किसानों को दिया जायेगा कृषि उद्यमी का प्रशिक्षण
देश में बढती हुई बेरोजगारी एवं कृषि पर बढ़ रहे भार को कम करने के लिए किसानों को दुसरे विकल्प सोचने की जरुरत है | खेती में नवाचार के माध्यम से ही किसान अपनी आय बड़ा सकते हैं साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी उपलब्ध करवा सकते हैं | सरकार द्वारा भी कृषि क्षेत्र में हो रहे पलायन को रोकने एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुद्रढ़ करने के उद्धेश्य से कई योजनाओं का क्रियान्वन किया जा रहा है | राज्य तथा केंद्र सरकार किसानों को अलग–अलग क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर रोजगार के लिए प्रोत्साहित कर रही है | इसके अंतर्गत अंतर्गत बिहार राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की कौशल विकास योजना के तहत किसानों को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध करवा रही है |
स्टार्टअप नीति की शुरुआत
बिहार में कृषि के क्षेत्र में स्टार्ट–अप नीति की शुरुआत की गई है | इसकी बैठक पटना में होटल लेमन ट्री, में आयोजित की गई | इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा है कि कृषि ऊष्मायन केंद्र एक महत्वपूर्ण अवयव है | इसका मुख्य मकसद कृषि में अधिक–से–अधिक उधमियों के लिए एक सुधारत्मक नीति तथा मूलभूत सुविधायें प्रदान करना है | इस कृषि ऊष्मायन में मुख्य रूप से किसानों के युवा लोगों के लिए हैं जिसमें वे किसी भी क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त करके अपना रोजगार खोल सकते हैं |
इन विषयों पर दिया जायेगा किसानों को प्रशिक्षण
कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए बिहार कृषि विभाग ने प्रशिक्षण की रूप रेखा तैयार कर ली गई है | इसके लिए उन विषयों के नाम दिया गया है जो इस प्रकार है –
- महिला किसानों / मालियों के लिए ग्राफ्टिंग तकनीकों / मात्पौधों की पहचान,
- कृषि उपकरणों की देखभाल / मरम्मत करना
- कम्बाईन हार्वेस्टर मशीन संचालन से लेकर टिशू कल्चर प्रयोगशाला स्थापना |
- मृदा परीक्षण प्रयोगशाला
- मशरूम
- अंडे उत्पादन इकाई
- जैव–नियंत्रण प्रयोगशाला आदि
- इसके अतिरिक्त और भी तरह के प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग से सम्पर्क करना पड़ेगा |
किसान इन संस्थानों से ले सकते हैं प्रशिक्षण
इसके लिए बिहार सरकार ने विभन्न कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर एक योजना बनाई है जिसके द्वारा किसानों को प्रशिक्षण दिया जायेगा |बिहार कृषि विश्वविध्यालय, सबौर, भागलपुर के साथ मिलकर कृषि उश्मान केंद्र पर इस कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा | जिसमें कृषि विभाग के साथ – साथ राज्य में स्थित कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, उधोग विभाग , सुचना एवं प्रावैधिकी विभाग , विभिन्न प्रबंधन संस्थान तथा उधोग संघ के प्र्तिनिधिगण एक मंच पर उपस्थित हुए हैं |