धान की तरह अन्य फसलों के उत्पादन के लिए भी किसानों को मिलेगा आसान ऋण

फसल उत्पादन के लिए ऋण

देश के अलग-अलग राज्यों में किसानों को आधुनिक कृषि पद्धति से अवगत कराने एवं नवाचारों की जानकारी देने के लिए कृषि मेलों का आयोजन किया जा रहा है। 15 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 3 दिवसीय कृषि मेले का समापन हुआ। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किसानों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को आदान सामग्री एवं अनुदान राशि के चेक वितरित किए। मेले में किसानों ने खेती-किसानी को समृद्ध बनाने के लिए इस प्रदर्शनी में किसानों ने नई तकनीक के गुर सीखें।

किसानों को दिया जायेगा आसान ऋण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि धान की तरह अन्य फसलों के उत्पादन के लिए भी सहकारी बैंक से आसानी से ऋण मुहैया कराया जायेगा। इसके लिए ऋणमान में भी बदलाव किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान दलहन-तिलहन और नकद फसलों की खेती कर ज्यादा आमदनी कमा सकें। दलहन उत्पादन में दूसरी फसल के रूप में राज्य में 17 फीसदी और तिलहन में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वरोजगार के प्रमुख साधन के रूप में लाख और मछलीपालन को हमने खेती का दर्जा दिया है। उन्हें भी अब बैंकों से बिना ब्याज के ऋण मिल रहा है। हमने सहकारी संस्थाओं की संख्या बढाकर किसानों के इतने नज़दीक ले आये हैं कि धान बेचने के लिए उन्हें रतज़गा नहीं करना पड़ता और न ही लम्बी लाइन लगानी पड़ती है। 

धान के बदले अन्य फसल लेने पर सरकार दे रही है अनुदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि धान के बदले अन्य फसल अथवा वृक्ष लगाने पर 10 हज़ार प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी एवं रागी की फसल खरीदने वाली देश की अकेली राज्य सरकार है। कोदो-कुटकी 3 हज़ार और रागी 3 हज़ार 377 रुपये प्रति क्विन्टल के हिसाब से सरकार इसे खरीदती है।

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