देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार उद्यानिकी फसलों जैसे फल-फूल और सब्जियों की खेती को बढ़ावा दे रही है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत नर्सरी लगाने के लिए किसानों को अनुदान उपलब्ध करा रही है। योजना के तहत किसान अब कोई भी नर्सरी लगा सकते हैं। किसानों को नर्सरी स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा। किसान अब खेतों में नर्सरी बनाकर लाखों रुपए की कमाई कर सकते है।
योजना के अनुसार पौध रोपण के लिए फलीय एवं बहुफलीय पौधे लगाए जा सकते है। प्रस्ताव में फलों एवं किस्मों के नाम स्पष्ट रूप से अंकित करने होंगे। नर्सरी पर उच्च गुणवत्ता युक्त पौधों का मातृ वृक्ष ब्लॉक अनिवार्य होगा। इसके लिए मातृ पौधे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान एवं कृषि विश्वविद्यालयों एवं राज्य के अनुसंधान केन्द्रों से प्राप्त करने होंगे। नर्सरी पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन से अनुदानित बोर्ड जिस पर स्थापना का वर्ष एवं कुल लागत एवं मातृ वृक्षों की किस्म की जानकारी देनी होगी।
किसानों के पास होना चाहिए यह सुविधाएँ
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उन्नत किस्मों के मातृ वृक्ष ब्लॉक नेचुरली वेंटीलेटेड ग्रीन हाउस सुविधा विकसित करनी होंगी। साथ ही हाइटैक ग्रीन हाऊस जिसमें फौगिंग एवं सिंचाई प्रणाली काम में लेनी होगी। रखरखाव को लेकर कीट रोगी 35 प्रतिशत लाइट स्क्रीनिंग एवं सुक्ष्म सिंचाई प्रणाली युक्त शेडनेट हाऊस तथा सिंचाई को लेकर हाऊस विकसित करना होगा स्टारलाइजेशन प्रणाली विकसित करना होगा। मृदा उपचार को लेकर स्टारलाईजेंशन प्रणाली को विकसित करना होगा।
नर्सरी के लिए कितना अनुदान मिलेगा
किसान नर्सरी लगाने के लिए बैंक लोन ले सकता है। इस आधार पर विभाग की और से नर्सरी विकसित करने पर 50 प्रतिशत यानी 7 लाख 50 हजार का अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह परियोजना लागत का 70 से 75 प्रतिशत बैंक लोन स्वीकृति पत्र भी आवेदन के साथ प्रस्तुत करना होगा। छोटी नर्सरी की लागत प्रति हेक्टेयर 15 लाख रुपए निर्धारित की गई है। अनुदान राशि तीन वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद बैक एंड प्रकिया से समायोजित होगी। तय परियोजना प्रस्ताव का क्रियान्वयन नहीं होने पर पौध अनुदान कार्य बंद होने की स्थिति में अनुदान की राशि वापस ली जाएगी।
किसान नर्सरी के लिए आवेदन कहाँ करें?
इच्छुक किसानों को छोटी नर्सरी के लिए भू स्वामित्व के दस्तावेज एवं सुविधाओं के विवरण एवं वित्तीय विश्लेषण समेत अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ जिला उद्यानिकी विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जहां से अभिशंसा के बाद राज्य सोसायटी निदेशालय में भेजा जाएगा।