देश में किसानों को उन्नत किस्मों के बीज के साथ ही पौध रोपण के लिए उन्नत किस्मों के पौधे उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को पौधे उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है। इस कड़ी में यूपी के मिर्जापुर में एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत उद्यान विभाग की तरफ से बिसुंदपुर स्थित राजकीय पौधशाला में मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण कराया गया है।
हाईटेक पौधशाला से टमाटर और मिर्च और अन्य सब्जियों के पौधे मात्र दो रुपये में किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। किसान अपना बीज देकर भी केंद्र पर पौध लगवा सकते हैं। ऐसे किसानों को प्रति पौधा मात्र 1 रुपये ही देना होगा।
इस तकनीक से तैयार किए जाएँगे पौधे
हाईटेक पौधशाला में सीड ग्रोइंग चैंबर का निर्माण किया गया है। सीडिंग की सहायता से सीड की बुआई ट्रे में की जाएगी। इसमें नियंत्रित वातावरण में स्वस्थ व रोगमुक्त पौधे तैयार किए जा रहे हैं। पौधशाला का हार्डनिंग चैम्बर का निर्माण हुआ है। 20 दिन बाद सीड ग्रोइंग चैम्बर से तैयार पौधों को हार्डनिंग चैम्बर में रखा जाता है, ताकि ये खेतों में लगाने के लिए तैयार हो जाएं। इसके बाद हार्डनिंग चैम्बर में तैयार पौधों को किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को शाकभाजी, फल, मसाला, पुष्प के पौधे उपलब्ध कराए जाएँगे, हाईटेक पौधशाला का उद्देश्य बीजों के जमाव प्रतिशत को बढ़ाना, सूक्ष्म एवं मृदु बीजों से पौधों का सुविधापूर्वक उत्पादन, गुणवत्तायुक्त पौध तैयार करना है।
एक साल में तैयार किए जाएँगे 12 लाख पौधे
हाईटेक पौधशाला में सिंचाई बूमर तकनीक से की जाती है। इससे पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है। बूमर तकनीक से पानी एवं पोषण देने से पौधों को समान पोषण मिलता है। हाईटेक पौधशाला में एक वर्ष में लगभग 12 लाख पौधों का उत्पादन किया जाएगा।
हाईटेक पौधशाला में बाहरी वातावरण जैसे सर्दी, गर्मी, वर्षा एवं अन्य प्राकृतिक कारकों को नियंत्रित कर सब्जियों की पौध का उत्पादन किया जाता है। प्राकृतिक प्रतिकूल कारकों को नियंत्रण में रखने के साथ हाईटेक पौधशाला में कार्बन डाई-ऑक्साइड की मात्रा 2 से 3 गुना बढ़ जाती है। हाईटेक पौधशाला में बाहर एवं अंदर के तापक्रम में 10-15 डिग्री सेल्सियस का अंतर रहता है इससे पौधों को अनुकूल वातावरण मिलता है।