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किसानों को भूमि सुधार और फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए जिप्सम पर मिलेगा अनुदान, ऐसे करें आवेदन

फसलों की अधिक पैदावार के लिए मिट्टी का स्वस्थ्य होना ज़रूरी है, इसके लिए मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा संतुलित होना चाहिए। जिसको देखते हुए सरकार द्वारा किसानों को मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए विभिन्न खाद एवं उर्वरक पर अनुदान दिया जाता है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार राज्य में किसानों को जिप्सम पर अनुदान उपलब्ध करा रही है। किसान अनुदान पर जिप्सम लेकर अपने खेतों में छिड़काव कर मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

जिप्सम से न केवल क्षारीय मिट्टी को उपजाऊ बनाया जा सकता है बल्कि इसके उपयोग से किसान फसलों के उत्पादन बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता भी बढ़ा सकते हैं। जिसको देखते हुए राजस्थान सरकार किसानों को जिप्सम पर अनुदान उपलब्ध करा रही है। वर्ष 2024-25 में राज्य के 20 हजार किसानों को क्षारीय भूमि सुधार एवं पोषक तत्त्व के रूप में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन एवं गेहूं के अंर्तगत दलहनी व गेहूं की फसलों में उपयोग हेतु जिप्सम का वितरण किया जाएगा।

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जिप्सम क्या होता है? (What is Gypsum)

जिप्सम एक प्राकृतिक द्वितीयक खनिज है। रासायनिक दृष्टि से यह कैल्शियम सल्फेट  (CaSO42H2O) होता है। जिसमें सामान्यतः 16-19 प्रतिशत कैल्शियम एवं 13-16 प्रतिशत सल्फर होता है। कृषि में यह क्षारीय भूमि के सुधार तथा पोषक तत्व के रूप में उपयोगी है। क्षारीय भूमि को उपजाऊ बनाकर अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए जिप्सम का उपयोग लाभदायक है। पोषक तत्व के रूप में इसके उपयोग से तिलहन, दलहन और गेहूं फसलों में गुणवत्ता व उत्पादन में वृद्धि होती है।

जिप्सम पर कितना अनुदान (Subsidy) मिलेगा?

कृषि विभाग दौसा के मुताबिक वर्ष 2024-25 में राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को क्षारीय भूमि सुधार के लिए जिप्सम “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर शत प्रतिशत अनुदान पर (निःशुल्क) प्रति किसान अधिकतम 0.5 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए भूमि की जिप्सम मांग के अनुसार अधिकतम 1.50 मैट्रिक टन जिप्सम उपलब्ध करवाया जा सकेगा। राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत- सॉयल हैल्थ फर्टिलिटी कम्पोनेंट के तहत भूमि सुधार के लिए 50 प्रतिशत अनुदान पर एक किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर क्षेत्र के लिए भूमि की जिप्सम मांग रिपोर्ट के अनुसार प्रति हेक्टेयर अधिकतम 5 मैट्रिक टन जिप्सम उपलब्ध करवाया जा सकेगा। राष्ट्रीय खाद्य मिशन अन्तर्गत दलहन फसलों में जिप्सम 250 किलो प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम 750 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक अधिकतम 2 हेक्टेयर तक देय है।

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किसान जिप्सम पर अनुदान के लिए आवेदन कहाँ करें?

राज्य के किसानों को जिप्सम की माँग के लिए राज किसान साथी-सुविधा एप के माध्यम से आवेदन करना होगा। इसके लिए किसान जनआधार नम्बर से लॉगिन कर एप पर अपनी जिप्सम की मांग दे सकेंगे। भूमि सुधार कार्यक्रम के लिए जिप्सम माँग के साथ मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला से प्राप्त जिप्सम मांग रिपोर्ट (जो 6 महीने से अधिक पुरानी ना हो) अपलोड करनी होगी।

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