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किसानों को फसलों के मिलेंगे उचित भाव, सरकार ने फसलों की लागत की समीक्षा के लिए किया समिति का गठन

सरकार ने खरीफ और रबी फसलों के लिए मूल्य नीति की समीक्षा और खेती की लागत की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति के माध्यम से सरकार का लक्ष्य ऐसी नीतियां बनाना है जो किसानों, उपभोक्ताओं और राज्य की आर्थिक प्राथमिकताओं के हितों को संतुलित करें।

देश में किसानों को उनके द्वारा उपजाई जाने वाली फसलों का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा रबी और खरीफ सीजन की प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि की MSP का निर्धारण किया जाता है। इन फसलों के MSP का निर्धारण फसलों की लागत में आने वाले खर्च और उस पर मुनाफे के आधार पर किया जाता है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार ने आगामी सीज़न और वर्षों के लिए वर्तमान मूल्य नीति की समीक्षा के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है।

इस समिति का प्राथमिक उद्देश्य राज्य में प्रमुख खरीफ और रबी फसलों की खेती की लागत की जांच करना है, जो राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में योगदान करती हैं। हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार किसानों के हित को देखते हुए समिति का गठन किया है। जिसका लक्ष्य ऐसी नीतियां तैयार करना है, जो किसानों, उपभोक्ताओं और राज्य की आर्थिक प्राथमिकताओं के हितों को संतुलित करें।

मूल्य नीति की समीक्षा के लिए गठित समिति क्या करेगी

सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस समिति की वर्ष में दो बार बैठक होगी। इस समिति को मौजूदा मूल्य नीति, खेती की लागत का मूल्यांकन करने और हरियाणा में किसानों की जरूरतों के प्रति अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाने के लिए आवश्यक कार्यों पर व्यापक सिफारिशें देने का काम सौंपा गया है। इस समिति का गठन एक स्थायी और किसान-हितैषी मूल्य नीति की आवश्यकता के जवाब में किया गया है, जो कृषि उपज के लिए उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करेगी और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देगी। साथ ही खेती में बढ़ती उत्पादन लागत से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान का काम भी समिति को सौंपा गया है।

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प्रवक्ता ने कहा कि खेती की लागत की जांच करना, मूल्य नीति की समीक्षा करना, सिफारिशें प्रदान करना और किसान कल्याण को प्राथमिकता देना आदि इस समिति के प्रमुख उद्देश्य हैं। समिति इनपुट लागत, श्रम, सिंचाई और अन्य संबंधित खर्चों जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों की खेती की वर्तमान लागत का आकलन करेगी।

किसानों के लिए उचित एवं लाभकारी मूल्य का देगी सुझाव

समिति इसके अलावा फसलों के लिए मौजूदा मूल्य नीति का मूल्यांकन करेगी और उत्पादन की लागत के साथ किसानों के लिए उचित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए सुधार का सुझाव देगी। यह समिति अपने निष्कर्षों के आधार पर राज्य सरकार को रणनीतिक कार्यों पर सिफारिशें प्रदान करेगी जो मूल्य नीति की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए की जा सकती हैं। साथ ही, यह समिति यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी कि मूल्य नीति किसानों को लाभान्वित करे और उनकी आर्थिक जरूरतों और चुनौतियों का समाधान करें, जिससे हरियाणा के कृषि क्षेत्र के विकास में योगदान मिले।

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मूल्य नीति की समीक्षा समिति के सदस्य कौन हैं?

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि समिति में कृषि विभाग के निदेशक, अतिरिक्त निदेशक, संयुक्त निदेशक और उप निदेशक, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHU), हिसार के अर्थशास्त्र और कृषि विज्ञान अनुभाग के प्रमुख और खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक सदस्य होंगे तथा हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि समिति के गठन करने की पहल यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि हमारी कृषि नीतियां हमारे किसानों की उभरती जरूरतों के अनुरूप हों। विशेषज्ञों, हितधारकों और किसान प्रतिनिधियों को एक साथ लाकर सरकार का लक्ष्य एक ऐसा मंच तैयार करना है जो कृषि समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का सक्रिय रूप से समाधान करे, उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करे और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा दे। यह समिति निर्णय लेने के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी, जिससे किसानों की भलाई को प्राथमिकता देने वाली और समग्र रूप से कृषि क्षेत्र को मजबूत करने वाली अधिक प्रभावी नीतियों का मार्ग प्रशस्त होगा।

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