा उपकरण खरीदने पर 75 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2019-20 से वर्ष 2023-24 तक मधुमक्खी पालकों को 56,610 बक्से उपलब्ध करवाए गए हैं।
शहद उत्पादन को बढ़ाया जाएगा
कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि मधुमक्खी पालन नीति-2021 तैयार करने वाला हरियाणा पहला राज्य है। इस नीति के अन्तर्गत विभिन्न गुणवत्ता हस्तक्षेपों के माध्यम से गुणवत्तापरक शहद उत्पादन पर ध्यान केन्द्रित करने के उद्देश्य से 10 वर्षीय कार्य योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत शहद का उत्पादन वर्तमान 4500 मीट्रिक टन से बढ़ा कर वर्ष 2030 के अंत तक 15,500 मीट्रिक टन करने का लक्ष्य है।