28.6 C
Bhopal
रविवार, मार्च 23, 2025
होमकिसान समाचारकिसान इस तरह एप से खुद ही करें खेतों में लगाई...

किसान इस तरह एप से खुद ही करें खेतों में लगाई गई फसलों की गिरदावरी, मिलेंगे यह लाभ

देश में किसानों को बहुत सी सरकारी योजनाओं का लाभ फसलों की गिरदावरी के आधार दिया जाता है। फसलों की गिरदावरी का काम रबी, खरीफ एवं जायद सीजन में अलग-अलग फसलों के लिए किया जाता है। ऐसे में किसान आसानी से अपनी फसलों की गिरदावरी करा सकें इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें राजस्थान सरकार ने किसानों को सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से किसानों को स्वयं द्वारा गिरदावरी करने के प्रावधान किया है।

जिसके तहत अब राज्य के किसान रबी फसलों की गिरदावरी स्वयं ही कर सकेंगे। प्रदेश में रबी फसलों की गिरदावरी का काम 1 जनवरी 2025 से शुरू कर दिया गया है। इसके लिए किसान अपने मोबाइल में गुगल प्ले स्टोर के माध्यम से “राज किसान गिरदावरी एप” डाउनलोड कर अपने जन आधार से लॉगिन कर ई-गिरदावरी कम खुद से ही कर सकते हैं।

किसानों को पटवारी पर नहीं रहना होगा निर्भर

राज्य सरकार की इस पहल से अब किसानों को पटवारी पर निर्भर नहीं रहना होगा और फसलों का सही आंकलन होकर गिरदावरी कार्य समय पर पूर्ण हो जाएगा। राज्य के सभी किसान राज किसान गिरदावरी एप का अधिक से अधिक उपयोग कर अपनी रबी फसल की गिरदावरी का काम खुद ही कर सकेंगे। वह किसान भी गिरदावरी का काम अवश्य करें जिन्होंने अपने खेतों में कोई फसल नहीं लगाई है। इसके लिए किसानों को गिरदावरी एप में निल फसल (कोई फसल नहीं है) को सलेक्ट करते हुए गिरदावरी सबमिट करना होगा।

फसल नुकसान होने पर मिलेगा मुआवजा

राज्य सरकार द्वारा किसानों के द्वारा अधिक से अधिक ई-गिरदावरी किये जाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। सभी पटवारियों को ई-गिरदावरी करने हेतु किसानों को जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया है। किसान इस कार्य में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने क्षेत्र के पटवारी से सम्पर्क कर गिरदावरी कार्य में सहायता ले सकते हैं। किसानों द्वारा ई-गिरदावरी स्वयं के स्तर पर करने से फसल नुकसान की वास्तविक स्थिति का आंकलन होने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा भविष्य में यदि किसी प्रकार का मुआवजा दिया जाता है तो किसानों को उसका सम्पूर्ण लाभ मिल सकेगा।

यह भी पढ़ें:  जैविक खेती क्या है? जैविक खेती की परिभाषाएं

किसान ऐसे करें एप से गिरदावरी

एप से गिरदावरी करने के लिए किसान को सबसे पहले संबंधित ग्राम के पटवारी को अपना जन आधार भिजवाकर जन आधार अपने खसरे के साथ सीडिंग करना होगा। जिसके बाद राज किसान गिरदावरी एप डाउनलोड करने पर अपने जनआधार से एप में लॉगिन कर सकते है। आधार से जुड़े मोबाइल नम्बर पर ओ.टी.पी. प्राप्त होगा, जिससे वेरिफाई होने के बाद ऐप लॉगिन हो जाएगा। उसके बाद फसल विवरण जोड़ें पर क्लिक करना होगा।

फिर ऊपर की साइड में जनाधार से जुड़े खसरे का ऑप्शन आयेगा, उस पर क्लिक कर अपना जिला सलेक्ट कर आगे बढ़ना होगा। जिसके पश्चात् अपने खेत का खसरा नम्बर प्रदर्शित होगा उस पर कैलिब्रेट पर क्लिक करना होगा। कैलिब्रेट करने बाद गिरदावरी सीजन एवं फसल सलेक्ट करते हुए खसरे का एरिया हेक्टेयर में अंकित करना होगा।

इसके बाद फसल सिंचित है या असिंचित एवं सिंचाई का स्रोत तथा फलदार पेड़ है तो उनकी संख्या आदि जानकारी अंकित करते हुए खेत-खसरे में जो फसल बो रखी है उसकी उच्च गुणवत्ता की फोटो अपलोड करनी होगी ताकि पटवारी स्तर की जांच में फसल की स्थिति स्पष्ट हो सके। उक्त प्रक्रिया के बाद प्रिंट प्रिव्यू का ऑप्शन दिखेगा, यहां क्लिक करने के बाद सबमिट का ऑप्शन रहेगा। सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करने पर काश्तकार द्वारा की गई गिरदावरी सबमिट होते हुए, पंजीकरण संख्या प्राप्त हो जाएगी।

यह भी पढ़ें:  पीएम कुसुम योजना: किसान 60 प्रतिशत की सब्सिडी पर सोलर पम्प लेने के लिए आवेदन करें

गिरदावरी करते समय इन बातों का रखें ध्यान

एक खाते में एक से अधिक खातेदार होने की स्थति में किसी भी एक खातेदार द्वारा संपूर्ण खसरे की गिरदावरी करें। एक खसरे में एक से अधिक फसल है तो एक से अधिक फसल की गिरदावरी सबमिट करनी होगी। गिरदावरी करते समय फसल के साथ खुद की सेल्फी फोटो की आवश्यकता नहीं है। गिरदावरी सबमिट से पहले भली भांति देखलें की गिरदावरी से संबंधित समस्त विवरण सही है या नहीं। क्योंकि गिरदावरी एक बार सबमिट करने के बाद किसान उस गिरदावरी में किसी प्रकार का एडिट नहीं कर पायेंगे। किसी प्रकार के एडिट की आवश्यकता रहे तो पटवारी से सम्पर्क कर वांछित एडिट करवाया जा सकता है।

ई-गिरदावरी के फायदे 

किसानों द्वारा स्वयं गिरदावरी करने से गिरदावरी कार्य में पटवारी स्तर पर निर्भरता कम रहेगी एवं वास्तविक फसल की गिरदावरी करना सम्भव हो सकेगा। साथ ही फसल का अंकन समुचित रुप से हो पाएगा। इसके अलावा फसल नुकसान होने पर मुआवजा भी आसानी से मिल जाएगा। वहीं किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए पंजीयन में आसानी भी होगी।

Play Quiz
Install App
Join Whatsapp

Must Read

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
यहाँ आपका नाम लिखें

Latest News