अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में फॉस्फेटिक एवं पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में किसानों को सस्ती दरों पर डीएपी एवं अन्य खाद उपलब्ध हो सके इसके लिए सरकार द्वारा पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दी जाती है। इस कड़ी में मोदी सरकार ने इस साल खरीफ सीजन में किसानों को सस्ती दरों पर खाद उपलब्ध कराने के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर 37,216.15 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का फैसला लिया है।
शुक्रवार 28 मार्च 2025 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर खरीफ सीजन यानि की 1 अप्रैल 2025 से 30 सितंबर 2025 के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। खरीफ सीजन 2025 के लिए बजटीय आवश्यकता लगभग 37,216.15 करोड़ रुपये होगी। यह रबी सीजन 2024-25 के लिए बजटीय आवश्यकता से लगभग 13,000 करोड़ रुपये अधिक है।
किसानों को इस कीमत पर मिलेगी डीएपी एवं अन्य खाद
सरकार के इस निर्णय से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में फर्टिलाइजर विशेषकर डीएपी की बढ़ी हुई लागत का बोझ नहीं आयेगा और किसानों को डीएपी खाद 1350 रुपये प्रति बोरी पर मिलती रहेगी। इसके अलावा अन्य खाद-उर्वरक भी किसानों को इस खरीफ सीजन में भी पुरानी कीमतों पर ही मिलेंगे। यह सब्सिडी उर्वरक कंपनियों को स्वीकृत और अधिसूचित दरों के अनुसार प्रदान की जाएगी ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराए जा सकें।
उल्लेखनीय है कि सरकार उर्वरक निर्माताओं और आयातकों के जरिए किसानों को सब्सिडी वाले मूल्यों पर पीएंडके उर्वरकों के 28 ग्रेड उपलब्ध करा रही है। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी 01 अप्रैल 2010 से एनबीएस योजना के तहत दी जाती है। उर्वरकों और यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर जैसे इनपुट की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हाल के रुझानों को देखते हुए, सरकार ने एनपीकेएस ग्रेड सहित फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर 01 अप्रैल 2025 से 30 सितंबर 2025 तक प्रभावी खरीफ 2025 के लिए एनबीएस दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है।