देश में किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही फसलों की लागत को कम करने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी पर सोलर पम्प उपलब्ध कराये जाते हैं। इसके लिए समय-समय पर राज्य सरकारों के द्वारा किसानों से आवेदन मांगे जाते हैं। इस कड़ी में राजस्थान के उद्यान विभाग द्वारा मार्च 2024 में पीएम कुसुम योजना के तहत कृषकों को अनुदान पर खेत में सौर उर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए आवेदनों की जांच कर प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई थी। जांच में सैंकड़ों आवेदन अधूरे होने के कारण बैक टू सिटीजन किए गये थे। इसकी जानकारी संबंधित कृषकों को मोबाइल के जरिए मैसेज भेजकर दी गई थी।
ऐसे में जिन किसानों ने अभी तक अपने अधूरे दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड नहीं किया है उन्हें सब्सिडी पर सोलर पम्प लेने के लिए अधूरे दस्तावेजों को ऑनलाइन अपलोड करना होगा। बता दें कि इसके लिए किसानों को 15 दिन पहले ही मेसेज के द्वारा सूचना दी जा चुकी है और किसानों को 15 दिन का समय दिया गया था। सैंकड़ों किसान ऐसे हैं जिन्होंने सब्सिडी पर सोलर पंप लेने के लिए आवेदन किया था परंतु तय समय सीमा में दस्तावेज अपलोड नहीं कर पाये हैं। इस कारण उनके आवेदन स्वतः ही निरस्त हो गए।
किसान 20 जून तक अपलोड कर सकते हैं आवश्यक दस्तावेज
उद्यान विभाग के उपनिदेशक केशव कालीराना, श्रीगंगानगर ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन किसानों के आवेदन निरस्त हो गये थे, उन्हें राहत देते हुए सरकार ने दस्तावेज पूर्ण करने का एक और मौका दिया है। जो आवेदन निरस्त हुये थे, वे 5 जून 2024 से 20 जून 2024 तक राज किसान साथी पोर्टल पर रि-ओपन कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि ऐसे में जिन किसानों के आवेदन निरस्त हो गये थे, वे राज किसान साथी पोर्टल पर निरस्त हुऐ आवेदन को निर्धारित अवधि में रि-ओपन कर आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर सकेंगे।
किसान कैसे करें सोलर पम्प के लिए आवेदन?
सब्सिडी पर सोलर पम्प लेने के लिए आवेदक ई-मित्र से या स्वयं के मोबाईल से राज किसान साथी पोर्टल पर पूर्व में किये गये ऑनलाइन आवेदन आवश्यक दस्तावेज के साथ अपलोड कर सकते हैं। आवेदन के साथ नवीनतम जमाबंदी, नक्शा, विद्युत विहीन प्रमाण-पत्र अपलोड करने के साथ-साथ अनुबंधित फर्मों में से अपनी इच्छानुसार फर्म का चयन एवं सोलर पंप की क्षमता का चयन (एच.पी. में) करना होगा। बता दें कि राज्य में उद्यान विभाग द्वारा पीएम कुसुम योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 3 एचपी, 5 एचपी, 7.5 एचपी एवं 10 एचपी तक कृषकों को अनुदान दिया जा रहा है।