खाद वितरण के लिए निर्देश
सभी किसान रबी सीजन की बुआई की तैयारी में लगे हुए हैं, ऐसे में किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण यूरिया एवं अन्य खाद की व्यवस्था करना है। बीते दिनों कई स्थानों पर खाद खरीदने के लिए किसानों की लम्बी-लम्बी क़तारों में खड़ा होकर इंतज़ार करना पड़ा था। ऐसे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निवास से वीसी द्वारा खाद वितरण समस्या वाले कुछ जिलों के कलेक्टर्स से चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को आसानी से खाद मिले। वितरण केंद्र के पास टेंट, बैठक व्यवस्था और पेयजल का प्रबंध रहे। उन्होंने कहा कि उपलब्धता के बावजूद वितरण व्यवस्था की किसी कमी के कारण किसान को परेशानी नहीं आना चाहिए। किसान को लाइन न लगाना पड़े, उसका समय और ऊर्जा जाया न हो, इसके लिए कलेक्टर्स पूरी व्यवस्था पर निगरानी रखें।
प्रदेश में नहीं है खाद की कमी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है, न ही आने वाले समय में कमी रहेगी। वे नियमित रूप से केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री मनसुख मंडाविया से सम्पर्क में हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश को सदैव आवश्यकता के अनुसार खाद उपलब्ध करवाने का कार्य किया है।
बैठक में इन ज़िलों में खाद वितरण को लेकर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सतना, दमोह, सागर, छतरपुर, नीमच नर्मदापुरम, देवास और इंदौर जिलों के कलेक्टर्स से खाद की उपलब्धता, वितरण केंद्र संख्या, वितरण व्यवस्था और इस माह की संभावित मांग के अनुरूप आपूर्ति के प्रबंध के संबंध में बातचीत कर निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान 11 नवम्बर को पुन: समीक्षा करेंगे।
बैठक में हरदा जिला में प्रशासन द्वारा खाद वितरण की बेहतर व्यवस्था पर चर्चा हुई। कलेक्टर हरदा ने बताया कि जिले में एक्स्ट्रा काउंटर व्यवस्था, विभिन्न एजेंसियों के मध्य समन्वय, वितरण केंद्रों में आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के साथ ही डिफाल्टर किसान सहित सभी के लिए खाद के प्रबंध आवश्यतानुसार किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अन्य जिलों में ऐसे ही व्यवस्थित उपाय कर किसानों की शिकायत शून्य करने के निर्देश दिए।
खाद वितरण के लिए कलेक्टर्स को दिए यह निर्देश
मुख्य मंत्री ने खाद की उपलब्धता, वितरण केंद्र संख्या, वितरण व्यवस्था और इस माह की संभावित मांग के अनुरूप आपूर्ति के प्रबंध के संबंध में बातचीत कर निम्न निर्देश दिए:-
- किसी भी जिले में किसानों को लाइन न लगानी पड़े।
- जिलों में खाद वितरण सुचारू रहे, जहाँ आवश्यक हो विकेंद्रीकरण किया जाए।
- किसानों को अधिक दूरी से खाद लेने न आना पड़े।
- आवश्यक हो तो अतिरिक्त अमला इस कार्य में लगाएँ।
- वितरण केंद्रों पर पीने के पानी का प्रबंध भी रहे।
- आवश्यक हो तो वितरण के लिए अतिरिक्त केंद्र शुरू करें।