खरीफ सीजन में धान, सोयाबीन के साथ ही मक्के की खेती प्रमुखता से की जाती है। ऐसे में किसान कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर अपनी आमदनी बढ़ा सकें इसके लिए कृषि विभाग द्वारा विशेष सलाह जारी की जा रही है। इस कड़ी में मक्का की फसल लेने वाले किसानों को कृषि विभाग, जबलपुर द्वारा रिज फरो विधि से बुआई करने की सलाह दी गई है। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक़ इस विधि से मक्का की बुआई से जहाँ पानी की बचत होती है वहीं पैदावार भी अच्छी होती है।
इस सिलसिले में कृषि अधिकारियों ने विकासखण्ड शहपुरा के ग्राम दामन खमरिया में किसान प्रतीक जैन के खेत में रिज फरो प्रणाली से मक्के की बोनी करायी। इस दौरान उप संचालक कृषि डॉ. एस के निगम एवं अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी मौजूद रहे। अप संचालक ने बताया कि कृषि अधिकारी लगातार कृषि की उन्नत तकनीक के बारे में किसानों को अवगत करा रहे हैं और किसानों को रिज फरो विधि से मक्के की बुआई करने की सलाह दे रहे हैं।
रिज फरो विधि में मक्के की बुआई कैसे होती है?
कृषि विभाग, जबलपुर के उप संचालक ने बताया कि रिज फरो विधि में मक्के की बुआई में कतार से कतार की दूरी 2 फीट तथा पौधे से पौधे की दूरी 9 इंच रखी जाती है। इस विधि में एक एकड़ में 6 किलो बीज लगता है तथा पानी की बचत होती है, साथ ही अधिक उपज प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि रिज फरो विधि में खेत में मेड़ और नालियां बनाई जाती हैं। मक्के के बीज मेड़ पर बोये जाते हैं और नालियों से पानी की निकासी होती है। इससे जड़ों को पर्याप्त नमी मिलती है तथा खेत में पानी का भराव भी नहीं होता है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि सूखे के समय नालियों में जमा नमी मेड़ पर मौजूद पौधों को मिलती रहती है। पर्याप्त नमी एवं उचित जल निकासी के फलस्वरूप मक्के की फसल अच्छी तरह से बढ़ती है और अधिक उपज देती है। मेड़ पर बुवाई करने से पौधों की जड़े अच्छी तरह से विकसित होती है जिससे वह मजबूत होते हैं और हवा में गिरने से बचते हैं।
अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी के अनुसार रिज फरो विधि से नालियों में पानी जमा होने के कारण खरपतवार कम होते हैं और इन पर नियंत्रण आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस विधि में पानी गिरने के बाद भी मक्के की बोनी की जा सकती है, जबकि अन्य विधियों में पानी गिरने के पहले ही मक्के की बोनी की जाती है।
Makka ki kheti se dono labha h pashuo ko makka kat kar dali jati or kisano ko makka ka dam bhi acha milta h