Saturday, April 1, 2023

किसान अधिक आय के लिए इस तरह करें शरदकालीन गन्ने की बुआई

अधिक आय के लिए शरदकालीन गन्ने की बुआई

शरदकालीन गन्ने की बुआई कर किसान अच्छी पैदावार के साथ-साथ उसके मध्य खाली पड़े स्थान का सदुपयोग करके सहफसली के रूप में तिलहनी, दलहनी फसलों या सब्जी मूली, धनिया आदि की बुआई करके अतिरिक्त आय के अलावा अपनी मृदा उर्वरकता को बढ़ा सकते हैं | किसान भाई शरदकालीन बुआई ट्रेंच विधि से 04 फीट की दूरी पर बुआई करते हैं तो ट्रेन्चों के बीच जो स्थान खाली रहता है, गन्ने के बोये गए टुकड़ों को 03 फीट तक बढ़ने में लगभग तीन माह तक का समय लग जाता है | ऐसी स्थिति में खाली पड़े स्थान को शरदकाल में किसान गन्ने के साथ सरसों, मसूर, गेहूं, चना आलू आदि अल्पावधि फसलें बो कर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं |

रबी सीजन में गन्ने के लिए बीज का चुनाव

किसान इस समय 9-10 माह में लगने वाले गन्ने के बीज का ही उपयोग करें, गन्ना बीज उन्नत प्रजाति, मोटा, ठोस, शुद्ध एवं रोग रहित होना चाहिए | गन्ने की आँख पूरी तरह विकसित तथा फूली हुई होनी चाहिए जिस गन्ने पर छोटी पोर ही, फूल आ गए हों, आँख अंकुरित हो या जड़ें निकली हों ऐसा गन्ना बीज के लिए उपयोग न करें | बुआई के लिए पिछली शरद ऋतू में बोये गए गन्ने के बीज लेना अच्छा रहता है | बुआई के समय ट्राईकोडरमा मिला हुआ प्रेसमड/ गोबर की खाद 10 टन प्रति हेक्टेयर का उपयोग अवश्य करें |

यह भी पढ़ें   कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की तीसी की नई उन्नत किस्म, अन्य किस्मों से इस तरह है बेहतर
- Advertisement -

गन्ने की बुआई 75 से.मी. तथा आलू, राई, चना, सरसों के साथ मिलवां फसल में 90 से.मी. की दुरी पर करें | एक आँख का टुकड़ा लगाने पर प्रति एकड़ 10 क्विंटल बीज लगेगा, 2 आँख के टुकड़े लगाने पर 20 क्विंटल बीज लगेगा | 205 ग्राम एरीटान या 500 ग्राम एगलाल को 100 लीटर पानी में घोलकर उसमें 25 क्विंटल गन्ना बीज के टुकड़े उपचारित किये जा सकते हैं | जैविक उपचार प्रति एकड़ 1 लीटर ऐजोटोवैक्टर+ एक लीटर पी.एस.बी. का 100 लीटर पानी में घोल बनाकर रासयनिक बीज के टुकड़ों को सूखने के बाद उपरोक्त घोल में 30 मिनट डुबोकर उपचारित करने के बाद बुआई करें |

शरदकालीन गन्ने की किस्में

बुवाई में प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पकने वाली प्रजातियां को.शा. 8436, 88230, 96268, को.से. 95436, 98231, 00231 व को.से. 01235 की बुवाई करें ताकि चीनी मिलों की पेराई शीघ्र प्रारम्भ करना सम्भव हो सके। सामान्य प्रजातियों में को.शा. 8432, को.शा. 96275, को.शा. 97261, यू.पी. 0097, को.शा. 97264 की बुवाई को प्राथमिकता दें।

यह भी पढ़ें   कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित की तीसी की नई उन्नत किस्म, अन्य किस्मों से इस तरह है बेहतर
- Advertisement -

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
यहाँ आपका नाम लिखें

Stay Connected

217,837FansLike
500FollowersFollow
861FollowersFollow
54,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

ऐप खोलें