Home किसान समाचार सूखे की मार झेल रहे किसानों को जल्द दिया जाएगा मुआबजा

सूखे की मार झेल रहे किसानों को जल्द दिया जाएगा मुआबजा

सूखाग्रस्त किसानों को जल्द दी जाएगी राहत

सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए संकट की घड़ी है | बारिश कम होने के कारण किसानों की खरीफ फसल तो बरबाद हुई है साथ ही वह रबी के मौसम में भी फसल नहीं लगा पाएं हैं और तो और उनके पास पशुओं को खिलाने के लिए चारा तक उपलब्ध नहीं हैं | इस सभी स्थिति को ध्यान में रखकर सरकार ने जल्द ही किसानों को सहयता राशी बैंक में पहुँचाने का फैसला लिया है | राजस्थान के  9 जिलों की 58 तहसीलों के 5 हजार 555 गांवों के 16 लाख 94 हजार किसान सूखे से प्रभावित हैं। 9 जिलों के प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान शीघ्र वितरित किया जाए। इसके लिए राज्य सरकार ने 1325 करोड़ रुपए का प्रावधान कर दिया है। 

डी.बी.टी. (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिये दी जाएगी राशि

सूखाग्रस्त 9 जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर, जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़, नागौर, चूरू एवं पाली के प्रभावित किसानों में से करीब 8.50 लाख लघु एवं सीमान्त किसान हैं जिनकी फसलों का 33 से 100 प्रतिशत खराबा हुआ है। करीब 8 लाख बड़े किसान हैं, जिनका 50 से 100 प्रतिशत तक फसल खराबा हुआ है। किसानों को खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए सीधे ही कृषि आदान-अनुदान जमा करवाए जाएंगें |  

आपदाग्रस्त क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को सहायता राशि सीधे उनके खाते में मिल सके, इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का प्रभावी तंत्र विकसित कर रहा है। इसके माध्यम से प्रभावितों को राशि सीधे उनके खाते में मिलने के साथ ही एसएमएस से उन्हें इसकी जानकारी भी मिलेगी। इसके अलावा आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया हेतु सचिवालय परिसर स्थित लाइब्रेरी भवन में स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेन्टर की स्थापना भी की जाएगी।

पशुओं के लिए राहत शिविर

प्रदेश के सूखाग्रस्त चारा, पानी और पशु सेवा शिविरों की व्यवस्था प्रभावी रूप से सुनिश्चित की जा रही है। किसी भी जिले में चारा, पानी और पशु शिविरों के इंतजाम किए जा रहे हैं।  राहत गतिविधियों के संचालन की अवधि 6 माह से बढ़ाकर 9 माह किए जाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा | मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित सभी 9 जिलों के कलेक्टर्स को एडवाइजरी जारी कर निर्देश दें कि वे आवश्यकतानुसार चारा, पानी एवं पशु शिविरों के संबंध में अपने-अपने जिले के प्रस्ताव बनाकर भेजें।

इन प्रस्तावों पर आपदा प्रबंधन से जुडे़ सभी विभाग शीघ्र कार्यवाही करें। उन्होंने चारा प्रबंधन पर विशेष जोर देते हुए कहा कि पशुपालकों को समय पर चारा उपलब्ध हो। इसके लिए चारा खरीद की पुख्ता व्यवस्थाएं की जाएं।  सूखाग्रस्त घोषित इन तहसीलों में स्थित गौशालाओं को जरूरत पड़ने पर पशु शिविर घोषित किए जाने के लिए संबंधित जिला कलेक्टर्स को अधिकृत किया गया है। 

कम बारिश के कारण बिहार के यह जिले हुए सूखाग्रस्त घोषित

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