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मंगलवार, फ़रवरी 18, 2025
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अधिक उत्पादन के लिए किसान इस तरह करें गेहूं की बुआई, कृषि विश्वविद्यालय ने जारी की सलाह

गेहूं की बुआई का समय हो गया है, जिसको देखते हुए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा किसानों के लिए सलाह जारी की गई है। कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा जारी सलाह में बताया गया है कि गेहूं की अधिक पैदावार लेने के लिए किसान उचित किस्म, वैज्ञानिक सस्य क्रियाएँ एवं उचित खाद की मात्रा का प्रयोग करके कम खर्चे में अधिक उत्पादन ले सकते हैं।

कृषि विश्वविद्यालय के मुताबिक किसान गेहूं की अगेती बुआई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवम्बर के पहले सप्ताह यानि 25 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक कर सकते हैं। वहीं समय पर बिजाई के लिए किसान गेहूं की बुआई नवम्बर के पहले सप्ताह से नवम्बर के तीसरा सप्ताह तक यानि 1 नवम्बर से 25 नवम्बर तक करें।

गेहूं की बुआई कैसे करें?

विश्वविद्यालय द्वारा जारी सलाह में बताया गया है कि गेहूं की बिजाई उर्वरक ड्रिल से करें, बीज की गहराई लगभग 5 सेंटीमीटर एवं पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए। वहीं किसान गेहूं की अगेती एवं समय से बिजाई के लिए 40 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज का प्रयोग करें।

गेहूं की उन्नत किस्में कौन सी हैं?

अगेती बिजाई और सीमित सिंचाई एवं कम खाद में अच्छा उत्पादन देने वाली किस्में WH 1402, WH 1142, WH 1080, PBW 644, NIAW 3170, DBW 296, HI 1653, HD 3369 आदि है। वहीं अगेती बिजाई और सिंचित एवं अधिक खाद देने वाली गेहूं की उन्नत किस्में WH 1270, DBW 187, DBW 303, DBW 327, DBW 371, DBW 372, PBW 872 आदि हैं। इसके अलावा सिंचित एवं समय से बिजाई वाली गेहूं की उन्नत किस्में WH 1105, WH 1184, DBW 222, DBWH 221, HD 3086, PBW 826 एवं HD 3386 आदि हैं।

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गेहूं बीज का उपचार कैसे करें?

  • किसान गेहूं में दीमक से बचाव के लिए 60 मिली क्लोरपाईरीफास 20 EC या 200 मिली ईथियोन 50 EC (फासमाइट 50%) 60 मिली को पानी में मिलाकर 2 लीटर घोल बनाकर 40 किलोग्राम बीज को उपचारित करें।
  • खुली कांगियारी व पत्तियों की कांगियारी से बचाव के लिए वीटावैक्स या बविस्टीन 2 ग्राम या टेबुकोनाजोल (रक्सिल 2 DC) 1 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से सूखा उपचार करें।
  • जैविक खाद उपचार के लिए 200 मिली एजोटोबैक्टर व 200 मिली फॉस्फोरस टीका (पी.एस.बी) प्रति 40 किलोग्राम बीज के लिए प्रयोग करें।

मोल्या रोग का प्रबंधन

  • सूत्रकृमि ग्रस्त खेत में (सरसों, चना, मेथी, सब्जी वाली फसलें आदि) उन्हें फसल चक्र में उगायें।
  • 15 नवम्बर से पहले-पहले गेहूं की बिजाई का काम पूरा कर लें।
  • मोल्या बीमारी प्रभावित खेतों में गेहूं की सूखे में बिजाई करके तुरंत सिंचाई करें।
  • अधिक संक्रमण वाले क्षेत्र में कार्बोफ्यूरान 3 जी (13 किलोग्राम) प्रति एकड़ की दर से बिजाई के समय उपयोग करें।
  • एजोटोबैक्टर क्रोकोम (HT-54) या एजोटीका का 50 मिली प्रति 10 किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें। इसके बाद बीज को छायां में सुखायें।
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गेहूं में कितना खाद डालें

  • अगेती बिजाई एवं अधिक खाद वाली क़िस्मों में किसान क्रमशः नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश की मात्रा 90:36:24 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें। इसके लिए 75 किलोग्राम डीएपी, 165 किलोग्राम यूरिया व 30 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ डालें।
  • समय से बिजाई एवं सिंचित दशा में क्रमशः शुद्ध नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश की मात्रा 60:24:12 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें। इसके लिए किसान 50 किलोग्राम डीएपी व 110 किलोग्राम यूरिया अथवा 150 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट व 130 किलोग्राम यूरिया एवं 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ डालें।
  • पहली सिंचाई बिजाई के 20-25 दिन बाद शिखर जड़ निकलने की अवस्था पर बहुत आवश्यक है।
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