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शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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किसानों को सस्ते में मिलेंगे कृषि यंत्र, राज्य में की जाएगी 1000 कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना

किराए पर कृषि यन्त्र उपलब्ध कराने हेतु कस्टम हायरिंग सेंटर

आज के समय में किसानों को फसल बुआई से लेकर कटाई तक कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है परन्तु कृषि यंत्रों की कीमतें अधिक होने के चलते सभी किसान कृषि यंत्र नहीं खरीद सकते हैं | ऐसे में सभी किसानों को कृषि यंत्रों का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा सभी ग्रामो में कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जा रही है | जहाँ से किसान सस्ते में किराये पर कृषि यंत्र ट्रेक्टर, हल, रोटावेटर, ट्रॉली, थ्रेसर, सहित अन्य उपकरण ले सकते हैं |

राजस्थान के कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर की शुरूआत से किसान को अब सस्ती दर पर कृषि यंत्र ट्रेक्टर, हल, रोटावेटर, ट्रॉली, थ्रेसर, सहित अन्य उपकरण बाजार से कम दरों पर किसानों को किराए पर उपलब्ध होंगे। इससे गांव के किसानों को दर-दर नही भटकना होगा। तीन वर्ष में 1000 कस्टम हायरिंग की स्थापना की जा रही है।

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सहकारी समितियों स्थापित किए जाएंगे कस्टम हायरिंग सेंटर

श्री कटारिया ने गुरूवार को जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की ओर से सिरसी रोड पर स्थित अलंकार कॉलेज के पास में जयपुर जिले की चयनित 17 ग्राम सेवा सहकारी समितियों भैंसावा, बोबास, दूधली, रूण्डल, धवली, नवलपुरा, कालवाड, दुर्जनियावास, धानक्या, पचार, झो. भोजपुरा, चांदमाकंला, बजरंगपुरा, सांगटेडा, हांसियावास, भैसलाना एवं शुक्लाबास में कस्टम हायरिंग सेन्टर के लिए कृषि यंत्र ट्रेक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि जोत का आकार कम होता जा रहा है। ऐसे में किसान के पास कृषि यंत्र उपलब्ध नही हो पाते है। सरकार के इस प्रयास से किराए पर किसानों को कम दरों पर कृषि यंत्र स्थानीय स्तर पर मिल सकेंगे।

कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा है कि ग्राम सेवा सहकारी समितियां मजबूत बने। उनकी सोच के अनुरूप ही जीएसएस को सुद्रढ़ करने का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान तकनीक को ध्यान में रखकर किसानों को सस्ती दरों पर जीएसएस को ट्रेक्टर, हल, एवं रोटावेटर सहित अन्य यंत्र उपलब्ध कराए गए है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना की जा चुकी है। इस वर्ष 285 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में एवं 17 एफपीओ में कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की गई है।

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