मानसूनी वर्षा होने पर खेती बाड़ी के क्रियाकलाप
फसलों की बुआई हेतु सलाह
देश के अधिकांश भागो में मानसूनी वर्षा प्रारंभ हो गई है। कृषि वैज्ञानिकों ने खरीफ मौसम के लिए किसानों को खेती से संबंधित उपयोगी सलाह जारी की गई है यदि आपके क्षेत्र में भी मानसूनी वर्षा शुरू हो चुकी है तो यह कार्य करें। कृषक आवश्यकतानुसार खेतों की जुताई कर खरीफ फसलों धान, सोयाबीन, अरहर, तिल, मक्का, उड़द, मूंग, मूंगफली आदि की बोआई करें। बोआई के पूर्व बीजों को उपचारित करें। स्वचालित धान रोपाई मशीन से रोपाई करने के लिए मैट टाईप नर्सरी डालें। कतार बोनी धान में बोआई के 3 दिन के अंदर अंकुरण पूर्व प्रस्तावित निंदानाशक का निर्धारित मात्रा में छिडकाव करें। खुर्रा बोनी की गई धान में फसल की उम्र 18-20 दिन हो जाने पर निंदा नियंत्रण हेतु विसपायरीबैक सोडियम 100 मि.ली.प्रति एकड़ या फिनांकसाप्राप पी इथाइल (9.30) 250 मि.ली. ग्राम प्रति एकड़ छिडकाव करें।
धान की रोपाई वाले कुल क्षेत्र के लगभग 1/10 भाग में नर्सरी तैयार करें इसके लिए मोटा धान वाली किस्मों की मात्रा 50 कि.ग्राम प्रति हेक्टेयर या पतला धान की किस्मों की मात्रा 40 कि.ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से बीज डालें। धान के बीजों को 17 प्रतिशत नमक के घोल में डालकर ठोस बीजों का चुनाव करे तथा चयनित बीजों को दो बार स्वच्छ पानी से साफ धोकर छाया में सुखाये। कार्बेन्डाजिम 2-3 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित कर बोयें। मूंगफल्ली, सोयाबीन एवं अरहर हेतु जल निकास की व्यवस्था कर बुवाई करें। सोयाबीन एवं अन्य दलहनी फसलों के बीजों की राइजोबियम कल्चर 5 ग्राम एवं पी.एस.बी.10 ग्राम प्रति कि.ग्राम बीज की दर से उपचार कर बुवाई करें।
पशुपालन हेतु सलाह
- मानसून के शुरूआती दिनों में मवेशियों में गलाघोंटू एवं एक टंगिया रोग होने की सम्भावना अधिक होती है | अतः किसान भाइयों को सलाह दी जाती है की पशुपालक पशु चिकित्सालय या चिकित्सक से संपर्क कर उनका टीकाकरण करवाएं |
- मुर्गियों में रानीखेत बीमारी से बचाने के लिए पहला टिका F-1 सात दिनों के अन्दर एवं दूसरा टीका R2B का टीका आठ सप्ताह की उम्र में लगवाएं |