इस वर्ष बारिश एवं बाढ़ से किसानों की फसलों को को काफी नुकसान हुआ है। इस कड़ी में बिहार सरकार ने किसानों को नदियों में आई बाढ़ के बाद फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने के साथ ही अगली फसल लगाने में भी मदद करने का फैसला लिया है। बिहार कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के बाढ़ से प्रभावित जिलों के निरीक्षण के दौरान फसलों को हुई क्षति का आंकलन करने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने इस वर्ष खरीफ मौसम में सितम्बर महीने में गंगा किनारे वाले जिलों में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति के कारण पंचायतवार फसल क्षति का आकलन करने का निर्देश सभी जिला कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं कृषि समन्वयकों को दिए हैं। पंचायतवार खाद्यान्न फसलों के साथ-साथ बागवानी फसलों जैसे मौसमी फल एवं सब्जी की क्षति का आकलन कर अगले 24 घंटे में प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
खड़ी फसलों को हुए नुकसान के लिए दी जाएगी सहायता
सचिव, कृषि द्वारा आज मुख्यालय के सभी वरीय पदाधिकारियों, प्रमंडलीय संयुक्त निदेशक (शस्य) और जिला कृषि पदाधिकारियों के साथ नदियों में अत्यधिक पानी बढ़ने से फसल नुकसान की समीक्षा की गई। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि किसानों का न केवल खड़ी फसल के नुकसान के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, बल्कि अगली फसल लगाने के लिए भी विभाग मदद करेगा।
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के आस-पास गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को पूरी तरह से अलर्ट रहने और सारी तैयारी पूर्ण रखने का निर्देश दिए थे। साथ ही बाढ़ से केले की फसल को हुए नुकसान को देखते हुए उसका समुचित मुआवजा किसानों को देने का निर्देश दिया है।
फसल क्षति की सूचना के लिए बनाया गया नियंत्रण कक्ष
कृषि सचिव ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए विभागीय स्तर पर किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने हेतु कृषि भवन, मीठापुर में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है। यह नियंत्रण कक्ष 07 दिन 24 घंटे कार्यरत रहेगा। जिस पर फसल क्षति संबंधित सूचना प्राप्त की जायेगी। इसके लिए कृषि निदेशक नितिन कुमार सिंह को वरीय नोडल पदाधिकारी तथा सुशील कुमार, संयुक्त निदेशक (सांख्यिकी), प्रभारी पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं तथा इनकी देख-रेख में कार्य किया जाएगा।
इसके अलावा राज्य में नदियों में जलस्तर बढ़ने से प्रभावित जिलों के कृषि विभाग के सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों की छुट्टी अगले आदेश तक रद्द की गयी है तथा इन्हें क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर किसानों को मदद पहुँचाने का निर्देश दिया गया है।